कोरोनाकाल में विद्यार्थियों की मदद को आगे आए यह प्राचार्य, शिक्षा के क्षेत्र में पेश किया उदाहरण
श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता के प्राचार्य प्रोफेसर केएल तलवाड़ ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के साथ गढ़वाल विश्वविद्यालय के यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा के लिए 125 बहुविकल्पीय प्रश्नों की हस्तलिखित पुस्तक और नोट्स तैयार किए।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 13 Oct 2020 10:45 PM (IST)
चकराता (देहरादून), चंदराम राजगुरु। श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता के प्राचार्य प्रोफेसर केएल तलवाड़ ने कोरोनाकाल में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सराहनीय पहल कर शिक्षा के क्षेत्र में उदाहरण पेश किया है। महाविद्यालय में हिंदी विषय के प्राध्यापक की कमी को दूर करने के लिए प्राचार्य ने विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के साथ गढ़वाल विश्वविद्यालय के यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा के लिए 125 बहुविकल्पीय प्रश्नों की हस्तलिखित पुस्तक और नोट्स तैयार किए। खासकर पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के चलते प्राचार्य ने विद्यार्थियों की मदद को स्वयं पुस्तक लेखन का कार्य किया। शिक्षा के क्षेत्र में प्राचार्य के इन प्रयासों की सभी ने प्रशंसा की।
जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता-पुरोड़ी में प्राचार्य के पद पर तैनात प्रोफेसर केएल तलवाड़ ने कार्यभार संभालने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के समय शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लाने को प्राचार्य ने विद्यार्थियों की समस्या देख उनके मदद की पहल की। अर्थशास्त्र विषय के प्राध्यापक रहे प्राचार्य प्रोफेसर केएल तलवाड़ ने महाविद्यालय में पिछले डेढ़ वर्ष से हिंदी विषय के प्राध्यापक की कमी को दूर करने का प्रयास किया। चकराता महाविद्यालय में तैनात हिंदी की प्राध्यापिका दो वर्ष के लिए अवैतनिक रूप से शोध कार्य को अवकाश पर है। ऐसे में प्राचार्य ने कोरोनाकाल में स्वयं पहल कर विद्यार्थियों को हिंदी विषय की ऑनलाइन पढ़ाई कराई। प्राचार्य ने विद्यार्थियों को शिक्षा व्यवस्था से जोड़ने को ऑनलाइन क्लासेज के बेहतर ढंग से संचालन को टीसीएस व ई-ऑन ग्लास रूम प्लेटफार्म तैयार किया।
नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में विद्यार्थियों को ऑनलाइन असाइनमेंट देने के साथ उसके मूल्यांकन को लाइव कक्षा व गूगल मीट का प्रयोग किया गया। साथ ही महाविद्यालय की वेबसाइट पर समय सारणी व ई-कंटेक्ट संबंधी सूचनाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की। विद्यार्थियों की समस्या देख प्राचार्य ने लॉकडाउन के समय बीए अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सुविधा को तीन प्रश्नपत्रों के प्रयोजन मूलक हिंदी अनुवाद, विज्ञान व सृजनात्मक लेखन के विभिन्न क्षेत्र की पाठ्यक्रमानुसार शिक्षण सामग्री को संकलित कर 125 बहुविकल्पीय प्रश्नों की हस्तलिखित पुस्तक व नोट्स तैयार किए।
सरकार की नई व्यवस्था के तहत इस बार एचएनबी केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर ओएमआर शीट पर हुई। कोरोनाकाल में प्राचार्य के हस्तलिखित बहुविकल्पीय प्रश्न बैंक पुस्तक से विद्यार्थियों को परीक्षा में काफी मदद मिली। बीते 19 सितंबर से शुरू हुई गढ़वाल विश्वविद्यालय की परीक्षाएं शनिवार 10 अक्टूबर को संपन्न हो गई।
प्राचार्य तलवाड़ ने कहा पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या है। जिससे सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से जोड़ना मुश्किल था। दूरस्थ क्षेत्र में रह रहे विद्यार्थियों को शिक्षा व्यवस्था से कैसे जोड़ा जाए यह विचार उनके मन में आया। उन्होंने लॉकडाउन के समय दो माह तक बीए फाइनल के परीक्षार्थियों के लिए बहुविकल्पीय प्रश्नों की पुस्तक लिखी। प्राचार्य ने इस पुस्तक को अपने महाविद्यालय के अलावा अन्य महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी निश्शुल्क बांटी। इसके अलावा प्राचार्य ने एनएसएस पर लिखी पांच सौ पुस्तकें स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क बांटी है। प्राचार्य ने महाविद्यालय में छात्र उपस्थिति प्रकोष्ठ बनाया है। जिससे विद्यार्थियों के घर से महाविद्यालय आने-जाने की पूरी जानकारी ली जाती है। प्राचार्य के प्रयासों की सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत समेत कई शिक्षाविदों ने प्रशंसा की है।
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श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता के प्राचार्य प्रोफेसर केएल तलवाड़ ने 9 मार्च 2019 को अपना कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्होंने महाविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के प्रयास तेज किए। उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता साईं दास तलवाड़ की स्मृति में वर्ष 2019 से मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप योजना की शुरुआत की। वहीं, कोरोना संक्रमण की रोकथाम व जन जागरूकता लाने को उन्होंने महाविद्यालय में स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई। साथ ही महाविद्यालय में अन्य रचनात्मक गतिविधियां संचालित की गई। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्राचार्य को ज्ञान ज्योति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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