उत्तराखंड में नई टीम पुष्कर पर टकटकी बांधे हैं सियासतदां
नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास कुछ कर गुजरने के लिए छह माह से ज्यादा वक्त नहीं है। कोरोना महामारी से आहत जनता को ढाढ़स तीसरी लहर से बचाने के लिए स्वास्थ्य सेवा के पुख्ता बंदोबस्त के साथ ही विकास कार्यों की गति देने की चुनौती कंधे पर है।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Tue, 06 Jul 2021 06:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास कुछ कर गुजरने के लिए छह माह से ज्यादा वक्त नहीं है। कोरोना महामारी से आहत जनता को ढाढ़स, तीसरी लहर से बचाने के लिए स्वास्थ्य सेवा के पुख्ता बंदोबस्त के साथ ही विकास कार्यों की गति देने की चुनौती युवा मुख्यमंत्री के कंधे पर है। सामने खड़ी ज्वलंत समस्याओं और चुनौती से पार पाने को सहयोगी मंत्रियों, नौकरशाहों के साथ ही टीम पुष्कर पर भी दारोमदार होगा। सलाहकारों के रूप में टीम पुष्कर में नए चेहरे जुड़ेंगे या पुराने चेहरों से काम चलाया जाएगा, लाख टके का यह सवाल इन दिनों सियासी फिजा में तैर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने अग्नि परीक्षा का अंदाजा इससे लग सकता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में आठ माह से भी कम वक्त बचा है। कोरोना के चलते तकरीबन डेढ़ साल से ठप पड़े विकास कार्यों को गति देनी होगी तो अर्थव्यवस्था को गहरे सदमे से भी उबारने की दरकार है। लंबे समय से भर्ती के इंतजार में युवा तरस चुके हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं चार धाम आलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अहम सड़क परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना है।
मुख्यमंत्री की टीम का अहम भूमिका
पर्दे के पीछे काम करने वाली टीम को मुख्यमंत्री की कामयाबी और नाकामी के लिए जवाबदेह माना जाता है। नई टीम में सलाहकारों व रणनीतिकारों के रूप में किन अधिकारियों को जगह मिलेगी, इस पर नौकरशाहों, सियासतदां और जनता की टकटकी लगी है। 2017 के बाद बने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपनी टीम गठित की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने भी यह कदम उठाया, लेकिन इसमें देरी महसूस की गई थी। वक्त कम होने की वजह से नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह कदम उठाना है तो जल्दी दिखानी पड़ेेगी।
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विधायकों की नाराजगी करनी होगी दूरविधायकों की नाराजगी दूर करने के साथ ही नीतिगत फैसलों में मंत्रिमंडल के सहयोगियों, जनप्रतिनिधियों और पार्टी की भागीदारी और जन अपेक्षाओं के कोर एजेंडे को मूर्त रूप देने का काम मुख्यमंत्री को ही करना है। नई जिम्मेदारी उठाने के लिए अधिकारियों और सलाहकारों की नई टीम का गठन अभी होना बाकी है। देखना ये भी है कि मुख्यमंत्री धामी अपनी टीम का गठन खुद ही करेंगे या इसमें पार्टी का भी सहयोग लेंगे।
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