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चिकित्सकों ने सर्जरी कर निकाली सामान्य से तीन गुना बड़ी किडनी Dehradun News

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने एक वृद्धा की दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर सामान्य से तीन गुना बड़ी किडनी निकाली है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 07 Feb 2020 07:09 AM (IST)
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चिकित्सकों ने सर्जरी कर निकाली सामान्य से तीन गुना बड़ी किडनी Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने एक वृद्धा की दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर सामान्य से तीन गुना बड़ी किडनी निकाली है। 66 वर्षीय महिला जनपद चमोली जिले के निलारी गांव की रहने वाली है। चिकित्सकों का दावा है कि अस्पताल में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है। एक किडनी से महिला अब सामान्य जीवन जी सकती है।

सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अभय कुमार ने बताया कि 66 वर्षीय वृद्ध महिला के पेट में दर्द की शिकायत थी। इस पर उन्होंने एक निजी अस्पताल में जांच कराई। जांच में पता चला कि महिला की दाहिनी किडनी की सक्रियता सिर्फ चार प्रतिशत बची है। पथरी की वजह से लंबे समय तक किडनी की नली बंद रहने से किडनी का आकार सामान्य से तीन गुना बड़ा हो गया था। 

इसके लिए वृद्ध महिला के पेट की सर्जरी करनी थी। परिजन महिला को दून अस्पताल लाए। जहां पर वरिष्ठ लैपरोस्कोपिक सर्जन डॉ. अभय कुमार की अगुवाई में टीम ने दूरबीन विधि से महिला मरीज का सफल ऑपरेशन किया। पेट में चार छोटे सुराग कर दूरबीन विधि से किडनी को पंचर कर बाहर निकाला गया। टीम में डॉ. पुनीत त्यागी, डॉ. अतुल सिंह, डॉ. सुभा, डॉ. हेमा सक्सेना, डॉ. मनीषा आदि शामिल रहे। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री ने सर्जरी करने वाली पूरी टीम को बधाई दी है।

एम्स में स्थापित होगा माइंड बॉडी मेडिसिन सेंटर

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आयुष विभाग के तत्वावधान में माइंड बॉडी मेडिसिन विषय पर आयोजित कार्यशाला में योग, ध्यान, आध्यात्मिकता व पुरातन चिकित्सा पद्धति पर वैज्ञानिक अनुसंधान पर जोर दिया गया। मौके पर निदेशक ने एम्स में माइंड बॉडी मेडिसिन सेंटर स्थापना की बात कही।

दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन एम्स निदेशक प्रो. रविकांत, डीन ऐकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता व डीन एलुमिनाई व आइबीसीसी प्रमुख प्रो. बीना रवि ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में प्रो. रविकांत ने बताया कि वर्तमान आपाधापी वाली जीवनशैली में चिकित्सकों को अपने मन को स्वस्थ व शांत रखना नितांत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि हमें अपने योग, ध्यान व आध्यात्मिकता के सिस्टम को वैज्ञानिक दृष्टि से प्रमाणित करना होगा। इस क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए संस्थान माइंड बॉडी मेडिसिन सेंटर की स्थापना करेगा। माइंड बॉडी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार जिवासु ने मानव की मुख्य समस्याओं पर व्याख्यान में बताया कि किस तरह से इसमें हमारे मस्तिष्क की मुख्य भूमिका रहती है।

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हमारा मन किस तरह से कार्य करता है। उन्होंने बताया कि जीवन में स्वस्थ रहने के लिए हमें मस्तिष्क को नियंत्रित रखना होगा। इस मौके पर संस्थान के डीन ऐकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता, पीजीआई चंडीगढ़ के प्रो. अक्षय आनंद, योगाचार्य भुवनचंद्र, डॉ. रूद्र भंडारी, डॉ. कल्पना गुप्ता, शिवांगी आदि ने व्याख्यान दिए। इस दौरान आयुष विभाग की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. मीनाक्षी जगझापे, डॉ. रविंद्र अंथवाल, डॉ. अन्विता सिंह, डॉ. विंतेश्वरी नौटियाल, डॉ. वैशाली गोयल, अनीता वर्मा आदि मौजूद थे। 

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