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असाधारण प्रतिभा वाले छात्रों को मिलेगा दून स्कूल में पढ़ाई का मौका, जानिए कैसे मिलेगा प्रवेश और क्‍या है एग्जाम का पैटर्न

अब असाधारण प्रतिभा वाले छात्रों को दून स्कूल में पढ़ाई का मौका मिलेगा। दून स्कूल ने इसके लिए द दून स्कूल स्कालरशिप एग्जाम शुरू किया है। स्‍कूल में प्रवेश के इच्‍छुक छात्रों को इस परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद छात्रों का इंटरव्‍यू होगा।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 11 Oct 2021 01:50 PM (IST)
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जरूरतमंद पृष्ठभूमि से नाता रखने वाले देशभर के असाधारण छात्रों को प्रतिष्ठित द दून स्कूल में पढ़ाई का मौका मिलेगा।
आयुष शर्मा, देहरादून। जरूरतमंद पृष्ठभूमि से नाता रखने वाले देशभर के कुशाग्र एवं असाधारण छात्रों को प्रतिष्ठित द दून स्कूल में पढ़ाई का मौका मिलेगा। इसके लिए स्कूल ने द दून स्कूल स्कालरशिप एग्जाम शुरू किया है। इच्छुक छात्र को इस परीक्षा को पास करने के बाद स्कूल की प्रवेश परीक्षा भी पास करनी होगी। अंत में स्कूल की कमेटी इंटरव्यू लेगी। तीनों चरणों में खरा उतरने वाले को स्कूल में दाखिले मिलेगा। अगर छात्र प्रतिभावान है, लेकिन फीस चुकाने में सक्षम नहीं है तो स्कूल छात्र को पूर्ण स्कालरशिप पर पढ़ाई करवाएगा।

द दून स्कूल में सातवीं से 12वीं तक सवा 500 छात्र पढ़ाई करते हैं। हर साल यहां सातवीं में 74 से 80 एवं आठवीं में 14 से 20 सीटों के लिए लिखित प्रवेश परीक्षा एवं इंटरव्यू होता है। दून स्कूल की ओर से शुरू की जा रही स्कालरशिप के लिए अक्टूबर में पहले चरण की परीक्षा होगी। इस परीक्षा को पास करने वाले छात्रों को दिसंबर में होने वाली मुख्य प्रवेश परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। डेवलपमेंट एंड एल्युमिनाई रिलेशन एंड कम्यूनिकेशन आफिसर कृतिका ने बताया कि तीनों चरण पास करने वाले छात्रों को उनकी जरूरत के अनुसार स्कालरशिप दी जाएगी। यह जरूरी नहीं कि हर छात्र की पूरी फीस माफ हो, छात्र की पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं क्षमता को देखने के बाद स्कूल की कमेटी तय करेगी कि किस छात्र को कितनी स्कालरशिप देनी है। बताया कि स्कूल में पहले से भी कई जरूरतमंद छात्रों को स्कालरशिप दी जा रही हैं, लेकिन स्कालरशिप परीक्षा शुरू करने का उद्देश्य यही है कि देश के असाधारण छात्रों को स्कूल से पढ़ाई का मौका मिल सके।

चार केंद्रों पर हुई परीक्षा

सत्र 2022-23 में स्कालरशिप के तहत दाखिलों के लिए पहले चरण की परीक्षा दो अक्टूबर को उत्तर भारत के चार केंद्रों पर हुई। परीक्षा में 200 छात्रों ने हिस्सा लिया। स्कालरशिप का लाभ देश सेवा में जुटे सैनिक परिवारों तक भी पहुंचे, इसके लिए सैनिक स्कूलों में भी केंद्र बनाए गए थे। दून में आर्मी पब्लिक स्कूल, श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में टिंडेल बिस्कोई स्कूल एवं आर्मी पब्लिक स्कूल, गुवाहटी में आर्मी पब्लिक स्कूल नारंगी कैंट एवं रायल ग्लोबल स्कूल, तेजपुर में आर्मी पब्लिक स्कूल तेजपुर कैंट एवं तेजपुर साइंस एकेडमी में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। हालांकि कोरोना काल एवं परीक्षा का पहला साल होने के चलते पूरे देश में परीक्षा का आयोजन नहीं हो सका। अगले साल से परीक्षा पूरे देश में करवाए जाने की तैयारी है।

ये है स्कालरशिप एग्जाम का पैटर्न

प्रवेश परीक्षा 100 अंकों की होगी, जिसमें दो सेक्शन रखे गए हैं। पहला सेक्शन 40 अंक का होगा। इसके तहत 30 मिनट के भीतर स्थानीय भाषा में एक निबंध लिखना होगा। दूसरा सेक्शन 60 अंक का होगा, इसके लिए एक घंटा मिलेगा। इसमें 30 नंबर का एक निबंध लिखना होगा, 15 अंकों का एक काम्प्रिहेंसिव और 15 अंकों के लिए कक्षा छह के पाठ्यक्रम के आधार अंग्रेजी विषय के प्रश्न पूछे जाएंगे।

दस लाख से ज्यादा है सालाना फीस

द दून स्कूल के विकिपीडिया अकाउंट के अनुसार भारतीय मूल के छात्रों की सालाना फीस 10,25,000 रुपये है। वहीं विदेशी छात्रों की फीस 12,81,000 रुपये है। अगर कोई छात्र स्कालरशिप परीक्षा पास कर लेता है तो उसे मुख्य प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण शुल्क (12000 से 36000) नहीं चुकाना होगा। वहीं पृष्ठभूमि के आधार पर छात्रों को पूरी पढ़ाई या कुछ कक्षाओं तक पूरी फीस माफ हो सकेगी। हालांकि, स्कूल ने अभी यह तय नहीं किया है कि हर साल कितने छात्रों को इसका लाभ मिलेगा।

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