पहले ही दिन उड़ीं लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जियां
दून शहर के तीन बड़े डिग्री कॉलेज डीएवी, डीबीएस और एसजीआरआर में दावेदारों ने प्रिंटेड पोस्टर-बैनर के साथ बड़े-बड़े फ्लैक्स भी लगा दिए हैं।
By Edited By: Updated: Sun, 02 Sep 2018 10:51 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार में जुटे प्रत्याशियों ने शनिवार को लिंगदोह समिति की सिफारिशों की खूब धज्जियां उड़ाईं। शहर के तीन बड़े डिग्री कॉलेज डीएवी, डीबीएस और एसजीआरआर में दावेदारों ने प्रिंटेड पोस्टर-बैनर के साथ बड़े-बड़े फ्लैक्स भी लगा दिए हैं। इनको कॉलेज परिसर ही नहीं, शहर के चौक-चौराहों पर देखा जा सकता है। जबकि, लिंगदोह समिति की सिफारिशों में साफ है कि छात्र संघ चुनाव में सिर्फ हाथ से बने पोस्टर और बैनरों का इस्तेमाल होगा। इनको भी कॉलेज में ही तय स्थान पर लगाया जा सकेगा।
शनिवार को किसी भी महाविद्यालय में लिंगदोह समिति की सिफारिशों को लेकर सख्ती नहीं दिखाई दी। चुनाव के लिए करीब 70 फीसद उम्मीदवारों ने हैंडकार्ड और स्टीकर तैयार करा लिए हैं। उम्मीदवार के समर्थक झुंड बनाकर कक्षाओं में प्रचार कर रहे हैं। जबकि ऐसा करना भी प्रतिबंधित है। दून में सिर्फ एमकेपी महाविद्यालय की छात्राएं प्रचार के लिए हाथ से बने पंफलेट का प्रयोग करती हैं। लेकिन, अन्य तीन महाविद्यालयों में प्रिंट प्रचार सामग्री का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जबकि अभी प्रचार का शुरुआती दौर है। आगे जैसे-जैसे प्रचार अभियान परवान चढ़ेगा। प्रचार सामग्री और बढ़ेगी।
डीएवी महाविद्यालय के मुख्य गेट के बाहर चहारदीवारी और गेट पोस्टर से पटा पड़ा है। इसके अलावा करनपुर मार्ग पर बिजली के पोल और दुकानों की दीवारों पर भी पोस्टर लगा दिए गए हैं। कुछ ऐसा ही नजारा एसजीआरआर महाविद्यालय के बाहर का भी है। यहां भी विभिन्न छात्र संगठनों ने पथरीबाग से लेकर करीब एक किलोमीटर क्षेत्र में सड़क पर बड़े-बड़े पोस्टर-बैनर लगा दिए हैं। डीबीएस महाविद्यालय के आसपास भी प्रचार सामग्री खूब दिखाई दे रही है।
ये हैं लिंगदोह समिति की सिफारिशें
- महाविद्यालय परिसर में एक मात्र हाथ से बना फ्लैक्स लगेगा।
- महाविद्यालय में वॉल पेंटिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है।- कैंपस के बाहर कोई भी प्रचार सामग्री नहीं लगेगी।
- कक्षाओं में व्यवधान डाल प्रचार नहीं किया जाएगा।- परिसर के बाहर रैली-प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेगा।
- राजनीतिक पार्टियां चंदा देंगी तो चुनाव रद होगा। - खर्च का ब्यौरा प्रशासनिक अधिकारी को देना होगा।
- अधिकतम चुनाव खर्च डीएवी में 50 हजार एवं अन्य कॉलेज में 25 हजार निर्धारित है।- सरकारी संपत्ति पर प्रचार सामग्री नहीं लगाई जा सकती है।
- चुनाव के तुरंत बाद प्रचार सामग्री संगठन को स्वयं हटानी होगी।लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का ध्यान रखा जा रहा
सौरभ ममगाईं (जिला अध्यक्ष एनएसयूआई) का कहना है कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। दून के चारों महाविद्यालय में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को बताया गया है कि वह कैंपस के बाहर न प्रचार सामग्री लगाएं और न जुलूस-प्रदर्शन करें। उनके संगठन के प्रत्याशी एक-एक छात्र से व्यक्तिगत संपर्क कर रहे हैं।नियम-कानून का पालन किया जा रहा हैप्रदीप शेखावत (प्रदेश संगठन मंत्री, एबीवीपी) का कहना है कि छात्र संघ चुनाव में संगठन लिंगदोह समिति की सिफारिशों का पूरा ध्यान रख रहा है। प्रत्येक महाविद्यालय परिसर में जो नियम-कानून तय किए गए हैं, उनका शत प्रतिशत पालन किया जा रहा है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी से लेकर समर्थक, सभी को बैठक में इस बात को लेकर आगाह किया गया है।प्रशासन की ओर से चुनाव पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाएगीएसए मुरूगेशन (जिला अधिकारी, देहरादून) का कहना है कि उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर उन महाविद्यालयों की सूची मांगी गई है, जहां छात्र संघ चुनाव होने हैं। निदेशालय की ओर से सूची प्राप्त होने के बाद छात्र संघ चुनाव वाले महाविद्यालय में प्रशासन की ओर से चुनाव पर्यवेक्षक की नियुक्ति कर दी जाएगी। सभी चुनें-सही चुनें डॉ. सीएस नौटियाल (कुलपति, दून विवि) का कहना है कि दून विश्वविद्यालय में छात्र परिषद के चुनाव होते हैं। छात्रों से अपील है कि सभी छात्र मतदान करें, ताकि सही छात्र प्रतिनिधि चुने जाएं। चुनाव के पहले चरण में सात कॉलेजों से प्रतिनिधि चुना जाएगा। जिसमें सभी छात्र-छात्राएं मतदान करेंगे। इसके बाद 28 चुने हुए प्रतिनिधियों में से ही छात्र परिषद का गठन होगा। अच्छी छात्र परिषद विवि के शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने में अधिक मददगार होगी। डॉ.अजय सक्सेना (प्राचार्य, डीएवी कॉलेज) का कहना है कि छात्र संघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी माना जाता है, लेकिन बदलते परिवेश में छात्रों को इसके सकारात्मक पक्ष की ओर ध्यान देना होगा। सबसे पहले सभी छात्र मतदान में शामिल हों। उसी छात्र को चुनें जो शैक्षिक उन्नयन की बात करे। छात्रों की राजनीति में पठन-पाठन सबसे ऊपर होना चाहिए। उच्च शिक्षा की बेहतर पढ़ाई ही भविष्य की नींव तैयार करती है।प्रो. वीए बौड़ाई, प्राचार्य (एसजीआरआर) का कहना है कि छात्र संघ चुनाव में जागरण की पहल सभी चुनें-सही चुनें स्वागत योग्य है। हजारों छात्र-छात्राएं ऐसे होंगे जो पहली बार मतदाता के रूप में छात्र संघ चुनाव में प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्हें अवश्य मतदान करना चाहिए। छात्र ऐसे उम्मीदवार को अपना नेता चुन सकते हैं जो छात्र हित और कॉलेज में शैक्षणिक वातावरण तैयार करने में मदद करें।डीएवी में एनएसयूआइ-एबीवीपी आमने-सामनेजागरण संवाददाता, देहरादून: डीएवी महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है। शनिवार को कैंपस में एनएसयूआइ के अध्यक्ष पद के दावेदार आदित्य बिष्ट के समर्थकों ने रैली निकाली। वहीं, एबीवीपी की ओर से अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे जितेंद्र सिंह बिष्ट के समर्थकों ने भी शक्ति प्रदर्शन किया। महाविद्यालय के मुख्य गेट के समीप दोनों संगठनों के समर्थक आमने-सामने हो गए। किसी प्रकार का विवाद न हो इसे देखते हुए पुलिस दोनों संगठन के बीच तैनात हो गई। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। उधर, डीएवी से आर्यन संगठन से महासचिव पद के दावेदार शूरवीर सिंह चौहान के समर्थकों ने भी रैली निकाली। इसके अलावा सत्यम-शिवम, अखंड भारतीय छात्र संगठन एवं एसएफआइ ने अपने-अपने प्रत्याशियों के साथ छात्रों के बीच प्रचार किया। उधर, अखंड भारतीय छात्र संगठन के सागर जोशी ने भी अध्यक्ष पद के लिए वोट मांगे।एमकेपी में बागियों से निपटना चुनौतीएमकेपी महाविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) से असंतुष्ट निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनौती दे रहे हैं। विगत शुक्रवार को एनएसयूआइ से हटाई गईं स्वाति नेगी ने सभी छह पदों पर निर्दलीय प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। शनिवार को एबीवीपी से पूर्व छात्र संघ सहसचिव अनामिका वर्मा एवं पूर्व विवि प्रतिनिधि वैशाली यादव ने एमकेपी में प्रेस वार्ता की। कहा कि उन्हें बिना विश्वास में लिए एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर दावेदार घोषित कर दिया, जिससे छात्राएं नाराज हैं। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में पूरा पैनल निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। जिसमें सोनिया गौतम अध्यक्ष, निधि कुमारी उपाध्यक्ष, सोनाली रावत महासचिव, नेहा सहसचिव, मुस्कान रावत कोषाध्यक्ष और प्रीति विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर चुनाव लड़ेंगी।पूर्व नेता एनएसयूआइ में शामिलडीएवी महाविद्यालय के दीनदयाल सभागार में शनिवार को पूर्व छात्र नेता मोनिका, वरिष्ठ छात्र नेता सुरेश सिंह व मृदुला कौशिक एनएसयूआइ में शामिल हो गए। मौके पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी, राष्ट्रीय सचिव व उत्तराखंड प्रभारी निखिल कांबले, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष सौरभ ममगाईं ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान मोनिका को जिला महासचिव भी नियुक्त किया गया। शामिल नेताओं ने एनएसयूआइ के डीएवी से अध्यक्ष प्रत्याशी आदित्य बिष्ट एवं विवि प्रतिनिधि प्रत्याशी अंजलि चमोली को विजयी बनाने की प्रतिज्ञा ली। इस मौके पर विकास नेगी, डिंपल शैली, आयुष गुप्ता, उमा शंकर, संदीप सिंह आदि मौजूद रहे।आर्यन के दो प्रत्याशी मैदान मेंश्री गुरुराम राय महाविद्यालय में आर्यन छात्र संगठन ने महासचिव एवं सहसचिव पद पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। शनिवार को परिसर में संगठन के महाविद्यालय प्रभारी हरिशंकर गौड़ की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि अकमल अली महासचिव एवं सोनम शर्मा सहसचिव पद पर मैदान में उतरेंगे। इस मौके पर आर्यन से पूर्व महासंघ महासचिव सूर्यकांत सती, विपिन भट्ट, अनिल तड़ियाल, नरेश भट्ट, महादेव रतूड़ी, अनुज प्रसाद, अभिषेक सेमवाल आदि मौजूद रहे।दो कॉलेजों में बिके 121 नामांकन पत्रछात्र संघ चुनाव के लिए शनिवार को डीबीएस में 75 और डीएवी कॉलेज में कुल 46 नामांकन पत्र बिके। डीबीएस के चुनाव प्रभारी डॉ. दलीप शर्मा एवं डीएवी महाविद्यालय के चुनाव अधिकारी डॉ.डीके त्यागी ने इसकी पुष्टि की।यह भी पढ़ें: छात्र संगठनों को लिंगदोह की नई सिफारिशें चुनौती, ईवीएम से चुनाव के मंसूबे अधूरेयह भी पढ़ें: उत्तराखंड: देश में पहली बार कर्इ मायनों में एतिहासिक होगा छात्रसंघ चुनावयह भी पढ़ें: चुनाव को छात्रों के साथ पुलिस ने कसी कमर, 58 छात्र पाबंद
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