सुपरवाइजर संवर्ग ने पदोन्नति और वेतनमान की उठाई मांग
सुपरवाइजर्स एसोसिएशन आइसीडीएस (समन्वित बाल विकास योजना) का द्विवार्षिक अधिवेशन में पदोन्नति वेतनमान स्थानांतरण सहित विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श किया गया।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 04 Feb 2020 12:17 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सुपरवाइजर्स एसोसिएशन आइसीडीएस (समन्वित बाल विकास योजना) का द्विवार्षिक अधिवेशन में पदोन्नति, वेतनमान, स्थानांतरण सहित विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श किया गया। सुपरवाइजर संवर्ग की लंबित मांगों पर जल्द कार्रवाई की मांग राज्य सरकार से की गई। वहीं, द्वितीय सत्र में प्रांतीय कार्यकारिणी के चुनाव कराए गए।
रेसकोर्स स्थित पदम सिंह शिक्षक भवन में एसोसिएशन का सातवां द्विवार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सुपरवाइजर संवर्ग की विभिन्न मांगों को लेकर सरकार, शासन व विभागीय स्तर पर कई बार मांगपत्र दिया गया, लेकिन अभी तक इसका कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला है। विभाग की ओर से शासन को इस संबंध में कोई प्रस्ताव भी नहीं भेजा है। जिससे कर्मचारियों में रोष है। कहा कि कर्मचारी हित में लंबित प्रकरणों पर जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए। रेनु लांबा अध्यक्ष व दिशा शर्मा बनीं महामंत्री
अधिवेशन केद्वितीय सत्र में नई कार्यकारिणी के चुनाव चुनाव अधिकारी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह, शक्ति प्रसाद भट्ट, नंद किशोर त्रिपाठी, चौधरी ओमवीर सिंह, पान सिंह राणा की देखरेख में हुए। रेनु लांबा अध्यक्ष, दिशा शर्मा महामंत्री बनीं। इसके अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर अर्चना शर्मा, संयुक्त मंत्री गीता शर्मा व ममता को कोषाध्यक्ष पद पर चुना गया। कार्यक्रम में सविता काला, नीना भारती, सुमन बहुगुणा, नीलम कप्रवाण, नजमा मंसूरी, उर्मिला कठैत, उर्मिला बधानी, ललिता, मिथलेश पाल, गंगोत्री भंडारी, शैला सेमवाल, ऋचा गर्ग, नीलम रावत, आशा जोशी, गीता शर्मा, प्रियंका भट्ट, पुष्पा वाल्दिया आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें: डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अधिवेशन में 11 सूत्रीय मांगों पर चर्चा Dehradun Newsएसोसिएशन की मुख्य मांगें -सुपरवाइजरों के कार्यदायित्व और शैक्षिक योग्यता को देखते हुए वेतनमान उच्चीकृत कर 9300-34800 ग्रेड-पे 4200 किया जाए।
-स्थानांतरण एक्ट के अनुसार सुपरवाइजर संवर्ग के कार्य क्षेत्र को देखते हुए समस्त पर्वतीय ब्लॉक को दुर्गम कोटीकृत किया जाए। -बाल विकास परियोजना अधिकारी के रिक्त पदों के सापेक्ष हर वर्ष डीपीसी बिठाई जाए। -आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार के मानक के अनुसार प्रत्येक 25 आंगनबाड़ी केंद्र पर एक सुपरवाइजर का पद स्वीकृत किया जाए। -सुपरवाइजर से विभागीय कार्य व दायित्वों के अतिरिक्त अन्य कोई काम न लिया जाए।
-50 वर्ष व अधिक की महिलाओं को स्थानांतरण में छूट दी जाए।यह भी पढ़ें: समस्याओं को लेकर राजा गार्डन के लोगों ने लगाया जाम, विधायक को घेरा Hraidwar News
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