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देहरादून के इस कैप्टन ने बचाई कई जिंदगियां, राहत नौका तक घायलों को पहुंचाया; हाउती विद्रोहियों ने मिसाइल से किया था हमला

अदन की खाड़ी में हाउती विद्रोहियों के मिसाइल हमले का शिकार बने एक मालवाहक जहाज के 23 चालक दल सदस्यों को भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने बचाया है। 23 सदस्यीय इस जहाज के कैप्टन इकलौते भारतीय व दून निवासी दीपक शर्मा ने जान की परवाह न करते हुए घायल सदस्य को कंधों पर उठाकर उन्हें राहत नौका तक पहुंचाया। इसके अलावा चार अन्य घायलों को भी बचाकर नाव तक पहुंचाया।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 11 Mar 2024 07:44 PM (IST)
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देहरादून के इस कैप्टन ने अपनी जान की परवाह किए बिना बचाई कई जिंदगियां
जागरण संवाददाता, देहरादून। अदन की खाड़ी में हाउती विद्रोहियों के मिसाइल हमले का शिकार बने एक मालवाहक जहाज के 23 चालक दल सदस्यों को भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने बचाया है। इनमें एक भारतीय भी शामिल था। यह भारतीय कोई और नहीं बल्कि दून निवासी कैप्टन दीपक शर्मा हैं।

उन्होंने अपने क्रू मेंबर की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। उनके जहाज पर हाउती विद्रोहियों ने मिसाइल हमला कर दिया था। बारबोडोस का ध्वज लगाए यह जहाज अदन की खाड़ी से गुजर रहा था। इस हमले के कारण जहाज में आग लग गयी। हमले में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य बुरी तरह से घायल हो गया।

23 सदस्यीय इस जहाज के कैप्टन इकलौते भारतीय व दून निवासी दीपक शर्मा ने जान की परवाह न करते हुए घायल सदस्य को कंधों पर उठाकर उन्हें राहत नौका तक पहुंचाया। इसके अलावा चार अन्य घायलों को भी बचाकर नाव तक पहुंचाया। इस बीच कैप्टन दीपक स्वयं ही आग से झुलस गये, लेकिन उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों को राहत नौका तक उतारा। बाद में एक घायल की मौत हो गई थी।

हमले की जानकारी मिलने पर भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस कोलकत्ता ने इन सभी क्रू मेंबर्स को बचा लिया। मर्चेंट नेवी के कैप्टन दीपक शर्मा देहरादून के डिफेंस कालोनी के निवासी हैं। वह पद्मश्री डा. माधुरी बड़थ्वाल के दामाद हैं। वह पिछले 17 साल से मर्चेंट नेवी में तैनात हैं।

उनके परिजनों का कहना है कि दीपक हमले में खुद घायल हो गए थे, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। इस जहाज पर वह इकलौते भारतीय थे। इस हमले में घायल दीपक और उनके साथियों का जिबोजी में इलाज चल रहा है।

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