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Uttarakhand Weather: उत्तराखंड के कई जिलों में होगी भारी बारिश, ऑरेंज अलर्ट जारी; भूस्खलन से यातायात प्रभावित

Uttarakhand Weather उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तराखंड में 30 जुलाई तक घने बादल छाने के साथ ही वर्षा की संभावना है। शहर और आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को सुबह से ही वर्षा शुरू हो गई। जो सुबह साढ़े दस बजे तक रुक-रुककर जारी रही। वहीं पूरे दिन आसमान में बादल छाये रहे।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 27 Jul 2023 08:23 AM (IST)
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उत्तराखंड के कई जिलों में होगी भारी बारिश, ऑरेंज अलर्ट जारी; भूस्खलन से यातायात प्रभावित
देहरादून, जागरण संवाददाता। उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर से करवट ले ली है। एक बार फिर से पहाड़ों पर बारिश तेज हो गई है। बुधवार से शुरू हो गई बारिश अब कई दिनों तक जारी रहेगी। उत्तराखंड में आने वाले 4 दिन तक भारी बारिश की की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 30 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। 30 जुलाई तक मानसून एक्टिव रहेगा और भारी बारिश को देखते हुए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार हरिद्वार जिले और पूरे उत्तराखंड में 30 जुलाई तक घने बादल छाने के साथ ही वर्षा की संभावना है। शहर और आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को सुबह से ही वर्षा शुरू हो गई। जो सुबह साढ़े दस बजे तक रुक-रुककर जारी रही। वहीं, पूरे दिन आसमान में बादल छाये रहे। मंगलवार की तुलना में बुधवार को शहर के अधिकतम तापमान में सात डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई।

ऐसा रहा तापमान

रुड़की में अधिकतम तापमान लुढ़ककर 27.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जो सामान्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस कम रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 22.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जो सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा। उधर, आइआइटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले में 30 जुलाई तक मौसम इसी प्रकार बना रहेगा।

भूस्खलन से हो रहे हैं रास्ते बंद

बुधवार को हुई बारिश ने लोगों को काफी परेशान किया। पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा और भूस्खलन यातायात में निरंतर बाधा खड़ी कर रहे हैं। इस कारण चारधाम यात्रा मार्गों के अवरुद्ध होने का सिलसिला भी जारी है। विशेषकर यमुनोत्री राजमार्ग पर डाबरकोट और बदरीनाथ राजमार्ग पर छिनका में भूस्खलन क्षेत्र चुनौती बने हुए हैं।

उत्तरकाशी में डाबरकोट के पास मलबा आने से पांच दिन से बंद यमुनोत्री राजमार्ग बुधवार शाम साढ़े छह बजे खोला जा सका। इसके अलावा उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग विभिन्न स्थानों पर करीब 10 घंटे, चमोली में बदरीनाथ राजमार्ग 12 घंटे और रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड राजमार्ग फाटा के पास चार घंटे तक अवरुद्ध रहा। उत्तरकाशी में भारी वर्षा व भूस्खलन के कारण राजमार्ग लगातार बाधित होने से यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वाले तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यमुनोत्री राजमार्ग और बदरीनाथ राजमार्ग रहे अवरुद्ध

मंगलवार रात से हो रही वर्षा के कारण गंगोत्री राजमार्ग बंदरकोट, मनेरी डैम, लालढांग, हेल्गूगाड के पास बुधवार दोपहर तक करीब 10 घंटे अवरुद्ध रहा। यमुनोत्री राजमार्ग पर डाबरकोट के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला बुधवार को भी पूरा दिन जारी रहा। शाम को पत्थर गिरने बंद हुए, तब करीब साढ़े छह बजे राजमार्ग को सुचारू किया जा सका। हालांकि, पहाड़ी से पत्थर गिरने के खतरे को देखते हुए रात में डाबरकोट के पास आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। रुद्रप्रयाग जिले में लगातार हो रही वर्षा से गौरीकुंड हाईवे फाटा के पास मलबा आने से सुबह सात बजे अवरुद्ध हो गया।

राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम की कड़ी मशक्कत के बाद 11 बजे राजमार्ग पर यातायात सुचारू हो सका। चमोली जिले में बदरीनाथ राजमार्ग बाबा आश्रम, नंदप्रयाग, छिनका, पागलनाला, जोशीमठ चुंगी, जोगीधारा के पास मलबा और बोल्डर आने से तड़के बंद हो गया। राजमार्ग छिनका के पास सुबह 8:45 बजे, बाबा आश्रम के पास 9:56 बजे, पागलनाला 10:41 बजे, चुंगी जोगीधारा के पास 10:53 बजे, जबकि नंदप्रयाग के पास शाम 4:39 बजे सुचारु किया जा सका।

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