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उत्तराखंड में टेक्नीशियन भर्ती की आवेदन तिथि बढ़ी, अब अभ्यर्थी 15 अक्टूबर तक कर पाएंगे आवेदन

Technician Recruitment राजकीय मेडिकल कालेजों में टेक्नीशियन की भर्ती के लिए आवेदन तिथि एक माह बढ़ा दी गई है। अभ्यर्थी अब 15 अक्टूबर शाम पांच बजे तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 14 Sep 2021 07:56 PM (IST)
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उत्तराखंड में टेक्नीशियन भर्ती की आवेदन तिथि बढ़ी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Technician Recruitment उत्तराखंड में राजकीय मेडिकल कालेजों में टेक्नीशियन की भर्ती के लिए आवेदन तिथि एक माह बढ़ा दी गई है। अभ्यर्थी अब 15 अक्टूबर, शाम पांच बजे तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने बीते माह समूह 'ग' के अंतर्गत टेक्नीशियन संवर्ग के रिक्त 306 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी की थी। आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर तय की गई थी। लैब टेक्नीशियन के 104,सीएसएसडी टेक्नीशियन के 63, ओटी टेक्नीशियन के 62,रेडियोग्राफिक्स टेक्नीशियन के 34 ,डेंटल टेक्नीशियन के 16, आक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के आठ, फिजियोथेरेपिस्ट के छह, रेडियोथेरेपी टेक्नीशियन के पांच, ईसीजी  टेक्नीशियन के चार और आडियोमेट्री टेक्नीशियन व रिफ्रेक्शनिष्ट के दो-दो पद हैं।

कई अभ्यर्थी भर्ती के लिए आवेदन तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि स्टेट मेडिकल फैकल्टी और पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकरण न होने के कारण वह आवेदन से चूक जाएंगे। उन्हें कुछ समय दिया जाए। इस संबंध में एक मांगपत्र शासन को भी भेजा गया था। इसी कारण अब आवेदन की तिथि विस्तारित की गई है।

उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की सचिव गरिमा रौंकली ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब अधिकाधिक युवा भर्ती के लिए आवेदन कर पाएंगे। वहीं, इस भर्ती से प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में टेक्नीशियनों की कमी भी दूर होगी।

पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में दस्तक

पदोन्नति में आरक्षण पर उत्तराखंड सचिवालय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कार्मिक बहुद्देश्य मानव संसाधन समिति भी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। समिति ने उत्तराखंड में पदोन्नति में आरक्षण पर सरकार द्वारा कोई फैसला न लिए जाने पर कोर्ट की शरण ली है। समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर पहले से ही चल रहे वाद में संबद्ध कर दिया गया है। समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस संबंध में समिति ने राज्यव्यापी आनलाइन बैठक का आयोजन किया।

इसमें सभी को जानकारी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को अपने विवेकानुसार पदोन्नति में आरक्षण पर निर्णय लेने को कहा है। समिति ने भी सरकार को समय-समय पर पदोन्नति में आरक्षण को लेकर आवेदन दिए हैं लेकिन इन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस कारण समिति ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। उन्होंने बताया कि बैठक में सभी सहयोगी संगठनों ने एक स्वर में फिर से इस लड़ाई को लड़ने का निर्णय लिया है।

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