Coronavirus: सामुदायिक निगरानी में 36 हजार लोगों का सर्वे, 19 संदिग्ध मिले
कोरोना संक्रमण जैसे लक्षणों की पड़ताल करने को सामुदायिक निगरानी में बीते रोज 36 हजार 293 लोगों का सर्वे किया गया। इसमें 19 लोगों को कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण मिले हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 15 Apr 2020 01:42 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण जैसे लक्षणों की पड़ताल करने के लिए की जा रही सामुदायिक निगरानी में बीते रोज 36 हजार 293 लोगों का सर्वे किया गया। इसमें 19 लोगों को कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण पाए गए। ये सभी लोग खांसी व जुकाम से भी पीड़ित हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में ऐसी स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने मेडिकल टीम को इनके सैंपल लेने के निर्देश दिए। ताकि जल्द स्थिति स्पष्ट की जा सके।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि शिक्षकों, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से दो लाख 30 हजार 255 लोगों की सेहत का सर्वे किया जा चुका है। पांच दिनों में ही 57 लोगों में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण मिले हैं। 13 अप्रैल तक के संदिग्धों के सैंपल कोरोना की जांच को लिए जा चुके हैं। नए संदिग्धों की भी सैंपलिंग कराई जा रही है। प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी संदिग्धों की पहचान कर तस्वीर साफ कर दी जाए।
दो लोग किए क्वारंटाइनसहसपुर विकासखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की प्रबल आशंका पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से दो लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में भेजा।
144 ने ली खांसी-जुकाम की दवाखांसी व जुकाम की दवा अब बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं दी जा रही है। जो लोग पर्ची के माध्यम से दवा ले रहे हैं, उनका ब्योरा मेडिकल स्टोर संचालक व चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा रहे हैं। मंगलवार को मिली सूची के अनुसार 144 लोगों ने खांसी व जुकाम की दवा ली। अब इन लोगों के स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जाएगी।
सील की गई कॉलोनियों में प्रशासन ने पहुंचाई रसद भगत सिंह कॉलोनी, लक्खीबाग और कारगी ग्रांट देहरादून में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सील किए गए हैं। ऐसे में यहां के लोगों को राशन, सब्जी, दूध समेत अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन के निर्देश पर रोजाना वाहन भेजे जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति विभाग, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। भगत सिंह कॉलोनी और कारगी ग्रांट क्षेत्र को लॉक हुए सप्ताहभर से अधिक बीत चुका है। यहां के लोगों का क्षेत्र से बाहर आना पूरी तरह बंद है, ना ही किसी को क्षेत्र में अंदर जाने दिया जा रहा है।
जिला प्रशासन ने जिला आपूर्ति विभाग और पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन के लोगों को ही यहां रसद पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है। लोगों को घर-घर जाकर खाद्य पदार्थ मुहैया करवाए जाते हैं। इसके अलावा अगले दिन की पूर्ति के लिए पहले ही लोगों से डिमांड ली जाती है जिसके आधार पर खाद्य सामग्री अगले दिन उपलब्ध करवाई जा रही है। मंगलवार को भगत सिंह कॉलोनी में आमतौर पर घर में प्रयोग होने वाले सामान के अलावा तीन लोडरों से सब्जी पहुंचाई गई। वहीं 21 रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति की गई। लक्खीबाग में 65 और कारगी ग्रांट में 36 सिलेंडर पहुंचाए गए।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में क्वारंटाइन रखे गए जमातियों से फिर होगी पूछताछचार राहत शिविर में लगाए टीवीलॉकडाउन में दून में फंसे 582 लोगों के ठहरने व खाने-पीने का इंतजाम विभिन्न 25 राहत शिविरों में किया गया है। हालांकि, लॉकडाउन लंबा हो जाने के चलते जिलाधिकारी ने राहत शिविर में लोगों के लिए मनोरंजन व समाचारों के माध्यम मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। इस क्रम में चार शिविरों में टीवी लगा दिए गए हैं। राहत शिविरों के नोडल अधिकारी (परियोजना निदेशक-डीआरडीए) विक्रम सिंह ने बताया कि चार राहत शिविर में टीवी लग चुके हैं। शेष शिविरों में भी बुधवार तक टीवी सेट लगा दिए जाएंगे। इसके साथ ही यहां रह रहे लोगों के लिए समाचार पत्र, मैगजीन आदि का इंतजाम भी कराया जा रहा है। इसमें अग्रवाल धर्मशाला में 13 लोगों का परिवार भी रह रहा है। इस स्थिति को देखते हुए यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए लूडो, क्रिकेट बैट व बॉल आदि का इंतजाम भी किया गया है।
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