बच्चों को संक्रमण से बचाएगा संतुलित आहार, टास्क फोर्स ने डाइट को लेकर भी दिए हैं सुझाव
कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर है। न केवल नए मामले बल्कि संक्रमण दर में भी अब गिरावट दिख रही है। पर विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि म्यूटेशन की प्रवृत्ति के चलते वायरस आगे भी समस्या खड़ी कर सकता है।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Thu, 10 Jun 2021 02:20 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर है। न केवल नए मामले बल्कि संक्रमण दर में भी अब गिरावट दिख रही है। पर विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि म्यूटेशन की प्रवृत्ति के चलते वायरस आगे भी समस्या खड़ी कर सकता है। बुजुर्ग और नौजवान के बाद अब बच्चों को इससे खतरा हो सकता है। इस खतरे से बच्चों की हिफाजत के लिए उनको भीतर से मजबूत करना होगा। मतलब ये कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें ताकि वो इस बीमारी से महफूज रहें। राज्य स्तर पर गठित टास्क फोर्स ने इस बाबत बच्चों की डाइट का खास ख्याल रखने की सलाह दी है। टास्क फोर्स का मत है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी डाइट से ही मजबूत होगी।
संतुलित रखें खानपान बच्चों को पौष्टिक व संतुलित डाइट दें। जंक फूड, तले व मसालेदार भोजन से परहेज करें। फाइबर युक्त भोजन की मात्रा बढ़ाएं। हल्दी, शहद जैसे प्राकृतिक एंटीसेप्टिक पदार्थ खानपान में शामिल करें। ड्राई फ्रूट भी सेहत के लिए बहुत अच्छे हैैं।
तनाव न हावी होने दें तनाव व्यक्ति को अंदर से कमजोर कर देता है। बच्चों को तनावमुक्त रखकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखी जा सकती है। जरूरी है कि उन्हें पर्याप्त समय दें।
बच्चों की नींद का रखें ख्यालअच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। अच्छी नींद से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता और सेहत अच्छी बनी रहेगी।दही का नियमित सेवन
दही में मौजूद प्रोबायोटिक बच्चे को बीमारियों से दूर रखते हैं। अगर बच्चे को दही नहीं अच्छा लगता है, तो आप इसकी लस्सी बनाकर उन्हेंं दे सकते हैं।पानी की मात्रा पर्याप्त रखें पानी और लिक्विड डाइट से शरीर को लबरेज रखते हुए बच्चे को स्वस्थ रखें। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी व अन्य तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ाई जानी चाहिए।बच्चे को थोड़ी देर धूप में भी रहने दें
बच्चे के लिए कुछ देर धूप भी जरूरी है। सूरज की किरणों से विटामिन डी प्राप्त होता है और ये प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के साथ कई वायरस से लडऩे की क्षमता प्रदान करता है।टास्क फोर्स केे अध्यक्ष डॉ. हेमचंद्र का कहना है किबच्चों का खान-पान ऐसा होना चाहिए जो उन्हेंं महामारी के इस दौर में पोषण भी दे और उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता को भी विकसित करे। इसलिए उनके खानपान पर विशेष ध्यान देनी की आवश्यकता है। जिसे लेकर कुछ सुझाव दिए गए हैैं।
यह भी पढ़ें- इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा योग गुरु बाबा रामदेव का वीडियो, माडर्न मेडिकल साइंस को दिया कथित एलोपैथी करारमास सप्लीमेंटेशन पर फोकसबच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए टास्क फोर्स ने उनके मास सप्लीमेंटेशन (प्रारंभिक स्तर पर पूरक उपचार) की वकालत की है। जिसके सरकार ने आदेश भी कर दिए हैैं। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में बच्चों को माइक्रोन्यूट्रेंट देने के साथ ही मास सप्लीमेंटेशन किया जाएगा।
तीन श्रेणियों के लिए इलाज के मानक टास्क फोर्स ने तीन श्रेणियों में इलाज के मानक तय किए हैं। एक माह तक, एक माह से दो साल, दो साल से 18 साल तक के बच्चों की अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है। जिसके हिसाब से ही चिकित्सकों एवं स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बिना लक्षण, हल्के व मध्यम और गंभीर लक्षण के लिए अलग मानक बताए गए हैं।यह भी पढ़ें- सावधान! म्यूकर माइकोसिस का कारण बन सकता है मास्क, ध्यान में रखें एम्स के डॉक्टरों की ये सलाह
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।