नीट का पेपर करना चाहते हैं क्लीयर, इस तरह करें तैयारी
मेडिकल की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में बेहतर तैयारी के लिए समय का सदुपयोग जरूरी है।
By BhanuEdited By: Updated: Mon, 22 Apr 2019 12:37 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। मेडिकल की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में बेहतर तैयारी के लिए समय का सदुपयोग जरूरी है।
परीक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, एंट्रेस से ठीक पहले यह कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इन दिनों में की गई मुकम्मल तैयारी बेहतर परिणाम देने में मददगार साबित हो सकती है।देशभर में नीट का आयोजन पांच मई को किया जाएगा। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग होने के चलते गलत जवाब देने की कोई गुंजाइश नहीं है। एक भी गलत जवाब देने से रिजल्ट बहुत ज्यादा प्रभावित हो सकता है। परीक्षा के बाद भी मेडिकल छात्रों को तैयारी छोड़नी नहीं चाहिए, क्योंकि इसके बाद एम्स व जिपमर की भी परीक्षा है।
इन बातों का रखें ध्यान - टॉपिक और विषयवार रिवीजन पर ध्यान दें। केवल महत्वपूर्ण टॉपिक पर फोकस करें। अनावश्यक टॉपिक पढ़कर समय न गवाएं।
- टाइम टेबल अनिवार्य रूप से बनाएं। इससे सभी विषयों को पढऩे के लिए अलग-अलग समय निर्धारित हो जाएगा।
- हर दिन सभी विषयों की पढ़ाई करें। किसी भी विषय को एक दिन छोड़कर न पढ़ें। - सुबह के समय कैमिस्ट्री पढ़ें। इसके बाद क्रमवार अन्य विषयों की पढ़ाई करें।
- दोपहर में बायलॉजी पढऩा उचित रहेगा। इसके चित्रों को समझें और कांसेप्ट दोहराएं। - शाम को फिजिक्स पढ़ें। इस दौरान केवल क्लास नोट पर कंसंट्रेशन करें। अनावश्यक पढऩे से बचें।
- पर्याप्त नींद लें और खुद को तरोताजा रखने के लिए मॉर्निंग वॉक करें। हल्का और सुपाच्य भोजन करें।- परीक्षा पूर्व केवल महत्वपूर्ण विषयों का रिविजन करें। ज्यादा से ज्यादा पढऩे की कोशिश न करें।
- पेपर पढऩे के बाद समय प्रबंधन कर लें। सरल प्रश्नों को पहले हल करें। कठिन प्रश्नों को अंत में हल करने का प्रयास करें। - जिस प्रश्न का उत्तर न आता हो, उस पर तुक्का न लगाएं। निगेटिव मार्किंग होने के कारण इससे नंबर कम हो सकते हैं।
नया पढ़ने का नहीं बचा वक्त बलूनी क्लासेज के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी के अनुसार अब बहुत ज्यादा नया पढऩे का वक्त नहीं रह गया है। छात्रों को चाहिए कि वह केवल सलेक्टिव मैटर ही पढ़ें।
वहीं, अविरल क्लासेज के प्रबंध निदेशक डीके मिश्रा के मुताबिक, आवश्यक टॉपिक्स को कई बार रिवाइज करें। समय प्रबंधन का ध्यान रखें और नियमित पढ़ाई करें।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के आइटीआइ होंगे अपग्रेड, इसके लिए कवायद हुई शुरू
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