नाबालिग छात्रा के अपहरण और दुष्कर्म में दस साल कैद
छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म करने के दोषी को विशेष न्यायाधीश पोक्सो की अदालत ने 10 साल कठोर कारावास व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
देहरादून, [जेएनएन]: गैर समुदाय की नाबालिग छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म करने के दोषी को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने 10 साल कठोर कारावास व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के एक साल के भीतर अदालत ने फैसला सुनाया है।
सरकारी अधिवक्ता बीएस नेगी ने अदालत को बताया कि घटनाक्रम के अनुसार अलाउद्दीन पुत्र उस्मान निवासी एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला मूल निवासी शहर कोतवाली क्षेत्र बिजनौर दो मार्च 2017 को पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली 17 वर्षीय एक छात्रा को लेकर फरार हो गया।
देर शाम तक छात्रा घर नहीं लौटी तो परिजनों ने पटेलनगर कोतवाली में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। पांच मार्च को पुलिस ने छात्रा को उस्मान के साथ दिल्ली से बरामद कर लिया। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में कहा कि उस्मान ने उसके साथ दुष्कर्म किया है।
छात्रा के मेडिकल और उसके कपड़ों की फोरेंसिक जांच में भी इसकी पुष्टि हुई। इस मामले में पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने अप्रैल 2017 के पहले सप्ताह में ही आरोपित के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी।
हालांकि, पटेलनगर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में उस्मान के जीजा और उसकी दो बहनों को भी आरोपित बनाया गया था, लेकिन विवेचना में उनके खिलाफ कोई साक्ष्य न मिलने पर केवल उस्मान के ही खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से चार गवाह पेश हुए, जिसमें दो पूर्व में दिए बयानों से मुकर गए।
मगर मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने उस्मान को दोषी करार देते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। 15 हजार अर्थदंड अदा न करने पर आरोपित को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह भी पढ़ें: दुष्कर्म के मामले में रिश्ते को ताऊ को दस साल कैद की सजा
यह भी पढ़ें: दिल्ली के पर्यटक जोडे के कत्ल में चालक को फांसी की सजा, तीन को आजीवन कारावास
यह भी पढ़ें: दहेज हत्या के दोषी मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा