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पुलिस बनी बेखबर, जाम में फंस रहा दून शहर, लोगों की मुसीबत

शहर पिछले कई दिनों से जाम से कराह रहा है। चंद किलोमीटर के सफर के लिए लोग घंटों पुलिसिया लापरवाही और बहानेबाजी की मार झेलने को विवश हैं।

By BhanuEdited By: Updated: Wed, 27 Mar 2019 08:36 PM (IST)
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पुलिस बनी बेखबर, जाम में फंस रहा दून शहर, लोगों की मुसीबत
देहरादून, जेएनएन। शहर पिछले कई दिनों से जाम से कराह रहा है। चंद किलोमीटर के सफर के लिए लोग घंटों पुलिसिया लापरवाही और बहानेबाजी की मार झेलने को विवश हैं। हर दिन बद से बदतर होते जा रहे हालात के बावजूद आला अधिकारी ऐसे खामोश हैं, जैसे दून की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था बेहद उम्दा हो। 

असलियत यह है लोकसभा चुनाव के नाम पर तमाम चौक-चौराहों से फोर्स हटा ली गई। यह सोचे बगैर की चुनाव की गहमागहमी और राजनीतिक पार्टियों की रैलियों के वक्त जब ट्रैफिक का प्रेशर आम दिनों से अधिक होगा, तब क्या होगा।

देहरादून शहर और जाम का वैसे तो चोली-दामन का साथ है। मगर हाल के महीनों में स्थिति इस कदर बिगड़ गई कि सड़कों पर कुछ क्षणों के लिए लगने वाला जाम सुबह से शाम तक अनवरत रूप से लोगों को छकाने लगा है। इधर, जब से लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई है, तब से दून शहर इस कदर जाम से बेहाल हो गया है कि चंद किलोमीटर का सफर तय करने में घंटों का वक्त लग जा रहा है। 

इस पर अफसरों का तर्क है कि चुनाव के चलते अधिकांश फोर्स चुनाव ड्यूटी में लग गई है। मगर, सवाल यह है कि क्या लोकसभा चुनाव की घोषणा अचानक हुई या फिर अफसरों को यह बात पता ही नहीं थी कि चुनाव में फोर्स भी लगती है। यदि यह बात पता होती तो वह ट्रैफिक के लिए उच्चाधिकारियों से अतिरिक्त फोर्स की मांग करते और फोर्स की कमी होने की स्थिति में विकल्प तैयार करते, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। 

वजह जो भी हो, लेकिन अफसरों के इस रवैये से एक बात तो साफ हो गई कि लोकसभा चुनाव की आड़ में पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को समझने की जहमत ही नहीं उठाई। 

80 सिपाही और सौ होमगार्ड ट्रैफिक से हटे

ट्रैफिक को लेकर अफसरों की अदूरदर्शी सोच को जानने के लिए यातायात पुलिस की संख्या पर गौर करना होगा। लोकसभा चुनाव के एलान से पहले तक ट्रैफिक में दो इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर, दस हेड कांस्टेबिल और करीब दो सौ सिपाही तैनात थे। इसमें से 80 सिपाही हरिद्वार, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी व चमोली जिलों से टै्रफिक पुलिस से संबद्ध किए गए थे। 

चुनाव का एलान होते ही ट्रैफिक से संबद्ध गैर जनपद के सिपाहियों को यहां से रिलीव कर दिया। फोर्स की कमी का सिलसिला यहीं थाम लिया जाता तो शायद स्थिति इस कदर न बिगड़ती। मगर इसी बीच सवा सौ होमगार्डों में से 115 को भी चुनाव ड्यूटी में झोंक दिया गया। सूत्रों की मानें तो मौजूदा वक्त में ट्रैफिक के दस कांस्टेबिल, 116 सिपाही और एक दर्जन होमगार्ड ही ट्रैफिक में बचे हैं।

जाम पर एसपी ट्रैफिक का तर्क

- लोकसभा चुनाव के चलते ट्रैफिक में फोर्स आधे से भी कम हो गई है।

- थानों से ट्रैफिक संचालन में मिल रही मदद भी कम हो गई है।

- चौक-चौराहों पर दो शिफ्ट में ड्यूटी लगती थी, अब एक सिपाही की भी तैनाती नहीं हो पा रही है।

- प्रमुख चौराहों के लेफ्ट टर्न पर भी फोर्स लगाई जाती थी, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो पा रहा।

- उच्चाधिकारियों को मौजूदा स्थिति से अवगत कराते हुए अतिरिक्त फोर्स मांगी गई है।

अभी और बुरे होंगे हालात

शहर में जाम को लेकर हालात और बुरे होने वाले हैं। वजह यह कि नामांकन खत्म होने के बाद अब चुनावी रैलियों के आयोजन का सिलसिला शुरू होगा और दलों के स्टार प्रचारकों की जनसभाएं भी होंगी। इतना ही नहीं, बुधवार को झंडा मेले की नगर कीर्तन यात्रा निकलेगी और करीब महीने पर दरबार साहिब में संगतों के आने का सिलसिला भी रहेगा।

सिर्फ चालान के लिए है सीपीयू 

यातायात नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए गठित सिटी पेट्रोल यूनिट के लिए जाम लगना कोई बड़ी बात नहीं। चालान का टारगेट पूरा करने में वह इस कदर मशगूल हो जाते हैं कि सामने जाम लगा हो तो भी वह नजरअंदाज कर जाते हैं। 

बहानेबाजी की आड़ न ले दून पुलिस: डीजी

दून शहर में पिछले एक हफ्ते लग रहे जाम की शिकायत पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार तक पहुंची तो उनका भी पारा चढ़ गया। बोले कि दून पुलिस शहर में लग रहे जाम पर अगर यह तर्क दे रही है कि चुनाव के चलते फोर्स की कमी हो गई है तो यह उसकी बहानेबाजी और मिस मैनेजमेंट है।

दरअसल, गढ़वाल परिक्षेत्र के जिलों से सौ के करीब पुलिस देहरादून में ट्रैफिक के लिए संबद्ध किए जाते हैं। उधार के इन्हीं सिपाहियों के बूते दून में ट्रैफिक चलाने का दावा करती है। डीजी ने यहां तक कहा कि दून में कब तक गैर जिलों के उधार के सिपाहियों से ट्रैफिक चलेगा।

दो शिफ्ट में लगती है ड्यूटी

शहर के 23 प्रमुख चौक-चौराहों पर हर रोज दो शिफ्ट में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगती रही है। पहला शिफ्ट सुबह सात से दो बजे तक का होता है और दूसरी शिफ्ट ढाई बजे से रात दस बजे तक की होती है। लेकिन मौजूदा वक्त में निरंजनपुर मंडी, लालपुल, कारगी चौक, कमला पैलेस, बल्लीवाला, डीएवी कट समेत एक दर्जन चौक-चौराहों पर दो-दो शिफ्ट में ड्यूटी के बजाए फोर्स को ही हटा लिया गया। अब यहां ट्रैफिक चलाने वाला कोई नहीं है।

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