प्रशिक्षण स्थगित नहीं होने से शिक्षकों में रोष, शीतकालीन अवकाश में ड्यूटी लगने से भी परेशान
शिक्षकों की निष्ठा ट्रेनिंग स्थगित नहीं होने से शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों ने विभाग पर दोहरे व्यवहार का आरोप लगाया है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 30 Dec 2019 03:05 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। बेसिक शिक्षकों की निष्ठा ट्रेनिंग स्थगित नहीं होने से शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों ने विभाग पर दोहरे व्यवहार का आरोप लगाया है। उधर, शीतकालीन अवकाश के दौरान जेईई और नीट की कोचिंग के लिए ड्यूटी लगाए जाने से भी शिक्षक परेशान हैं।
दरअसल, सालाना परीक्षाओं को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में संचालित हो रहे प्रशिक्षणों को स्थगित करने के आदेश दिए थे। उन्होंने शिक्षकों को छात्रों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने और पढ़ाई पर ध्यान देने का सुझाव दिया था। इसके बाद एससीईआरटी ने माध्यमिक शिक्षकों का निष्ठा प्रशिक्षण स्थगित करने के आदेश दिए। अग्रिम आदेशों तक यह प्रशिक्षण स्थगित ही रहेगा।आदेश में बेसिक शिक्षकों के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था, इसलिए बेसिक शिक्षकों का प्रशिक्षण जारी है। विभाग के इस आदेश पर बेसिक शिक्षकों ने दोहरे व्यवहार का आरोप लगाया। जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ और प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस पर विरोध जताना शुरू कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा निदेशक और एससीईआरटी को जल्द ज्ञापन देने की तैयारी भी की जा रही है।
शीतकालीन अवकाश में ड्यूटी लगने पर जताई नाराजगी प्रदेशभर में शीतकालीन अवकाश के दौरान जेईई और नीट की कोचिंग छात्रों को दी जा रही है। इसके लिए हर ब्लॉक में 10 से 15 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इन शिक्षकों को हर ब्लॉक में 50 छात्र- छात्राओं को नीट और जेईई की निश्शुल्क कोचिंग देनी है। इस पर भी राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने आपत्ति जताई है। संघ के अध्यक्ष कमल डिमरी का कहना है कि एक ओर तो मैदानी जिलों में कोहरा पड़ने पर छुट्टी घोषित कर दी जाती है, लेकिन पहाड़ के जिलों में इतनी ठंड होने के बावजूद शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। अत्यधिक ठंग के कारण अपेक्षित संख्या में बच्चे कोचिंग लेने भी नहीं पहुंच रहे। केवल शिक्षकों का अवकाश बाधित हुआ है।
जूनियर कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग स्थगित करने के आदेश दिए थे। लेकिन एससीईआरटी ने केवल माध्यमिक शिक्षकों की ट्रेनिंग स्थगित की। दोहरी व्यवस्था लागू करना, शिक्षकों के साथ दोहरा व्यवहार करने जैसा है। आदेश अनुसार सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग स्थगित होनी चाहिए। राजकीय शिक्षक संघ के महासचिव सोहन सिंह माझिला ने बताया कि शीतकालीन अवकाश में कई शिक्षकों की ड्यूटी लग गई। कई बाहरी राज्यों के शिक्षकों के पास यही समय घर जाने का होता है। शिक्षकों को इसका कोई लाभ भी नहीं मिलता। विभाग को शिक्षकों की समस्याएं भी समझनी चाहिए।
एससीईआरटी निदेशक सीमा जौनसारी ने बाताया कि शासन की ओर से केवल माध्यमिक शिक्षकों की ट्रेनिंग स्थगित करने के आदेश आए थे। इसके अनुसार ही विभाग काम कर रहा है। विभाग के आदेश के बाद भी नहीं भेजा स्कूलों का डाटा वेतन रोकने की चेतावनी के बाद भी जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाचार्यों ने शिक्षा विभाग को स्कूलों का डाटा उपलब्ध नहीं कराया है। इस पर विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाचार्यों पर नाराजगी जताई है। विभाग पहले ही दो रिमांडर भेज चुका है। पिछले हफ्ते तीन दिन में डाटा उपलब्ध न करवाने वालों का वेतन रोकने की चेतावनी भी दी गई थी।
यह भी पढ़ें: CBSE Board Exam: एडमिट कार्ड पर प्राचार्य के साथ परीक्षार्थी के भी हस्ताक्षरलंबे समय से शिक्षा विभाग बिना मान्यता चल रहे स्कूलों को चिह्नित करने की कवायद कर रहा है। लेकिन, जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारी इसमें कोताही बरत रहे हैं। पिछले महीने मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने आदेश जारी किया था कि बिना मान्यता चल रहे निजी स्कूलों पर अर्थदंड लगाने के साथ एफआइआर कराई जाएगी। ऐसे स्कूलों की पहचान के लिए सीईओ ने उप शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को जिले में संचालित हो रहे निजी स्कूलों का विवरण तैयार करने के लिए कहा था।
यह भी पढ़ें: छात्रों की शरारत पर गुस्सा नहीं प्यार से समझाएंगे शिक्षक, पढ़िए पूरी खबरअधिकारियों को 15 दिन में सभी स्कूलों का विवरण तैयार कर विभाग को सौंपने का आदेश दिया गया था। लेकिन, महीने भर बाद भी विभाग को डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया। सीईओ ने कहा कि कई निजी स्कूलों के पास मान्यता और राज्य सरकार की एनओसी नहीं होने के मामले विभाग के संज्ञान में आए हैं। कई ऐसे स्कूल भी हैं, जो मान्यता, आरटीई और एनओसी के नवीनीकरण बगैर ही संचालित हो रहे हैं। प्रबंधन समितियों का नवीनीकरण नहीं होने के मामले भी संज्ञान में आए हैं। इसके अलावा छात्रों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे स्कूलों को भी चिह्नित किया जाना है। डीईओ आरएस रावत ने बताया कि अभी केवल डोईवाला से डाटा पहुंचा है। डाटा नहीं भेजने वालों का वेतन रोका जाना है।
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