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उत्‍तराखंड में उद्योगों को बीमार नहीं होने देगी सरकार: सुबोध उनियाल

कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में उद्योगों का अहम स्थान है। लॉकडाउन की वजह से उद्योगों पर संकट है। उन्हें बीमार होने से बचाया जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 02 May 2020 09:36 AM (IST)
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उत्‍तराखंड में उद्योगों को बीमार नहीं होने देगी सरकार: सुबोध उनियाल
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में उद्योगों का अहम स्थान है। लॉकडाउन की वजह से उद्योगों पर संकट है। उन्हें बीमार होने से बचाया जाएगा। इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में उन्होंने उद्योगों से मिलकर काम करने का आह्वान किया।

कोरोना महामारी से राज्य की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का आकलन कर उससे निपटने के उपाय तलाशने को गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष व काबीना मंत्री सुबोध उनियाल शुक्रवार को दैनिक जागरण के वेबीनार फोरम के माध्यम से प्रदेश के उद्यमियों से रूबरू हुए। लॉकडाउन के दौरान उद्योगों की ओर से मिल रहे सहयोग की सराहना करते हुए उन्होंने मौजूदा संकट से जल्द सकुशल बाहर आने की उम्मीद जताई।

उद्योग जगत की मदद की गुहार पर उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार हर मुमकिन कदम उठाएगी। वर्तमान में सरकार खुद भी आॢथक दिक्कतों से जूझ रही है। राजस्व वसूली नहीं होने से 18 हजार करोड़ का राजस्व संकट में है। रोजगार व आजीविका बचाने को सोशल सेक्टर पर जोर दिया जा रहा है। देशभर से करीब 60 हजार लोगों ने उत्तराखंड वापसी की है। रिवर्स पलायन के लिए इन लोगों को प्रशिक्षित कर उद्योगों के सामने कुशल श्रमिकों की समस्या को दूर करने पर विचार शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार इसे अवसर के रूप में देख रही है। आगे पलायन न हो, इसके लिए केंद्र से भी मदद मांगी गई है।

काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उद्योगों की परेशानियों के निदान के लिए दीर्घकालिक प्लानिंग जरूरी है। उद्योगों का रिवाइवल और सर्वाइवल सरकार की खास प्राथमिकता में है। उद्योगों के सामने नकदी की समस्या है। बैंकों के साथ मिलकर इस समस्या का निदान किया जा रहा है। मंत्रिमंडल उपसमिति और पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में गठित समिति औद्योगिक संगठनों और उद्यमियों के साथ बैठक कर उनके सुझाव ले रही है, ताकि बेहतर समाधान का रास्ता तैयार किया जा सके।

राज्य के उद्योगों को टेंडरों में प्राथमिकता पर होगा विचार

कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में एमएसएमई को राहत देने को राज्य सरकार के टेंडरों में उन्हें प्राथमिकता देने पर विचार किया जाएगा। साथ ही सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों को देय सब्सिडी और राज्य के सार्वजनिक निगमों-उपक्रमों में उनकी बकाया राशि का भुगतान जल्द कराया जाएगा।

 दैनिक जागरण के वेबीनार फोरम में मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष व काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने तकरीबन दो घंटा उद्योग जगत की ओर से रखी गईं समस्याओं को गंभीरता से सुना और उन्हें नोट भी किया। उन्होंने उद्यमियों को भरोसा दिलाया कि कोरोना संकट के मौके पर किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान या संस्थान का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। उद्योगों का काम और गतिविधियां ठप होने से हो रहे नुकसान पर उन्होंने कहा कि राहत देने के लिए व्यापक स्तर पर मंथन शुरू हो चुका है। एमएसएमई सेक्टर के 30 फीसद खत्म होने की आशंका पर उन्होंने कहा कि रोजगार व आजीविका से जुड़े इस सेक्टर को राहत देने को कदम उठाए जाएंगे।

बैंकों से ऋण देने, मासिक किस्तों में ब्याज वसूली स्थगित नहीं करने संबंधी समस्याओं पर उन्होंने कहा कि इसके निपटारे को मुख्यमंत्री के साथ विशेष राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में निर्णय लिए जाएंगे। निजी बैंकों की ओर से राज्य सरकार व आरबीआइ के निर्देशों को नजरअंदाज करने पर उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कार्यवाही की जाएगी। साथ ही पांच करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले उद्यमों को जीएसटी में राहत देने पर उन्होंने कहा कि यह मसला केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा।

 उद्यमियों की कर्मचारियों को घर बैठे वेतन देने के निर्देशों से कर्मचारियों के काम पर लौटने को लेकर टालमटोल रवैये को उन्होंने गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि उद्योगों का कामकाज चले, इसके लिए कुशल श्रमिकों व कर्मचारियों की जरूरत है। इस समस्या के समाधान के लिए श्रमायुक्त को औद्योगिक संगठनों के साथ वार्ता को कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों में कार्मिकों के वेतन भुगतान और कोरोना के लिए एसओपी का पालन केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक करना आवश्यक है। इन गाइडलाइन के माध्यम से अनावश्यक उत्पीड़न नहीं करने दिया जाएगा।

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चारधाम यात्रा बाधित होने से पर्यटन और होटल व्यवसाय को नुकसान से उबारने पर भी विचार किया जा रहा है। उद्योगों की बिजली के फिक्स्ड चार्जेज माफ करने और पीक ऑवर्स में उद्योगों को शिफ्ट में चलाने की अनुमति दिए जाने पर उन्होंने कहा कि पीक ऑवर्स पर जनता को बिजली की आपूर्ति सुचारू रखने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर इंदु कुमार पांडे समिति उद्यमियों समेत सभी पक्षों के साथ मशविरा कर रही है। सरकार उक्त मांगों पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि उद्योगों को राहत देने के मामले को केंद्र सरकार के समक्ष भी रखा जा चुका है।

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