Move to Jagran APP

सुभारती से शिफ्ट हुए छात्र फिर कोर्ट की शरण में, जानिए पूरा मामला

सुभारती मेडिकल कॉलेज से शिफ्ट किए गए एमबीबीएस 2016 बैच के छात्र फिर एक बार कोर्ट की शरण में हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 01 Sep 2019 02:44 PM (IST)
Hero Image
सुभारती से शिफ्ट हुए छात्र फिर कोर्ट की शरण में, जानिए पूरा मामला
देहरादून, जेएनएन। श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज से शिफ्ट किए गए एमबीबीएस 2016 बैच के छात्र फिर एक बार कोर्ट की शरण में हैं। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। जिस पर कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अब 13 सितंबर को सुनवाई होनी है। वहीं, अभिभावकों ने राजभवन को भी पत्र भेजा है। 

बता दें, गत वर्ष दिसंबर माह में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने सुभारती मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहित कर लिया था। यहां एमबीबीएस कोर्स संचालन को लेकर एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। जिसने तमाम सुविधाओं और संसाधनों की पड़ताल करने के बाद यह रिपोर्ट दी कि मौजूदा स्थिति में कॉलेज एमसीआइ मानक पूरे नहीं करता। यहां अगले बैच का एमबीबीएस का कोर्स संचालित करना संभव नहीं है। जिस पर राज्य सरकार ने यह पक्ष कोर्ट में रखा। 

कोर्ट ने सुभारती में अध्ययनरत छात्रों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के तहत इन्हें प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया गया था। इनमें 2016 बैच के भी 150 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। जिनकी कॉलेज का अधिग्रहण होने के वक्त द्वितीय वार्षिक परीक्षा होनी प्रस्तावित थी। पर क्योंकि एमसीआइ ने रास बिहारी बोस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित परीक्षा को अमान्य करार दिया, कोर्ट ने यह आदेश दिया कि उक्त छात्रों को प्रथम वार्षिक परीक्षा दोबारा देनी होगी। पर इस परीक्षा के आयोजन व परिणाम जारी होने में लंबा वक्त लग गया। 

यह भी पढ़ें: सेमेस्टर सिस्टम: आसान रास्ते निकालना समाधान नहीं, संसाधन उपलब्ध कराए सरकार

इस स्थिति में तीन साल में इन छात्रों की मात्र एक ही वार्षिक परीक्षा अभी तक हुई है। जिस कारण छात्र अत्यधिक तनाव में हैं। अभिभावकों का भी कहना है कि छात्रों के साथ न्याय नहीं हुआ है। सुभारती मेडिकल कॉलेज की करनी की सजा उन्हें भुगतनी पड़ रही है। उनका बैच लेट होता जा रहा है और इस कारण उनका भविष्य दांव पर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का राज्य सरकार, चिकित्सा शिक्षा विभाग व एचएनबी मेडिकल विवि ने ठीक ढंग से पालन नहीं किया। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सुभारती मेडिकल कॉलेज के 2016 बैच के छात्रों को शिफ्ट किया गया। छह सप्ताह में ही एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलपति डॉ. हेमचंद्र पांडेय ने बताया कि उनकी प्रथम वार्षिक परीक्षा करा दी गई थी। जहां तक आगे की परीक्षाओं का प्रश्न है वह एमसीआइ के नियमों के मुताबिक ही होंगी। एमसीआइ ने एग्जाम के लिए टाइम फ्रेम तय किया हुआ है। जिसमें अध्यापन दिवस व एग्जाम को लेकर स्पष्ट निर्देश हैं। विवि भी नियमों से बंधा है। भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के जो आदेश होंगे, उनका पालन किया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अब सभी गेस्ट फैकल्टी को मिलेगा समान वेतन, इतना हुआ मानदेय

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।