Tirupati Laddu Prasad Controversy: उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने जताया आक्रोश, कहा- 'कड़ी कार्रवाई हो'
Tirupati Laddu Prasad Controversy तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल और पशु चर्बी मिलने से उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने आक्रोश जताया है। महापंचायत ने कहा कि पूरे प्रकरण में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और महासचिव डॉ. बृजेश सती ने कहा कि एनडीडीबी प्रयोगशाला की रिपोर्ट सामने आने के बाद तीर्थ पुरोहितों में काफी रोष है।
जागरण संवाददाता, देहरादून । Tirupati Laddu Prasad Controversy: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल व पशु चर्बी मिलने की पुष्टि होने पर उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने आक्रोश जताया है। कहा कि पूरे प्रकरण में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल व महासचिव डा. बृजेश सती ने कहा कि एनडीडीबी प्रयोगशाला की रिपोर्ट सामने आने के बाद तीर्थ पुरोहितों में काफी रोष है। देश व विदेश में 100 करोड़ से अधिक सनातन मतावलंबी हैं। इस प्रकरण के बाद सबकी भावना आहत हुई है।
कहा कि यह सनातन धर्म के विरुद्ध सुनियोजित साजिश है। चारों धामों के तीर्थ पुरोहित समाज व पुजारीगण आहत हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से सरकारी नियंत्रण के सभी मंदिरों में प्रयोग किए जाने वाले प्रसाद की भी उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की। कहा कि इस तरह के प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए।
सीबीआइ जांच कर दोषियों पर हो कार्रवाई : स्वामी बालकानंद गिरि
तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद के लड्डुओं में मिलावट की घटना पर आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज ने कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि कुछ धर्म विरोधी लोग भारतीय संस्कृति एवं सनातन परंपराओं को खत्म करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी करवाई की जानी चाहिए। प्रसाद में मिलावट कर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से प्रकरण की जांच की मांग की। कहा कि सीबीआइ जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
स्वामी बालकांनद गिरी महाराज ने कहा कि तिरुपति बालाजी देवालय ट्रस्ट को तुरंत भंग किया जाए और ट्रस्ट की जिम्मेदारी संत महापुरुषों एवं विद्वान पंडितों को दी जाए। घटना को लेकर सभी धर्माचार्यो को एक मंच पर आना चाहिए और मिलकर आवाज उठानी चाहिए।
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