Move to Jagran APP

मौसम के अनुसार लें भोजन, स्वस्थ रहेगा आपका जीवन

बरसात के इस मौसम में सजगता न बरतने पर विभिन्न प्रकार के संक्रमण एलर्जी और खासकर पेट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए मौसम के अनुसार भोजन लें।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 19 Jul 2019 12:52 PM (IST)
Hero Image
मौसम के अनुसार लें भोजन, स्वस्थ रहेगा आपका जीवन
देहरादून, जेएनएन। यह सही है कि बरसात का मौसम गर्मी से राहत प्रदान करता है, लेकिन इस मौसम में सजगता न बरतने पर विभिन्न प्रकार के संक्रमण, एलर्जी और खासकर पेट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। वर्षा, शरद व हेमंत ऋतु उत्तरायण की समाप्ति के साथ दक्षिणायन में प्रारंभ का काल है।

डॉ. नवीन चंद्र जोशी (सीनियर कन्सलटेंट, आयुर्वेद संकाय, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय) ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु में प्रकृति अम्ल रस प्रधान रहती है और इस ऋतु में वात दोष का प्रकोप होता है, जबकि पित्त दोष एकत्रित होता है। शरीर में इस प्रकार की स्थिति पाचकाग्नि को कमजोर कर देती है और अनेक रोगों का कारण बन जाती है। ऐसे में खाने पीने में की गई लापरवाही जैसे-बासी भोजन, अधिक अम्लीय भोजन का सेवन, मिर्च मसाले एवं खट्टे पदार्थों का सेवन, गरिष्ठ भोजन रोगों को निमंत्रण देते है। ऐसे में बारिश के सीजन में खान-पान का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।

दरअसल, बारिश और अचानक से आई धूप जीवाणुओं और विषाणुओं के संक्रमण के लिए अनुकूल वातावरण पैदा कर देती हैं। जिससे मौसमी बुखार, सर्दी, जुखाम, गले में संक्रमण, मलेरिया, डेंगू आदि रोगों का कारण बनती है। अत: इस ऋतु में खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। 

आयुर्वेद में इसे ऋतु संधि का काल कहते हैं। इसमें जानेवाली ऋतु यानी गर्मी-बारिश के खानपान और पहनावे को धीरे-धीरे छोड़ते हुए आनेवाली ऋतु यानी ठंड के अनुरूप खानपान और आहार-विहार करना चाहिए। औषधियों में गिलोय की डंठल एवं नीम की पत्तियों का सेवन नित्य करना उचित है। दिन में सोना, अत्यधिक थकान और धूप में घूमना इस ऋतु में वर्जित कार्य हैं।

ऐसे रखें खुद का स्वस्थ

  • स्ट्रीट फूड से परहेज करें, क्योंकि इनके खाने से पेट में संक्रमण का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। 
  • तैलीय और चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थों से भी परहेज करें। इससे आंतों से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
  • बारिश में शरीर में वात यानी वायु की वृद्धि होती है, इसलिए हल्के व शीघ्र पचने वाले वाले व्यंजनों का ही सेवन करना चाहिए। 
  • कटे हुए फलों और कटी हुई सब्जियों से परहेज करें, क्योंकि इनसे शरीर में संक्रमण उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • मौसमी फलों और सब्जियों को आहार में वरीयता दें।
  • शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र को सशक्त करने के लिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में वरीयता दें। जैसे नींबू और अन्य साइट्रस फल। ये फल विभिन्न प्रकार के संक्रमणों को रोकने में मददगार हैं। 
  • पानी को दो मिनट उबाल लें फिर उसे ठंडा कर पीएं।

यह भी पढ़ें: स्वस्थ लाइफस्टाइल और सही खानपान से कम होगा कैंसर का खतरा

यह भी पढ़ें: प्यार में मिला हो धोखा तो चले आइए दून के बेवफा चाय वाले की दुकान पर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।