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चुनाव से पहले गर्मा रही छात्र राजनीति, प्रदर्शनों का दौर शुरू

भले ही उत्तराखंड के कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई, लेकिन छात्र राजनीति गर्माने लगी है। छात्रों के गुटों का मांगों को लेकर प्रदर्शन का दौर भी शुरू हो गया है।

By BhanuEdited By: Updated: Thu, 30 Aug 2018 09:30 AM (IST)
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चुनाव से पहले गर्मा रही छात्र राजनीति, प्रदर्शनों का दौर शुरू
देहरादून, [जेएनएन]: भले ही उत्तराखंड के कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई, लेकिन छात्र राजनीति गर्माने लगी है। छात्रों के गुटों के बीच आपसी संघर्ष के साथ ही मांगों को लेकर प्रदर्शन का दौर भी शुरू हो गया है।  

डीएवी महाविद्यालय में सत्यम-शिवम छात्र संगठन में आपसी विवाद बढ़ता जा रहा है। इन संगठन से जुड़े छात्र आपस में फिर भिड़ गए। एक पक्ष ने डालनवाला थाने में तहरीर भी दी है। विदित हो कि बीती सोमवार को छात्रों के बीच मारपीट हुई थी। जिसमें छात्र नेता अरविंद चौहान को चोट आई थी। उन्होंने चार छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।

इस मामले में थाना डालनवाला के प्रभारी राजीव रोथाण ने बताया कि मंगलवार को दीवान सिंह रावत निवासी खुड़बुड़ा ने थाने में लिखित तहरीर दी है कि डीएवी कॉलेज में सुबह अरविंद चौहान व उसके साथी जितेंद्र सिंह, नवनीत चौहान, जितेंद्र कुमार, जयवीर चौहान आदि ने मेरे दोस्त संदीप शर्मा के साथ मारपीट की। जिससे वह घायल हो गए। 

उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपितों ने जान से मारने की भी धमकी दी। पुलिस ने नामजद पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

सत्यम शिवम और निश्चय ने घोषित किया प्रत्याशी 

डीएवी महाविद्यालय में सत्यम शिवम व निश्चय छात्र संगठनों ने गठबंधन कर महासचिव पद पर साझा उम्मीदवार की घोषणा की। दोनों संगठनों की ओर से सचिन नैथानी को महासचिव पद पर प्रत्याशी चुना गया।

सत्यम शिवम छात्र संगठन के पूर्व महासचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार उनका संगठन निश्चय संगठन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा। गठबंधन केवल इसी साल के लिए किया गया है। इस मौके पर निश्चय छात्र संगठन के संस्थापक मुकेश रावत, मनीष बागड़ी आदि मौजूद रहे।

पीजी में दाखिले शुरू करने को प्रदर्शन

अभाविप ने डीएवी में पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले शुरू करवाने समेत अन्य मांगों को लेकर प्राचार्य घेराव किया। संगठन ने कहा कि अगस्त माह के अंत तक भी पीजी में दाखिले शुरू नहीं किए गए हैं। जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  

डीएवी छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम सिमल्टी ने कहा कि कई छात्र पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका है। इससे कई छात्रों को परेशानी हो रही है, तो कुछ ने मजबूरन निजी संस्थानों में दाखिला ले लिया है। 

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल कुमार लारा ने कहा कि कई परीक्षाओं के परिणाम अभी तक नहीं आए हैं, इससे छात्र परेशान हैं। कैंटीन की दुर्दशा भी किसी से छिपी नहीं है। इस ओर भी कॉलेज प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा। इस दौरान जितेंद्र बिष्ट, निखिल शर्मा, सुमित कुमार, हनी सिसौदिया, पंकज भट्ट, मयंक खंडूड़ी, रिंकू वर्मा, वासू आदि मौजूद रहे। 

एमकेपी में प्राचार्या से उलझीं छात्राओं का हंगामा

एमकेपी पीजी कॉलेज में मंगलवार को छात्राओं ने प्राचार्या व शिक्षिकाओं के साथ हुई बैठक के दौरान जमकर हंगामा किया। कॉलेज के अंदर से आंतरिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं गुम होने को लेकर छात्राओं ने नाराजगी जताई। साथ ही कॉलेज प्रबंधन पर पुलिस से शिकायत करने के बजाय लीपापोती का आरोप लगाया। एनएसयूआइ से जुड़ी छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने कालेज का मुख्यगेट बंद करवा दिया। 

साथ ही गेट पर पुलिस को तैनात कर उन्हें कॉलेज में प्रवेश से रोका गया। जबकि वह बीएससी पर्यावरण विज्ञान प्रथम सेमेस्टर की गुम हुई कापियों के बारे में ज्ञापन देने आ रहीं थीं। 

उधर शिक्षक संघ की अध्यक्ष डॉ.चेतना पोखरियाल ने कहा कि छात्राओं को वस्तुस्थिति से अवगत करवाने के लिए बैठक बुलाई गई थी, लेकिन दो छात्राओं ने प्राचार्या के साथ अभद्र व्यवहार किया। जिसकी शिक्षक संघ कडे़ शब्दों में निंदा करता है। 

शिक्षक संघ ने छात्रा गरिमा शर्मा व उर्वशी चौहान पर प्राचार्या डॉ. सुनीता कुमार व शिक्षिकाओं के साथ अभद्रता का आरोप लगाया। उधर, एनएसयूआइ की प्रदेश महासचिव एवं एमकेपी प्रभारी डिंपल शैली ने आरोप लगाया कि कॉलेज के गेट पर तैनात पुलिस ने उन्हें प्रवेश से रोका, जबकि वह छात्राओं की समस्याओं को लेकर भीतर आ रही थीं। 

गुम कापियां मिलीं, जांच होगी 

प्राचार्या डॉ. सुनीता कुमार ने कहा कि कॉलेज में बीएससी पर्यावरण विज्ञान प्रथम सेमेस्टर की जो उत्तर पुस्तिकाएं गुम हुई थीं, वह अचानक कॉलेज के एक कमरे से मंगलवार को बरामद हुई। कापियों की जांच के लिए मंगलवार रात तक शिक्षिकों की ड्यूटी लगाई गई है। नंबर विश्वविद्यालय को भेज दिए जाएंगे। कापियां गायब होने की जांच को टीम भी गठित कर दी गई है।

75 महाविद्यालयों को नैक संबद्धता का अल्टीमेटम

प्रदेश के 75 राजकीय महाविद्यालयों को छह महीने के भीतर अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से संबद्धता लेनी होगी। अभी तक प्रदेश के केवल 25 महाविद्यालय नैक से प्रत्यायित हैं। यह बात दून विवि के सीनेट हॉल में रूसा की 'उच्च शिक्षा में सुधार एवं नैक प्रत्यायन' विषय पर आयोजित कार्यशाला में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.धन सिंह रावत ने कही। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत प्रदेश के 37 महाविद्यालय एवं तीन विश्वविद्यालय के लिए पहली किस्त के रूप में करीब 1.44 करोड़ रुपये धनराशि जारी की गई थी, जिसे विभिन्न मदों पर खर्च किया जाना है। जिस महाविद्यालय ने प्राप्त धनराशि को 30 सितंबर तक शत प्रतिशत खर्च नहीं किया, उसकी शेष धनराशि को वापस ले लिया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सभी 75 महाविद्यालयों के पास अपने भवन हैं। ऐसे में नैक के लिए आवेदन करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि ऊधम सिंह नगर, नैनीताल एवं देहरादून जिलों को छोड़कर अन्य पर्वतीय जिलों में स्थित महाविद्यालय के प्राचार्य रिक्त प्राध्यापकों के पद अपने स्तर पर पांच सौ रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से भरें। इसके लिए शासन एवं सरकार के स्तर पर कोई लिखित आदेश की जरूरत नहीं है। 

उन्होंने कार्यशाला में पहुंची कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को शीघ्र महाविद्यालयों के भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। कार्यशाला के दौरान दून विवि के कुलपति डॉ.सीएस नौटियाल, यूटीयू के प्राचार्य डॉ.यूएस रावत, पूर्व कुलपति प्रो.एमएसएम रावत, उच्च शिक्षा सचिव अशोक कुमार, रूसा की संयुक्त परियोजना निदेशक डॉ.हर्षवंती बिष्ट आदि मौजूद रहे।  

नैक में मिली है शिथिलता: डॉ. रणबीर

रूसा के परियोजना निदेशक एवं अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री के प्रयासों से उत्तराखंड को नैक संबद्धता में केंद्र सरकार की ओर से नियमों में शिथिलता बरती जा रही है। अब 1.5 गे्रड प्वांइट वाले कॉलेजों को भी नैक से संबद्धता मिल रही है। उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों को नैक से संबद्धता मिली हुई है, वह ग्रेड प्वाइंट बढ़ाने की का प्रयास करें।

अटैचमेंट होगा समाप्त: उच्च शिक्षा निदेशक   

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. जेसी घिल्डियाल ने कहा कि कई महाविद्यालय में शिक्षक एवं नॉन टीचिंग स्टॉप पदोन्नति तो लेते हैं, लेकिन वह दूर के कॉलेजों में जाना नहीं चाहते। घर के समीप के कॉलेज में अटैचमेंट करा लेते हैं। इसे पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। प्राचार्य को निदेशालय की ओर से पत्र भेजा जा रहा है कि अटैच शिक्षक-कर्मचारियों को वापस बुलाया जाए। 

एमकेपी को आवंटित हुए  दो करोड़ रुपये  

कार्यशाला में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि एमकेपी महाविद्यालय को रूसा की ओर से दो करोड़ रुपये की ग्रांट आवंटित की गई है। यह धनराशि कॉलेज के आधारभूत ढांचे पर खर्च होगी। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सुनीता कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि कॉलेज को रूसा की ओर से मिली दो करोड़ की ग्रांट को कॉलेज के विकास में खर्च किया जाएगा। 

मोबाइल बेहरीन टूल 

कार्यशाला के दौरान पुणे की संस्था वेरिफर के विशेषज्ञों ने मोबाइल फोन को शिक्षण कार्य के लिए बेहतरीन टूल बताया। विशेषज्ञों ने पॉवर प्वाइंट के जरिये इसकी जानकारी दी। इस मौके पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने राजकीय महाविद्यालय थत्यूड़ की पत्रिका 'अभिव्यक्ति' का विमोचन भी किया।

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