Uttarakhand News: अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने से पहले होगा परीक्षण, 10 वर्ष की अवधि को लेकर एकमत नहीं कैबिनेट
उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2011 में सरकारी विभागों निगमों परिषदों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले तदर्थ संविदा कर्मियों के विनियमितीकरण के लिए एक नियमावली तैयार की। इसमें यह प्रविधान किया गया कि वर्ष 2011 में बनाई नियमावली के तहत जो कर्मचारी विनियमित नहीं हो पाए उन्हें विनियमित किया जाएगा। शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह विषय फिर से लाया गया।
10 वर्ष सेवा पूरे करने वाले कार्मिकों को नियमित करने की व्यवस्था
कर्मचारियों को वर्ष 2011 की नियमावली का नहीं मिल पाया लाभ
सेवा अवधि को घटाकर पांच वर्ष तक सीमित
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इसके बाद मार्च में हुई कैबिनेट की बैठक में भी दैनिक वेतन, तदर्थ व संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का विषय आया, तब कैबिनेट ने कार्मिक को इस पर कुछ संशोधन के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह विषय फिर से लाया गया। इसमें वर्ष 2018 में 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वालों को नियमित करने की बात कही गई। सूत्रों की मानें तो इस पर कैबिनेट एक मत नहीं थी।
कैबिनेट के कुछ सदस्य 2018 के स्थान पर जुलाई 2024 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वालों को शामिल करने के पक्ष में थे। ऐसे में इस प्रस्ताव का एक बार फिर परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।
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