पुलिसकर्मियों को भी पता है कि मनमानी जगह जाने या ट्रांसफर रुकवाने के लिए उन्हें नेताओं से ही सिफारिश लगवानी पड़ेगी। यही वजह है कि अब आंतरिक रूप से पुलिसकर्मियों ने नेताओं तक अपनी अर्जी पहुंचाना शुरू कर दी है। सिफारिशों का दौर शुरू हो चुका है। गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में 31 जुलाई से पहले तबादले किए जाने हैं।
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। पुलिस विभाग में सिपाही से लेकर निरीक्षक तक के स्थानांतरण का काउंटडाउन शुरू हुआ तो सिफारिशों का दौर भी परवान चढ़ने लगा है। जितने पुलिसकर्मी पर्वतीय जनपदों से मैदानी जिले में भेजे जाने हैं, उतने ही मैदान से पहाड़ जाने हैं। ऐसे में कुछ पुलिसकर्मियों ने तबादला रुकवाने के लिए
माननीयों
की शरण ली है। इसके लिए वे फोन भी करवा रहे हैं।
31 जुलाई से पहले होने हैं तबादले
गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में 31 जुलाई से पहले तबादले किए जाने हैं। पुलिस विभाग की ओर से सभी जिलों के कप्तानों से पहाड़ व मैदानी जिलों में पुलिसकर्मियों की तैनाती वर्ष का ब्योरा भी मांग लिया है।
पुलिस विभाग की स्थानांतरण नीति 2020 के तहत हर वर्ष 31 मार्च तक सिपाही से निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों के तबादले किए जाते हैं। इस साल चुनाव आचार संहिता के कारण अब तक तबादले नहीं हो पाए हैं।
पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी आदेशों के तहत 31 जुलाई तक अनिवार्य रूप से पुलिसकर्मियों के तबादले किए जाने हैं। पूर्व में जारी आदेशानुसार अनुकंपा के आधार पर स्थानांतरण की बात कही गई थी लेकिन अब चार मैदानी जिलों और नौ पर्वतीय जिलों में 31 जुलाई तक तबादले होने हैं। इस साल स्थानांतरण देरी से होने के चलते पहाड़ी जनपदों में नौकरी करने वाले निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी व आरक्षी मैदानी जिलों में आने को तैयार नहीं है।
इसका एक कारण यह भी है कि लंबे समय से पहाड़ी जनपदों में ड्यूटी के चलते वे अपने बच्चों का दाखिला निकटवर्ती स्कूलों में कर चुके हैं। मैदानी जिलों के स्कूलों में प्रवेश को लेकर मारामारी है, और स्कूलों का नया सत्र भी शुरू हो चुका है। यही हाल मैदानी जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों का है।
यह है स्थानांतरण नीति
पुलिस विभाग की स्थानांतरण नीति के तहत जिन निरीक्षक और दारोगा की तैनाती मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में आठ वर्ष लगातार होगी उन्हें पर्वतीय जनपद जबकि पर्वतीय जनपदों में चार वर्ष पूरे करने के बाद मैदानी जनपदों में तैनात किया जाएगा।
वहीं मैदानी जिलों में 12 से 16 वर्ष तैनात रहने वाले आरक्षी व मुख्य आरक्षी का तबादला पर्वतीय जिलों में किया जाएगा जबकि छह से आठ वर्ष पर्वतीय जिलों में तैनात रहने वाले आरक्षी व मुख्य आरक्षी को मैदानी जिलों में भेजा जाएगा।
पुलिसकर्मियों के तबादलों को लेकर होमवर्क पूरा हो चुका है। तबादले 31 जुलाई से पहले किए जाने हैं। जितने पुलिसकर्मी पर्वतीय जनपदों से मैदानी जनपदों में आएंगे उतने ही मैदान से पहाड़ में भेजे जाएंगे। एक-दो जिलों से सूची आनी बाकी है, जिसके बाद स्थानांतरण सूची जारी की जाएगी।
करन सिंह नगन्याल, आइजी गढ़वाल रेंज
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