ट्रैकर और पर्वतारोहियों को रिस्ट बैंड देने में अभी लगेगा और वक्त, वन विभाग से अनापत्ति की प्रतीक्षा में पर्यटन विभाग
रोमांच के शौकीनों के लिए उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र की चोटियां और ट्रैकिंग रूट हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहे हैं। ट्रैकर और पर्वतारोहियों को जीपीएस युक्त रिस्ट बैंड देने की योजना के आकार लेने में अभी कुछ और वक्त लगेगा।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Sun, 27 Feb 2022 08:54 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में ट्रैकर और पर्वतारोहियों को जीपीएस युक्त रिस्ट बैंड देने की योजना के आकार लेने में कुछ और वक्त लगेगा। इस सिलसिले में पर्यटन विभाग को अभी वन विभाग से अनापत्ति मिलने की प्रतीक्षा है। इसके बाद रिस्ट बैंड के विषय को जल्द ही तैयार होने वाली उत्तराखंड ट्रैकिंग एवं हाइकिंग नियमावली में शामिल किया जाएगा। यानी आने वाली नई सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी।
रोमांच के शौकीनों के लिए उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र की चोटियां और ट्रैकिंग रूट हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहे हैं। राज्य में 84 चोटियां पर्वतारोहण के लिए खुली हैं, जबकि 42 अन्य नई चोटियों के दरवाजे भी खोले गए हैं। इसके पीछे सरकार की मंशा यहां साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना है। अभी तक सालभर में औसतन 30 से 32 पर्वतारोहण व ट्रैकिंग अभियान ही होते हैं। इन अभियानों के दौरान कई बार रास्ता भटके ट्रैकर व पर्वतारोहियों को तलाशना कठिन हो जाता है। इसके लिए मशीनरी को नाकों चने चबाने पड़ते हैं।
इस सबको देखते हुए पिछले वर्ष अक्टूबर में पर्यटन विभाग ने पर्वतारोहियों व ट्रैकर को जीपीएस युक्त रिस्ट बैंड देने का निर्णय लिया। इससे जहां इनकी निरंतर लोकेशन मिलती रहेगी, वहीं रास्ता भटकने पर ढूंढना भी आसान होगा। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार पर्वतारोहण व ट्रैकिंग के अभियान वन विभाग के अधीन क्षेत्रों में होते हैं और इसके लिए वही अनुमति जारी करता है। इसे देखते हुए ही वन विभाग से रिस्ट बैंड के मामले में अनापत्ति मांगी गई है। साथ ही उसे इस बारे में सुझाव देने को भी कहा गया है।
यह भी पढ़ें- जंगल की बात : सरकारी नहीं, हम सबका है जंगल; इसे बचाना सभी की जिम्मेदारीसचिव जावलकर ने बताया कि वन विभाग से अनापत्ति मिलने के बाद रिस्ट बैंड को ट्रैकिंग व हाईकिंग नियमावली में शामिल करने से इसकी अनिवार्यता हो जाएगी। रिस्ट बैंड पर्यटन विभाग उपलब्ध कराएगा, इसकी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रयास ये है कि जल्द से जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी कर पर्वतारोहियों व ट्रैकर को जीपीएस युक्त रिस्ट बैंड देना प्रारंभ किया जाए।
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