अतिक्रमण हटने के बाद सड़क चौड़ीकरण का सर्वे शुरू, जख्मों पर लगेगा मरहम
अतिक्रमण हटाने के बाद प्रेमनगर बाजार को जोड़ने वाली संकरी सड़कों के चौड़ीकरण का सर्वे शुरू कर दिया है। वहीं, प्रदेश भर में गड्ढों पर साढ़े 36 करोड़ का मरहम लगेगा।
By BhanuEdited By: Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:43 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: अतिक्रमण हटाने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला ने प्रेमनगर बाजार को जोड़ने वाली संकरी सड़कों के चौड़ीकरण का सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे में करीब 900 मीटर सड़क को शामिल किया गया है। सर्वे टीम ने इसकी शुरुआत करते हुए समरेखण रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
हाई कोर्ट के आदेश पर प्रेमनगर बाजार में ध्वस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई की गई। यहां ध्वस्तीकरण का मलबा हटाने में राष्ट्रीय राजमार्ग खंड जुटा हुआ है। मलबा हटाने के साथ ही संकरी गली के दोनों तरफ खड़ी डांग को भी काटा जा रहा है। यहां अभी तक डेढ़ लेन सड़क होने से अक्सर लंबा जमा लगा रहता था। इससे नंदा की चौकी से लेकर आइएमए तक आने-जाने में खासी परेशानी होती थी। जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती थी। यही वजह रही कि हाई कोर्ट के आदेश पर यहां अवैध बाजार को ध्वस्त किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के लिए सर्वे शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि सर्वे में सड़क का समरेखण, सड़क के डबल लेन की चौड़ाई, फुटपाथ, नाली और सौंदर्यीकरण के कार्यों को शामिल किया गया है। जल्द ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद स्वीकृति के लिए शासन को भेजी जाएगी ताकि जल्द से जल्द सड़क चौड़ीकरण की स्वीकृति मिल सके।
मलबा हटाया, लोगों ने तोड़े अतिक्रमण
प्रेमनगर में बुधवार को भी टास्क फोर्स ने ध्वस्तीकरण का मलबा हटाने का कार्य जारी रखा। यहां मुख्य बाजार से लेकर नंदा की चौकी के बीच मलबा हटाने के साथ ही शेष अतिक्रमण भी लोगों ने स्वयं तोड़ा। खासकर डांग के ऊपर बने 20 भवनों के अतिक्रमण को लोगों ने मजदूर लगाकर हटाया। विधान सभा सत्र के चलते पुलिस फोर्स और अफसरों की व्यस्तता से यहां फिलहाल अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई धीमी चल रही है। विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद शेष अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया कि मलबा हटाने का कार्य जारी है। जल्द प्रेमनगर और शहर के दूसरे हिस्से में चिह्नित अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाएगा।
प्रेमनगर में निर्माण की अनुमति देने की मांगभाजपा युवा मोर्चा ने गढ़ी कैंट सीईओ जाहिर हुसैन से मुलाकात कर प्रेमनगर बाजार में ध्वस्तीकरण के बाद निर्माण की अनुमति देने की मांग की।
प्रेमनगर बाजार में अतिक्रमण हटाने के बाद क्षतिग्रस्त भवनों के निर्माण को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। इसे लेकर भाजपा युवा मोर्चा ने कैंट बोर्ड सीईओ से मुलाकात की। कहा कि आधे टूटे घर, दुकानों की मरम्मत जरूरी है। ऐसे में यहां दुकानों के शटर लगाने, दरवाजे और सुरक्षा के लिहाज से मरम्मत करनी जरूरी है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष श्याम पंत, महामंत्री राजेश रावत, जितेंद्र रावत, हिमांशु गोगिया, प्रधान ललिता देवी, तेजेंद्र सिंह, धीरज, चंदन कनौजिया, आकाश यादव आदि शामिल रहे।
गुजराड़ा मानसिंह में अतिक्रमण पर मांगी रिपोर्टनैनीताल हाई कोर्ट ने देहरादून के गुजराड़ा मानसिंह में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण मामले में डीएम की रिपोर्ट पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा दो सप्ताह में देने का निर्देश दिया है। पिछले साल मार्च में डीएम ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की बात कही थी। उन्होंने इस मामले में लेखपाल व कानूनगो से स्पष्टीकरण मांगते हुए विभागीय कार्रवाई करने, नियमानुसार अतिक्रमण हटाने और अज्ञात अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
दरअसल, 2008 में देहरादून के प्रशांत डोभाल व रवींद्र नेगी ने डीएम को अतिक्रमण को लेकर शिकायती पत्र भेजा था। डीएम ने मामले में जांच के निर्देश दिए तो लेखपाल ने रिपोर्ट में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होना पाया, जिसके बाद डीएम ने एसडीएम सदर की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी बनाई। छह मार्च को जांच समिति ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार क्रय किए गए खसरा नंबरों का रकबा प्लॉटिंग सड़कों के रूप में दर्ज है। डीएम के निर्देश पर कार्रवाई नहीं हुई तो रवींद्र नेगी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ललित शर्मा ने कोर्ट को बताया कि डीएम के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि डीएम की रिपोर्ट के क्रियान्वयन के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गई। दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
सड़कों के गड्ढों पर टूटी लोनिवि की नींद, 36 करोड़ जारीराजधानी समेत प्रदेशभर की सड़कों के गड्ढों पर साढ़े 36 करोड़ का मरहम लगेगा। लोनिवि ने जिलेवार यह बजट जारी कर दिया है। सबसे ज्यादा बजट दून की सड़कों की मरम्मत को सवा पांच करोड़ स्वीकृत हुआ है। एचओडी आरसी पुरोहित ने एक माह के भीतर सभी सड़कें सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में प्रत्येक खंड और जिलों से अपडेट रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।सड़कों के गड्ढों की खबरें और फोटो प्रकाशित कर दैनिक जागरण ने इस ओर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया। खबर छपने के बाद लोक निर्माण विभाग ने बीती रोज गड्ढों के पैचवर्क और सड़कों के सुधार को 36.50 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आरसी पुरोहित ने बताया कि सबसे ज्यादा सवा पांच करोड़ का बजट देहरादून को मिला है। इसमें नेशनल हाईवे को भी 75 लाख रुपये आइएसबीटी से रिस्पना के सुधार को दिया गया है। इसके बाद ऊधमसिंहनगर में साढ़े तीन करोड़, नैनीताल को सवा दो करोड़ समेत 60 डिविजन के अलावा एनएच के छह डिविजन को भी बजट जारी कर दिया गया है। प्रमुख अभियंता ने कहा कि एक माह के भीतर सभी सड़कें सुरक्षित कर दी जाएंगी। इसके लिए दिनरात काम करने के निर्देश दिए गए हैं। काम की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाएगा।इन्वेस्टर समिट को मांगा 12 करोड़ गड्ढों के अलावा लोक निर्माण विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू होने जा रहे इन्वेस्टर समिट के लिए भी 12 करोड़ का बजट मांगा है। इसमें से 10 करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग की 13 सड़कों की मरम्मत, सुधार और सौंदर्यीकरण के लिए तथा दो करोड़ रुपये नेशनल हाईवे के लिए मांगा गया है। एचओडी ने बताया कि 12 करोड़ के बजट की वित्त विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इसी सप्ताह से इस बजट से भी काम शुरू किया जाएगा।यहां नहीं पड़ी लोनिवि की नजरें शहर के कोर जोन में सड़क मरम्मत और गड्ढे भरने का काम तेजी से चल रहा है। विधानसभा क्षेत्र, डालनवाला, राजपुर आदि इलाकों में सड़कों का सुधार हो रहा है। मगर, शहर के बाहरी क्षेत्र यानि ट्रांसपोर्ट नगर, जीएमएस रोड, चकराता रोड, सहस्रधारा रोड, रिंग रोड, मोथरोवाला रोड समेत कई सड़कों पर गड्ढे दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। इन गड्ढों की सुरक्षा और बजट को लेकर फिलहाल विभाग धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। यहां गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं।यह भी पढ़ें: खतरे की घंटी बनी दून की सड़कें, मरम्मत शुरू होने के बाद भी बना है खतरा यह भी पढ़ें: जानलेवा साबित होने लगी राजधानी की सड़कें, अफसरों ने मूंदी आंखयह भी पढ़ें: देहरादून की वीआइपी सड़क पर भी साढ़े तीन किमी में 343 गड्ढे
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