देहरादून में जहरीले सांपों को करीब से जानेंगे सैलानी
अब वन विभाग के प्रयासों से लोग जहरीले सांपों की भी करीब से जान सकेंगे। देहरादून जू में प्रदेश के पहले सर्प बाड़े का आज उद्घाटन होने जा रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 02 Jan 2020 04:42 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सांप को देखकर अक्सर लोगों में भगदड़ मच जाती है। लोग सांप देखते ही या तो भाग जाते हैं या उसे मारने का प्रयास करते हैं। जबकि सांप के बारे में लोगों को जरा भी जानकारी नहीं होती। अब वन विभाग के प्रयासों से लोग जहरीले सांपों की भी करीब से जान सकेंगे। देहरादून जू में प्रदेश के पहले सर्प बाड़े का आज उद्घाटन होने जा रहा है। इस बाड़े में स्थानीय व बाहरी पर्यटकों को किंग कोबरा से लेकर अन्य जहरीले सांपों का दीदार करने का मौका मिलेगा। साथ ही सांपों से जुड़े उनके भ्रम भी दूर किए जाएंगे।
देहरादून जू में बने सर्प बाड़े में सांप, अजगर की 12 प्रजातियां होंगी। इस हाउस में रसल वाइपर, पाइथन, कोबरा, पिट वाइपर, करैत, रैट स्नेक, ट्रिंकेट स्नेक आदि की 12 प्रजातियों के सांप देखने को मिलेंगे। साथ ही इनके बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। किंग कोबरा तो आकर्षण का केंद्र रहेगा ही, इसके अलावा उत्तराखंड में न पाए जाने वाले पाइथन को भी बाड़े में शामिल किया गया है। यही नहीं लोगों के भ्रम को दूर करने के साथ ही जू अथॉरिटी उन्हें सांप काटने पर फस्र्ट एड और सांप से बचने के तरीके भी बताएगी। इसमें विशेषकर स्कूली छात्रों और युवाओं को सांप की पहचान और उससे बचने के तरीके समझाने पर जोर दिया जाएगा। बाड़े में देश में मिलने वाले चार सबसे जहरीली किस्म के सांप रखे गए हैं।
पाइथन की प्रजाति रहेगी खास
पाइथन की कुछ विशेष प्रजातियों को बाड़े में शामिल किया गया है। ये वे प्रजातियां हैं तो उत्तराखंड में नहीं पाई जाती हैं। रॉक पाइथन, ब्लैक टेल्ड पाइथन आदि लोगों को आकर्षित करेंगे। इनके बारे में लोगों को बोर्ड लगाकर पूरी जानकारी दी जाएगी।यह भी पढ़ें: देहरादून जू में होगा उत्तराखंड का पहला स्नेक हाउस, अजगर की होंगी 12 प्रजातियां
पीके पात्रो (निदेशक, देहरादून जू) का कहना है कि देहरादून में कायाकल्प के बाद कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी के तहत अब यहां स्नेक हाउस बनाया गया है। मार्च में इसका कार्य शुरू होने के बाद छह माह में पूर्ण कर लिया गया था। अब इसका उद्घाटन किया जा रहा है। यहां सांपों के बारे में जानकारी देने के साथ ही उनके बारे में फैले भ्रम को भी दूर किया जाएगा।यह भी पढ़ें: डायनासोर काल का 'जिंको बाइलोवा' इस जू में है मौजूद, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर
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