Move to Jagran APP

साइबर ठगी में वोडाफोन कर्मी समेत तीन लोग गिरफ्तार Dehradun News

कई राज्यों के बेरोजगार युवकों को ठगने वाले साइबर जालसाजों के गैंग का पर्दाफाश करते हुए एसटीएफ ने तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 15 Dec 2019 01:18 PM (IST)
Hero Image
साइबर ठगी में वोडाफोन कर्मी समेत तीन लोग गिरफ्तार Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। दिल्ली में कॉल सेंटर खोलकर कई राज्यों के बेरोजगार युवकों को ठगने वाले साइबर जालसाजों के गैंग का पर्दाफाश करते हुए एसटीएफ ने तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने बीते नवंबर महीने में रुड़की के एक युवक से नौकरी दिलाने के नाम पर 45 हजार रुपये ठगी की थी, जिसकी तफ्तीश के दौरान एसटीएफ शातिरों तक पहुंचने में कामयाब हुई। पकड़े गए आरोपितों में से एक वोडाफोन का कर्मचारी भी है, जो गिरोह के सदस्यों को प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड मुहैया कराता था। कॉल सेंटर से एसटीएफ को छह मोबाइल फोन, दो दर्जन से अधिक फर्जी सिम और सात एटीएम कार्ड मिले हैं। 

एसटीएफ के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि 30 नवंबर को शिवम निवासी रुड़की ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया कि उनसे नौकरी दिलाने के नाम पर 45 हजार रुपये की ठगी कर ली गई है। शिवम को जिन नंबरों से फोन आए थे और जिन बैंक खातों में रकम जमा कराई गई थी, उनकी डिटेल निकालने पर पता चला कि ठगों ने वारदात को दिल्ली से अंजाम दिया है।

इसके बाद इंस्पेक्टर अमर चंद शर्मा के नेतृत्व में टीम दिल्ली भेजी गई। वारदात में प्रयुक्त मोबाइल की लोकेशन के आधार पर शाहदरा इलाके में छापेमारी की गई। यहां चल रहे बालाजी व साईं टेलीकॉम के संचालक दुष्यंत को गिरफ्तार किया गया। दुष्यंत ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ उमेश और अतुल नाम के युवक भी जुड़े हैं। अतुल वोडाफोन में कर्मचारी है और वह प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड मुहैया कराता है। इसके बाद वह उमेश ऑनलाइन जॉब पोर्टल से बेरोजगारों के मोबाइल नंबर और डिटेल लेकर उनसे नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। 

खातों में मिला बीस लाख का ट्रांजेक्शन

दुष्यंत, अतुल और उमेश की निशानदेही पर करीब आधा दर्जन बैंक खातों के भी बारे में पता चला। इन खातों में करीब बीस लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि गिरोह करीब एक साल से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों के युवाओं को ठगी का शिकार बना चुका है। सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि मामले की विवेचना अभी चल रही है और पूर्व में हुई ठगी को लेकर अन्य राज्यों से संपर्क किया जा रहा है।

जॉब पोर्टल की तय होगी जिम्मेदारी

ऑनलाइन जॉब पोर्टल को लेकर भी एसटीएफ हरकत में आ गई है। दरअसल, इन पोर्टल पर नौकरी की तलाश कर रहे युवा अपनी पूरी डिटेल डाल देते हैं। जिसे साइबर ठग इंटरनेट के जरिये आसानी से हासिल कर वारदात को अंजाम देते हैं। सीओ ने बताया कि पोर्टल पर अपलोड होने वाले डाटा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संचालक की है। इसे और पुख्ता करने के लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल के संचालकों से संपर्क किया जा रहा है।

अंजान लोगों के नाम से खोलते थे अकाउंट

गिरोह इतना शातिर है कि उसके सदस्यों ने अपने नाम कहीं प्रयोग नहीं किया। सड़क चलते किसी शख्स या भिखारी की लाइव फोटो लेकर उसके नाम से सिमकार्ड एक्टिव करा लेते और फिर फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंक अकाउंट भी खोल लेते थे। एसटीएफ ने गिरोह के पास से मिले बैंक अकाउंट की डिटेल चेक की तो पता चला कि जिस नाम पर अकाउंट है और उसमें जो फोटो लगी है, उसका आपस में कोई संबंध ही नहीं है। 

यह भी पढ़ें: रिटायर्ड बैंक अधिकारी से एक करोड़ की साइबर ठगी Dehradun News

बोले अधिकारी

रिधिम अग्रवाल (डीआइजी एसटीएफ) का कहना है कि फोन पर किसी को ओटीपी या निजी डाटा शेयर करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए। खासकर नौकरी के नाम पर या फिर एटीएम, क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए आने वाले फोन कॉल पर बिल्कुल भी यकीन न करें। यदि किसी तरह का शक हो तो नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचना दें।

यह भी पढ़ें: अब लैंड फ्रॉड कमेटी को बाइपास नहीं कर पाएगी एसआइटी, पढ़िए पूरी खबर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।