उत्तराखंड में होम स्टे के लिए दोगुना होगी सब्सिडी, पर्यटन विभाग कर रहा इसका मसौदा तैयार
Home Stay in Uttarakhand केदारनाथ से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में चल रही होम स्टे की मुहिम की सराहना की थी। राज्य सरकार होम स्टे के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को दोगुना करने की तैयारी में है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 11 Nov 2021 07:50 AM (IST)
केदार दत्त, देहरादून। Home Stay in Uttarakhand प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में केदारनाथ से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उत्तराखंड में चल रही होम स्टे की मुहिम की सराहना करते हुए कहा था कि इससे रोजगार भी मिल रहा और स्वाभिमान के साथ जीने का अवसर भी। इसे देखते हुए राज्य सरकार अब इस मुहिम को तेज करने जा रही है। इसी कड़ी में होम स्टे के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को दोगुना करने की तैयारी है। पर्यटन विभाग इसका मसौदा तैयार कर रहा है, जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। इसके साथ ही होम स्टे के आवेदन और बैंकों से ऋण लेने के मद्देनजर उद्योग विभाग के सहयोग से सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने समेत अन्य कई कदम उठाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में यात्रा मार्गों और पर्यटन स्थलों के आसपास के गांवों में यात्रियों व पर्यटकों को रहने की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से घरों को होम स्टे में तब्दील करने की योजना लांच की गई। इसके लिए सरकार सब्सिडी भी देती है, लेकिन शर्त यही है कि होम स्टे स्वामी वहां रहेगा और सैलानी बतौर पेइंग गेस्ट। होम स्टे में उत्तराखंड के खान-पान को परोसने के साथ ही पर्यटकों को यहां की सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित कराया जाएगा।
पिछले पांच वर्षों में इस पहल के बेहतर नतीजे आए हैं और राज्य में पांच हजार के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 3400 होम स्टे अस्तित्व में आ चुके हैं। बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से लोग इनमें ठहर रहे हैं। कोरोनाकाल में कुछ होम स्टे तो वर्क स्टेशन के तौर पर भी उभरे। अब जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं इस पहल की तारीफ की है तो सरकार को इससे बड़ा संबल मिला है। साथ ही उसने होम स्टे योजना की रफ्तार तेज करने का निश्चय किया है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार होम स्टे की मुहिम को दूरस्थ और सीमांत गांवों तक ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कड़ी में सब्सिडी दोगुना करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अभी तक शहरी क्षेत्र में 10 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। इसके साथ ही ट्रैकिंग क्लस्टर योजना में भी होम स्टे के लिए प्रति कक्ष 60 हजार और प्रति शौचालय 25 हजार रुपये की राशि देने का प्रविधान किया जा रहा है।
ये भी उठाए जा रहे कदम
-उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम से आनलाइन जमा होंगे आवेदन-सिंगल विंडो सिस्टम से ही बैंकों को भेजे जाएंगे चयनित अभ्यर्थियों के आवेदन-होम स्टे के लिए नक्शे पास कराने की अनिवार्यता होगी खत्म-परिवार की संयुक्त भूमि पर भी ऋण देने के लिए बनाया जा रहा नियमयह भी पढ़ें:- Uttarakhand Foundation Day: पहाड़ में थमेगा पलायन, लौटेगी गांवों की रंगत; जानें- सरकार ने उठाए क्या कदम और किसकी है दरकार
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