उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक और प्राचार्य को कठोर चेतावनी जारी Dehradun News
सूचना आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक व एक प्राचार्य की सेवा पुस्तिका में कठोर चेतावनी चस्पा करने के आदेश दिए हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 08 Feb 2020 02:06 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सूचना आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक व एक प्राचार्य की सेवा पुस्तिका में कठोर चेतावनी चस्पा करने के आदेश दिए हैं। भ्रमित करने वाली सूचना देने के लिए यह आदेश जारी किए गए।
रुद्रपुर स्थित सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. एसके श्रीवास्तव ने उच्च शिक्षा निदेशालय से प्राचार्यों की नियुक्ति से संबंधित सूचनाएं मांगी थी। लोक सूचनाधिकारी की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्हें सूचना आयोग में अपील करनी पड़ी।प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने पाया कि बिंदु एक व दो की सूचना नहीं दी गई, जबकि इसे देना दिखाया गया है। वास्तव में यह बिंदु तीन की सूचना थी। शेष बिंदुओं की सूचना बिना कारण धारित न होना बताया गया। आयोग ने पाया कि जिस समय आवेदन पत्र दाखिल किया गया, उस समय डॉ. केके पांडेय (अब एसबीएस कॉलेज रुद्रपुर में प्राचार्य) लोक सूचनाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके बाद जब उप निदेशक डॉ. एचएस नयाल ने कार्यभार संभाला तो उन्होंने भी सूचना देने में हीलाहवाली बरती। गंभीर यह कि अपीलीय अधिकारी तत्कालीन प्रभारी निदेशक एससी पंत ने भी अपील का गंभीरता से निस्तारण नहीं किया।
लिहाजा, तत्कालीन प्रभारी निदेशक को चेतावनी जारी की गई। वहीं, उप निदेशक नयाल व प्राचार्य पांडे को कठोर चेतावनी जारी करते हुए निदेशक उच्च शिक्षा को निर्देश दिए गए कि वह इसे दोनों कार्मिकों की सेवा पुस्तिका में चस्पा कर दें। ताकि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो। इसके अलावा इन दोनों अधिकारियों को आदेश दिया गया कि वह निजी स्रोतों से 15 दिन के भीतर जानकारी उपलब्ध कराकर अपीलार्थी को मुहैया कराएंगे।
लोनिवि के सहायक अभियंता पर 5000 जुर्माना
सूचना आयोग ने लोनिवि प्रांतीय खंड हरिद्वार के सहायक अभियंता अरुण कुमार केसरवानी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई सूचना देने में किए गए पांच माह के विलंब पर की गई।हरिद्वार के कनखल निवासी नितिन तेश्वर ने प्रांतीय खंड से 26 फरवरी 2019 को विभिन्न बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। तय समय के भीतर सूचना न मिलने पर उन्होंने सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। जिस पर आयोग ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। लोक सूचनाधिकारी अरुण कुमार ने जवाब में बताया कि अपीलार्थी को 14 जून को सूचना दे दी गई थी।
यह भी पढ़ें: सूचना आयोग का चाबुक, दो आबकारी अधिकारियों पर 25 हजार का जुर्मानाहालांकि, यह सूचना एक पूर्ववर्ती सहायक अभियंता पहले ही भेज चुके थे। इस तरह सूचना देने में किए गए अनावश्यक विलंब पर राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाईं ने सहायक अभियंता पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। इसकी वसूली की जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता को दी गई है।
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