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ऐसी कोई ताकत नहीं जो अनुच्छेद 370 को बहाल कर सके: रामदेव

स्वामी रामदेव ने कहा है कि ऐसी कोई ताकत नहीं है जो जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल कर सके। ऋषिकेश में चल रही श्रीराम कथा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश विरोधी ताकतों को कड़ा संदेश दिया है। दूसरी ओर संत मोरारी बापू ने कहा कि राम कथा को सुनने और कहने का अधिकार सभी को है।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 11 Nov 2024 08:43 PM (IST)
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ऐसी कोई ताकत नहीं जो अनुच्छेद 370 को बहाल कर सके: रामदेव
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। स्वामी रामदेव ने कहा कि देश विरोधी कई ताकतें सनातनी परंपरा को कुचलने के प्रयास में लगी हैं। ऐसी लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई ताकत नहीं है जो जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल कर सके। अब ऐसा कभी नहीं होने वाला है।

ऋषिकेश के पूर्णानंद इंटर कालेज मैदान में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा में बोल रहे थे। कथा सुना रहे संत मोरारी बापू ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, राम मनुष्य रूप में अवतार लेते हैं। राम कथा को सुनने और कहने का अधिकार सभी को है। चाहे शबरी हो, कालनेमी हो या अहिल्या, मंदोदरी, तुलसी कालीन पिंगला सबका राम पर समान अधिकार है।

उन्होंने कहा कि राम चरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने बताया है कि भगवान राम का अवतार धर्म की हानि, गो, साधु-संत आदि की पीड़ा हरने के लिए हुआ है। मोरारी बापू ने कहा कि विष्णु घराने की सनातनी दृष्टि से ब्रह्म विचार के तीन आयाम हैं। पहला केवल ब्रह्म विचार, दूसरा वेद विभिन्न ग्रंथों के आधार पर और तीसरा एकांत में शांत चित्त होकर उसका पाचन करना। वेद प्याऊ के समान है।

पर्यावरण, संस्कृति व संस्कारों की गंगा प्रवाहित हो: मोरारी बापू

प्रख्यात कथा वाचक संत मोरारी बापू ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंट की। दोनों संतों ने अध्यात्म एवं पर्यावरण संरक्षण के विषय पर विस्तृत चर्चा की। मोरारी बापू ने कहा कि नदियों का पूजन हमारी संस्कृति है। जहां भी नदी व प्रकृति की पूजा होती है, वहां उन्हें आनंद की अनुभूति होती है।

परमार्थ निकेतन भी कई दशकों से यह परंपरा सहेजे हुए है। सोमवार को परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने संत मोरारी बापू का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तिलक लगाकर स्वागत किया। उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान में भी हिस्सा लिया और विश्व कल्याण व देश में शांति व समृद्धि की कामना की।

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि श्रीराम कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू का जीवन सादगी, सेवा और समर्पण का प्रतीक है। कहा कि मनुष्य को अध्यात्म व पर्यावरण संरक्षण के प्रति विशेष लगाव रखने की आवश्यकता है। अध्यात्म व शुद्ध पर्यावरण मनुष्य के आंतरिक व बाह्य विकास में निर्णायक हैं।

मोरारी बापू ने कहा कि उत्तराखंड से मां गंगा निरंतर प्रवाहित हो रही हैं। परमार्थ निकेतन ने मां गंगा की आरती को देश-विश्व में विशेष ख्याति दिलाई है। इससे लोग नदी व प्रकृति की पूजा के लिए प्रेरित हो रहे हैं। कहा कि मनुष्य ह्रदय में पर्यावरण प्रेम होना अति आवश्यक है।

चारों ओर पेड़ लगे, जल का संरक्षण हो, स्वच्छता हो और हर घर में पर्यावरण प्रेम, संस्कृति व संस्कारों की गंगा प्रवाहित होनी चाहिए। मोरारी बापू व स्वामी चिदानंद ने परिसर में आंवला का पौधा रोपा।

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