उत्तराखंड में मौसम ने बदला रंग, सोमवार को हो सकती है बारिश और बर्फबारी
मैदानी इलाकों में कई जगह बूंदाबांदी हुई। जबकि चार धाम के साथ ही चोटियों पर हिमपात हुआ। पर्वतीय क्षेत्रों में निचले इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश के चलते गर्मी से राहत मिली।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 07 Apr 2019 08:09 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में एकबार फिर मौसम ने रंग बदला। मैदानी इलाकों में कई जगह बूंदाबांदी हुई। जबकि चार धाम के साथ ही चोटियों पर हिमपात हुआ। पर्वतीय क्षेत्रों में निचले इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश के चलते गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को बारिश का दौर जारी रह सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार सोमवार को पहाड़ी इलाकों में बारिश ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रह सकता है। इसके अलावा देहरादून व मसूरी के कुछ इलाकों में तेज हवा के साथ वर्षा भी हो सकती है। रविवार को देहरादून और मसूरी में मौसम साफ बना रहा। इससे पहले शनिवार को दोपहर बाद आसमान में घने बादल छा गए। शाम को कुछ क्षेत्रों में हल्की बौछारों से पारा एक से दो डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया और लोगों ने राहत की सांस ली। इस बीच उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में तेज हवा के साथ बारिश भी शुरू हो गई। विकासनगर, नई टिहरी और रुद्रप्रयाग में ओले भी गिरे। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में बर्फबारी भी हुई। वहीं, देहरादून और पंतनगर में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
ओलावृष्टि से तबाह हुई फसलें, बागवानी को नुकसान
त्यूणी में मौसम का मिजाज बदलने से सीमांत त्यूणी व चकराता तहसील क्षेत्र के कई गांवों में ओलावृष्टि होने से फसलें तबाह हो गई। करीब बीस मिनट की ओलावृष्टि से कृषि फसलों के साथ बागवानी को भी नुकसान पहुंचा है। फ्लोरिंग के वक्त ओलावृष्टि होने से पर्वतीय फलों के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है। जिससे बागवानों की परेशानी काफी बढ़ गई।
पिछले कुछ दिनों से मौसम के साफ रहने से लोगों को गर्मी का एहसास होने लगा। लेकिन शनिवार को मौसम का मिजाज अचानक बदलने से सीमांत तहसील त्यूणी व चकराता क्षेत्र के हनोल, चातरा, भूठ, फनार, हरटाड़, छजाड़, कथियान, पिंगुवा, गोरछा, हटाड़-संताड़, कोटी, भंद्रौली, कुनवा समेत आसपास के कई ग्रामीण इलाकों में ओलावृष्टि होने से कृषि-बागवानी को नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में दोपहर बाद शुरु हुई ओलावृष्टि से टमाटर, मटर, गेंहू, तोडिया व अन्य नकदी फसलें तबाह हो गई।
करीब बीस मिनट की ओलावृष्टि से पर्वतीय फलों में आई फ्लोरिंग से आडू, खुमानी, नाशपाती, चुलू, पुलम व सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। भूठ के प्रधान धर्मेंद्र सिंह, छजाड़-हरटाड़ के प्रधान राजेश, चातरा-हनोल की प्रधान शीतल राजगुरु, फनार की प्रधान बबीता राणा, जय सिंह, सच्चिदानंद नौटियाल व बृजपाल राणा आदि ने कहा शनिवार को हुई ओलावृष्टि ने ग्रामीण किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।
ओलावृष्टि के चलते खेतों में उगी नकदी फसलें व बागवानी को नुकसान होने से उत्पादन प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। लोगों ने कहा फ्लोरिंग के वक्त ओलावृष्टि बागवानी के लिए नुकसान दायक है। जिससे कृषि-बागवानी पर निर्भर प्रभावित किसानों की मेहनत बेकार चली गई। प्रभावितों ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान के एवज में स्थानीय प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। वहीं, तहसीलदार त्यूणी केडी जोशी व तहसीलदार चकराता केएस नेगी ने संबंधित राजस्व उपनिरीक्षकों से प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। पछावदून में भी हुई ओलावृष्टि
पछवादून के हरर्बटपुर क्षेत्र में भी ओलावृष्टि होने से मटर, गेंहू और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि के चलते खेतों में कटाई के लिए तैयार गेंहू की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। जिससे किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई। ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।यह भी पढ़ें: बदलेगा मौसम का रंग, पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी के आसारयह भी पढ़ें: देहरादून में हल्के बादल दे सकते हैं गर्मी से राहत, छह अप्रैल से बढ़ेगा तापमान
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