ओएलएक्स पर संभलकर करें वाहन का ऑनलाइन सौदा, पढ़िए पूरी खबर
ओएलएक्स पर अगर सस्ते में वाहन के विज्ञापन दिखें और संपर्क करने पर वह खुद को सैन्यकर्मी बताए तो सतर्क हो जाने की जरूरत है। कई मामले ऐसे आए हैं जिसमें ठगी हुई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 30 Apr 2019 08:23 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। ओएलएक्स पर अगर सस्ते में कार, स्कूटी, मोबाइल आदि के विज्ञापन दिखें और संपर्क करने पर वह खुद को सैन्यकर्मी बताए, तो सतर्क हो जाने की जरूरत है। जानकर हैरानी होगी कि पिछले चार महीने के दौरान एक दर्जन लोग इस तरह के विज्ञापन के फेर में पड़कर लाखों रुपये गंवा चुके हैं। ताजा मामला सोमवार को सामने आया, जिसमें डोईवाला के एक कारोबारी को 2013 मॉडल की कार 1.90 लाख रुपये में बेचने का झांसा देकर 1.39 लाख रुपये ठग लिए गए। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऑनलाइन क्लासीफाइड वेबसाइट इन दिनों जालसाजों के निशाने पर है। यहां ऑनलाइन सामान बेचने और खरीदने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है और ये लोग कम कीमत पर कार, स्कूटी, मोबाइल आदि के विज्ञापन देखते ही उसे पाने की कोशिश में जुट जाते हैं। खरीददारों की इसी जल्दबाजी का जालसाज नाजायज फायदा उठाकर उन्हें ठगी का शिकार बना लेते हैं। पेशे से कारोबारी साजिद अली पुत्र इस्लामुद्दीन निवासी कुड़कावाला, डोईवाला के साथ भी ऐसा ही हुआ।
साजिद ने पुलिस को बताया कि करीब दो महीने पहले ओएलएक्स पर एक कार का विज्ञापन देखा, जिसमें 2013 मॉडल की कार की कीमत 1.90 लाख रुपये बताई गई थी। देखने में कार की कंडीशन ठीक लगी तो उसमें दिए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। गाड़ी की डिटेल मांगी तो उसने मो.रफी नाम के व्यक्ति की आइडी, पैन कार्ड व आर्मी कैंटीन कार्ड की डिटेल भेज दी। इससे उन्हें यकीन होने लगा कि सौदा सही है। बात आगे बढ़ी तो उसने पेशगी के तौर पर 24200 रुपये मांगे।
इसे पेटीएम के जरिये ट्रांसफर करने के बाद उसने फिर 65 हजार रुपये भेजने को कहा। यह रकम भी दे दी गई। इसके बाद अंतिम तौर पर एक लाख और मांगे गए। इसमें से पचास हजार दे भी दिए गए, लेकिन तभी उस व्यक्ति की गतिविधियां कुछ अजीब लगीं और पचास हजार का पेमेंट रोक लिया। इस पर उस शख्स ने कहा कि जब तक पूरा पेमेंट नहीं होगा, तब तक गाड़ी नहीं मिलेगी। उसने कहा कि वह आर्मी में है और इस समय मथुरा में पोस्ट है। मगर अब तक न तो उन्हें गाड़ी मिली और न ही उस शख्स ने रकम ही वापस लौटाई।
आर्मी के नाम पर सहज ही यकीन कर लेते हैं लोग
करीब दो महीने पहले भी इस तरह का मामला सामने आया था। तब सीआरपीएफ में तैनात देहरादून के जवान की आइडी का दुरुपयोग कर ओएलएक्स पर कई लुभावने विज्ञापन डाल दिए और करीब आधा दर्जन लोगों से लाखों की ठगी कर ली गई। एसटीएफ की जांच में पता चला कि यह गैंग राजस्थान के अलवर जिले से चल रहा है। गिरोह के तीन सदस्य को एसटीएफ ने पिछले महीने गिरफ्तार कर लिया था। मगर हैरानी की बात यह कि सेना की आड़ लेकर जालसाज अब भी लोगों को ठग रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि आर्मी का नाम लेते ही लोग सहज की यकीन कर लेते हैं, विज्ञापन देने वाला व्यक्ति गलत नहीं होगा।
ओएलएक्स पर सामान खरीदते समय बरतें सावधानी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- -ओएलएक्स पर यदि कार का विज्ञापन देख रहे हैं तो उसके पंजीकरण नंबर और कार मालिक के मोबाइल नंबर से जरूर मिलान करें। अक्सर किसी दूसरे की गाड़ी का विज्ञापन देकर जालसाज किसी और मोबाइल नंबर से फोन करते हैं।
- गाड़ी कहां खड़ी है, इससे भी काफी कुछ पता लगाया जा सकता है। अक्सर थाने या पार्किंग में खड़ी गाड़ी की फोटो खींच कर जालसाज ओएलएक्स पर अपलोड कर देते हैं।
- ओएलएक्स पर डील फाइनल होने पर आमने-सामने मिलकर पेमेंट करें। आनलाइन भुगतान करने से बचें। क्योंकि सामान मिलने से पहले भुगतान करना गलत कदम हो सकता है।
- किसी भी वस्तु के बारे में जानकारी करने के लिए ओएलएक्स के कस्टमर केयर से भी बात करें। वहां से विज्ञापन के सही होने पर ही कदम आगे बढ़ाएं।