Move to Jagran APP

हॉस्टल और पेइंग गेस्ट हाउस पर लगेगा टैक्स, एक मई से सर्वे करेगा निगम

दून में रईसजादों के लिए ऐशगाह बने हॉस्टलों व पेइंग गेस्ट हाउसों पर नगर निगम प्रशासन ने शिकंजे की तैयारी कर ली है। इसके लिए एक मई से सर्वे किया जाएगा।

By BhanuEdited By: Updated: Wed, 24 Apr 2019 01:19 PM (IST)
Hero Image
हॉस्टल और पेइंग गेस्ट हाउस पर लगेगा टैक्स, एक मई से सर्वे करेगा निगम
देहरादून, जेएनएन। दून में रईसजादों के लिए ऐशगाह बने हॉस्टलों व पेइंग गेस्ट हाउसों पर नगर निगम प्रशासन ने शिकंजे की तैयारी कर ली है। महापौर सुनील उनियाल गामा ने शहर में कुछ हॉस्टलों का निरीक्षण किया और एक मई से इनका सर्वे करने के निर्देश दिए। महापौर ने सर्वे के बाद इन पर व्यावसायिक प्रापर्टी टैक्स लगाने के निर्देश भी दिए। 

बता दें कि जिम्मेदार महकमों की लापरवाही की इंतेहा है कि शहर में न केवल सैकड़ों हॉस्टल का संचालन हो रहा, बल्कि इनमें रह रहे लोगों के बारे में पूछताछ करने वाला तक कोई नहीं है। 

राजधानी बनने के बाद देहरादून में निजी शिक्षण संस्थानों में तेजी से बेतहाशा वृद्धि हुई। मौजूदा स्थिति यह है कि राजधानी का शायद ही कोई कोना बचा हो जहां शिक्षण संस्थान ना हों। जाहिर बात है जहां शिक्षण संस्थान खुलेंगे और हजारों छात्र दाखिला लेंगे तो वहां आवास की जरूरत भी होगी। 

दून में भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक के बाद एक शिक्षण संस्थानों के आसपास बने घर हॉस्टलों में तब्दील हो गए। जिन लोगों ने नए निर्माण कराए, उन्होंने भी नक्शा पास कराने की जहमत नहीं उठाई। नतीजा शहर में अवैध हॉस्टलों की बाढ़ आ गई। 

हॉस्टल वालों को भी किराए में मोटी रकम मिलने लगी तो वे भी बेफिक्र होते चले गए। पुलिस के किराएदारों के वेरिफिकेशन का हल्ला पीटने के बावजूद इक्का-दुक्का को छोड़ अधिक संख्या ऐसे हॉस्टल संचालकों की है, जो पुलिस वेरिफिकेशन की जहमत नहीं उठाते। नतीजा सबके सामने है। गाहे-बगाहे शहर में हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों की करतूतें सामने आती रहती हैं। 

हर तरह की अय्याशी

हॉस्टलों में हर तरह की अय्याशी की बात सामने आती रही हैं। चाहे नशा हो या फिर देह-व्यापार, अश्लील हरकतें। हुड़दंग या छेड़छाड़ तो आम घटना है। जहां हॉस्टल हैं, वहां नशे में मदहोश छात्र रात-रातभर बाहर घूमते रहते हैं और उनकी हरकतों से स्थानीय युवतियों व महिलाओं का घर से निकलना मुसीबत बना हुआ है। हॉस्टल में ज्यादातर छात्र बाहर के राज्य या शहरों से आए हुए हैं और समूह में रहते हैं। ऐसे में विरोध करने पर यह मारपीट व दबंगई पर उतारू हो जाते हैं। 

कहां-कहां फैला है जाल

अवैध हॉस्टलों का जाल प्रेमनगर व इसके आसपास ठाकुरपुर, श्यामपुर गांव, उम्मेदपुर, सुद्धोवाला, क्लेमनटाउन क्षेत्र में मोहब्बेवाला, सुभाषनगर, टर्नर रोड, नेहरू कालोनी में हरिद्वार बाइपास, केदारपुरम, डिफेंस कालोनी, धर्मपुर, राजपुर, जाखन, दून विहार, मसूरी रोड, डालनवाला, कैंट क्षेत्र, वसंत विहार, पटेलनगर, देहराखास, बंजारावाला आदि इलाकों में फैला हुआ है। इससे स्थानीय लोग भी त्रस्त हैं। 

पार्षदों ने भी महापौर को दिया पत्र

पार्षद सतीश कश्यप के नेतृत्व में कुछ पार्षदों ने महापौर से मुलाकात कर शहर में संचालित हॉस्टलों व पेइंग गेस्ट हाउस पर व्यावसायिक प्रापर्टी टैक्स लगाने की मांग की। 

दूसरे दिन भी ठप रहा ऑनलाइन हाउस टैक्स

हाउस टैक्स को ऑनलाइन सुविधा से जोड़ने की कसरत दूसरे दिन भी ठप रही। जल्दबाजी में निगम ने सेवा संचालित करने का दावा तो कर दिया था, मगर साइट दूसरे दिन भी ठप रही। दरअसल, इसमें तकनीकी दिक्कत आ रही। सॉफ्टवेयर पुराना बना है और निगम इसे उसी हालत में चलाना चाह रहा। यही वजह है कि खुलते ही वेबसाइट क्रैश हो रही। निगम अधिकारियों ने बताया कि वेबसाइट सुचारू होने में अभी हफ्तेभर का समय लग सकता है। 

ऑनलाइन टैक्स जमा न होने से मंगलवार को भी लोगों ने निगम दफ्तर पहुंचकर धूप में कतार खड़े हो टैक्स जमा कराया। स्थिति ये है कि निगम प्रशासन कतार में लगे लोगों के धूप से बचने के लिए टीन-शेड तक की व्यवस्था नहीं कर पाया। 

पिछले तीन साल हाउस टैक्स ऑनलाइन सेवा से जोड़ने की कवायद चल रही है, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन आ जाती है। सोमवार सुबह से मंगलवार शाम तक ऑनलाइन टैक्स की सेवा ठप रही। लोगों के फोन निगम दफ्तर में घनघनाते रहे लेकिन साइट तब भी नहीं चली। इसके बाद लोग पहले की तरह ही नगर निगम में टैक्स जमा कराने पहुंचे और तपती धूप में कतार में लगकर हाउस टैक्स जमा कराया। 

नगर निगम के टैक्स अनुभाग अधीक्षक विनय प्रताप सिंह ने बताया कि ऑनलाइन सॉफ्टवेयर को ठीक कराया जा रहा है। इसके सुचारु संचालन में चार से पांच दिन का समय लग सकता है। वहीं, पूर्व की तरह टैक्स जमा कराने वालों की पूरा दिन निगम में कतार लगी रही। न तो कतार में खड़े लोगों के सिर को ढकने के लिए कोई छांव थी, न टीन-शेड, जबकि महापौर एक हफ्ते पहले ही वहां टीन-शेड बनाने के आदेश दे चुके हैं। न शौचालय न ही पेयजल की कोई व्यवस्था। बुजुर्गों समेत महिलाओं को खासी परेशानी झेलनी पड़ी।

यह भी पढ़ें: नगर निगम की ऑनलाइन टैक्स जमा कराने की व्यवस्था पहले दिन ध्वस्त

यह भी पढ़ें: स्मार्ट कार्ड से भी होगा हाउस टैक्स भुगतान, नगर निगम उठा रहा ये कदम

यह भी पढ़ें: गंदगी पर नपेंगे सफाई नायक, स्वच्छता पर मिलेगा पुरस्कार

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।