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दिल्ली के प्रदूषण से दूर पर्यटक पहुंच रहे मसूरी और नैनीताल, पढ़िए पूरी खबर

वायु प्रदूषण की स्थिति विकट होने से लोग मसूरी व नैनीताल की वादियों में शुद्ध हवा में सांस लेने पहुंच रहे हैं। दोनों ही पर्यटक स्थलों में नवंबर में पीक सीजन जैसा माहौल नजर आ रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 07 Nov 2019 05:02 PM (IST)
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दिल्ली के प्रदूषण से दूर पर्यटक पहुंच रहे मसूरी और नैनीताल, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति विकट हो जाने से लोग मसूरी व नैनीताल की वादियों में शुद्ध हवा में सांस लेने पहुंच रहे हैं। इससे पहली दफा दोनों ही पर्यटक स्थलों में नवंबर माह में पीक सीजन जैसा माहौल नजर आ रहा है। होटलों में बुकिंग की स्थिति 70 फीसद तक जा पहुंची है। पर्यटकों की आमद से यहां की हसीन वादियां ऑफ सीजन में गुलजार नजर आ रही हैं और इससे कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए हैं।

दीपावली में छोड़ी गई आतिशबाजी और पराली जलाने से खासकर दिल्ली क्षेत्र में वायु प्रदूषण विकट स्थिति में पहुंच गया है। इसके चलते दिल्ली सरकार को स्कूलों में छुट्टी घोषित भी करनी पड़ गई। लिहाजा, बड़ी संख्या में पर्यटकों की आमद का जो सिलसिला सप्ताहभर पहले उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों की तरफ शुरू हुआ था, वह अब भी जारी है। मसूरी, कैम्पटी फॉल, जॉर्ज एवरेस्ट, गनहिल, कंपनी गार्डन, भट्टा फॉल, लालटिब्बा, चार दुकान समेत धनोल्टी, काणाताल, बुरांशखंडा आदि पर्यटन स्थल पर्यटकों से पैक नजर आ रहे हैं। 

 

दीपावली के बाद पहली बार मसूरी में इतने अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं, जबकि सामान्यत: नवंबर माह में इस पूरी पर्यटन बेल्ट में सन्नाटा पसरा रहता है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश नारायण माथुर का कहना है कि पर्यटकों की आमद बढऩे से न सिर्फ होटल व्यवसायी उत्साहित हैं, बल्कि रेस्तरां संचालक, टैक्सी, रिक्शा व टूर ऑपरेटर्स भी खुश नजर आ रहे हैं। मसूरी पहुंचने पर पर्यटक भी ताजी हवा में सांस लेकर खुद को रिफ्रेश कर रहे हैं। हालांकि, इससे गांधी चौक, लंढौर बाजार व मलिंगार में आफ सीजन में भी जाम की स्थिति बढ़ रही है।

उधर, कुछ ऐसा ही नजारा नैनीताल का भी है। यहां भी दीपावली के बाद से सैलानियों का नैनीताल एवं आसपास के क्षेत्रों में पहुंचने का सिलसिला जारी है। नैनीताल में समर व ऑटम दो अहम पर्यटन सीजन रहते हैं। इस दौरान सैलानी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। ऑटम सीजन सितंबर मध्य से शुरू होकर अक्टूबर अंत में समाप्त हो जाता है। नवंबर से ऑफ सीजन शुरू होने के बाद सैलानियों का टोटा क्रिसमस पर्व से पहले तक बना रहता है। इस बार नवंबर शुरुआत में ही सैलानियों की आमद कम होने की जगह बढ़ी है। जिसमें अधिकतर संख्या दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा आदि के सैलानियों की है। इनके अलावा गुजरात, बंगाल व उत्तर प्रदेश के सैलानी भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। मालरोड व पंत पार्क समेत तमाम पर्यटन स्थलों में सैलानी शुद्घ हवा में चहलकदमी कर नैसर्गिक सुंदरता का लुत्फ उठा रहे हैं। नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र साह का कहना है कि पर्यटकों की आमद बढऩे से ऑफ सीजन में भी पर्यटन कारोबार में वृद्घि हुई है।

वहीं, होटल एवं रिसॉर्ट एसोसिएशन रामनगर के अध्यक्ष हरि सिंह मान का कहना है कि कॉर्बेट पार्क के लिए भी पर्यटक अच्छी खासी संख्या में आनलाइन बुकिंग कर पहुंच रहे हैं। 

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प्रदूषण के लिहाज से महफूज हैं पर्वतीय क्षेत्र

नैनीताल स्थित आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदूषण के लिहाज से पर्वतीय क्षेत्र इन दिनों महफूज हैं। पीएम 2.5 की मात्रा दिल्ली एनसीआर की तुलना में यहां जमीन-आसमान का अंतर हैं। दिवाली के बाद कुछ दिन प्रदूषण यहां सामान्य की तुलना में 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से उपर पहुंच गया था, जो अब सामान्य पहुंच अवस्था में आ गया है। पिछले चार पांच दिनों से यह 12 से 15 के बीच बना हुआ है।

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