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Uttarakhand News: नौ नवंबर से पहले अस्तित्व में आएगा कड़ा भू-कानून, मुख्यमंत्री धामी ने उठाया बड़ा कदम

उत्तराखंड में सख्त भू कानून जल्द लागू होने जा रहा है। राज्य सरकार 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस से पहले ही इसे लागू करने की तैयारी में है। सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता वाली समिति अपनी रिपोर्ट अगले महीने तक सरकार को सौंप सकती है।

By Ravindra kumar barthwal Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 15 Sep 2024 07:50 AM (IST)
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Uttarakhand Land Law उत्तराखंड में कड़ा भू-कानून लागू होने वाला है। जागरण

रविंद्र बड़थ्वाल, जागरण देहरादून। प्रदेश में कड़ा भू कानून शीघ्र लागू होगा। पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य स्थापना दिवस नौ नवंबर से पहले कड़े भू कानून के क्रियान्वयन का रास्ता साफ करने जा रही है। भू कानून पर सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट के अध्ययन एवं परीक्षण के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को अगले माह तक सौंप सकती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू करने के पक्ष में रहे हैं। उनकी पहल पर वर्तमान भू कानून के परीक्षण के लिए पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की गई। समिति ने पांच सितंबर, 2022 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।

जिलों में भूमि की बड़े पैमाने पर खरीद व बिक्री पर समिति ने प्रश्न खड़े किए। रिपोर्ट में कहा गया कि औद्योगिक प्रयोजनों के लिए ली गई भूमि का अन्य उपयोग किया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट के अध्ययन और सशक्त भू कानून बनाने पर विचार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में समिति गठित की।

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समिति कृषि एवं औद्यानिक प्रयोजन के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की ओर से भूमि खरीदने की अनुमति के संबंध में प्रक्रियागत संशोधन और वर्तमान भू कानून को सशक्त बनाने से संबंधित पहलुओं पर मंथन कर रही है। इसके अतिरिक्त कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति भी सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है।

मंत्रिमंडलीय उपसमिति प्रदेश में वर्ग-तीन और वर्ग-चार की भूमि के प्रकरणों की वस्तुस्थिति पर भी रिपोर्ट तैयार करेगी। इन दोनों समितियों की अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं। हाल ही में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में जिलों को आवश्यक सूचनाएं शीघ्र भेजने के निर्देश दिए गए।

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कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने उपसमिति की शीघ्र बैठक बुलाने को भी कहा है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति और मुख्य सचिव समिति की अगले कुछ दिनों में एक-एक बैठक और हो सकती है। दोनों समितियां अपनी रिपोर्ट को शीघ्र अंतिम रूप देंगी। इनकी रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार कड़े भू-कानून का रास्ता साफ कर सकती है।

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