Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Muharram के जुलूस को लेकर आज Dehradun में यातायात रहेगा डायवर्ट, रूट चार्ट देखकर ही घर से निकलें

Muharram 2024 मुहर्रम के जुलूस को देखते हुए यातायात पुलिस की ओर से रूट डायवर्जन प्लाज जारी किया गया है। यातायात पुलिस की ओर से आमजन से अपील की गई है कि वह प्लान देखकर ही शहर में निकले। जुलूस के ईसी रोड से प्रस्थान करने पर ईसी रोड की ओर कोई वाहन नहीं आएगा। त्याग व बलिदान के पर्व मुहर्रम की 10वीं तारीख यौमे-आशूरा आज मनाया जाएगा।

By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 17 Jul 2024 07:29 AM (IST)
Hero Image
Muharram 2024: आज देहरादून का यातयाात रहेगा डायवर्ट

जागरण संवादाता, देहरादून। Muharram 2024: मुहर्रम के जुलूस को देखते हुए यातायात पुलिस की ओर से रूट डायवर्जन प्लाज जारी किया गया है। जुलूस दोपहर दो बजे ईसी रोड से शुरू होगा, जिसका समापन इनामुल्ला बिल्डिंग पर होगा। यातायात पुलिस की ओर से आमजन से अपील की गई है कि वह प्लान देखकर ही शहर में निकले।

जुलूस के ईसी रोड से प्रस्थान करने पर ईसी रोड की ओर कोई वाहन नहीं आएगा। वहीं यूकेलिप्टस चौक, बेनी बाजार, सर्वे चौक से यातायात डायवर्ट किया जाएगा। जुलूस के सर्वे चौक पास करने पर ईसी रोड का यातायात सामान्य कर दिया जाएगा व सर्वे चौक से परेड मैदान की ओर तरफ वाहन नहीं भेजे जाएंगे। यातायात क्रास रोड से बुद्धा चौक होते हुए जाएगा।

परेड ग्राउंड से रोजगार तिराहा, कांवेंट तिराहा, लैंसडौन चौक की ओर मुहर्रम का जुलूस जाएगा। इस दौरान जुलूस के सापेक्ष कोई भी यातायात नहीं भेजा जाएगा। वाहनों को सर्वे चौक की ओर भेजा जाएगा। जुलूस के लैंसडौन चौक से दर्शनलाल चौक जाने पर सर्वे चौक का यातायात सामान्य कर दिया जाएगा। लैंसडौन चौक और दर्शनलाल चौक की ओर कोई वाहन नहीं भेजा जाएगा।

दर्शनलाल चौक, तहसील चौक, इनामुल्ला बिंल्डिंग की ओर जुलूस जाने पर जुलूस के पीछे कोई वाहन नहीं जाने दिया जाएगा। वाहनों को दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, दून चौक, द्रोण होटल कट की ओर भेजा जाएगा। इनामुल्ला बिल्डिंग पर जुलूस समाप्त होने पर पूरा यातायात सामान्य कर दिया जाएगा।

वाहनों के लिए यातायात रूट प्लान

  • जुलूस के सर्वे चौक पहुंचने से पहले तीन नंबर विक्रम रेसकोर्स चौक से वापस होंगे।
  • पांच व आठ नंबर विक्रम रेलवे स्टेशन के गेट से वापस होंगे।
  • दो नंबर विक्रम, सिटी बस व व्यावसायिक वाहन सहस्रधारा क्रासिंग से वापस होंगे।
  • प्रेमनगर व कैंट से चलने वाले विक्रम बिंदाल पुल से वापस किए जाएंगे।
  • जुलूस के करनपुर से प्रारंभ होने पर कुछ समय के लिए यूकेलिप्टिस चौक से सर्वे चौक, बेनी बाजार चौक की ओर आने वाले वाहनों को घंटाघर की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
  • जुलूस के सर्वे चौक से रोजगार तिराहे की ओर आने पर सर्वे चौक से लैंसडौन चौक की ओर जाने वाले यातायात को क्रास रोड की ओर डायवर्ट किया जाएगा व मनोज क्लीनिक की ओर से कान्वेंट तिराहे की ओर वाहन नहीं जाने दिए जाएंगे।
  • कनक चौक से रोजगार तिराहा जाने वाले यातायात को पैसिफिक तिराहे से सुभाष रोड होते हुए बेनी बाजार की ओर भेजा जाएगा।
  • जुलूस के लैंसडौन चौक पहुंचने से पहले बुद्धा चौक व दर्शन लाल चौक से कोई भी वाहन लैंसडौन चौक की ओर नहीं आएगा।
  • जुलूस के लैंसडौन चौक से दर्शन लाल चौक की ओर जाने से पहले तहसील चौक से सभी वाहनों को दून चौक की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
  • ओरिएंट चौक से घंटाघर आने वाले वाहनों को ओरिएंट चौक से कनक चौक की ओर भेजा जाएगा।
  • घंटाघर से दर्शनलाल चौक की ओर आने वाले वाहनों को ओरिएंट चौक की ओर भेजा जाएगा।
  • जुलूस के तहसील चौक पहुंचने से पहले प्रिंस चौक से आने वाले यातायात को द्रोण होटल कट से आइजी कट होते हुए दून चौक ओर भेजा जाएगा।
  • जुलूस का पिछला हिस्सा जिन-जिन स्थानों से पास होता जाएगा, स्थिति को देखते हुए यातायात को तत्काल सामान्य किया जाएगा।

यौमे-आशूरा पर आज निकलेगा मातमी जुलूस

त्याग व बलिदान के पर्व मुहर्रम की 10वीं तारीख यौमे-आशूरा आज मनाया जाएगा। मातमी जुलूस के साथ ताजिया निकाले जाएंगे। जिसमें हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत को याद किया जाएगा।मुहर्रम का चांद दिखने के बाद शिया समुदाय में गम का माहौल है।

कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए पुरुष काला लिबास पहनते हैं। घरों व इमामबाड़े में गम मजलिसों का दौर जारी है। मंगलवार को भी कर्बला की लड़ाई व हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत को याद किया किया। उलेमा की ओर से कर्बला में जंग के बारे में बताया गया। कर्बला की जंग बादशाह यजीद की सेना और हजरत इमाम हुसैन के बीच लड़ी गई थी।

इमाम हुसैन ने इस्लाम की रक्षा के लिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ कुर्बानी दी थी। उनकी शहादत मुहर्रम के 10वें दिन हुई थी। इस दिन को आशूरा कहा जाता है। उन शहीदों की याद में हर साल ताजिए बनाए जाते हैं व जुलूस निकाले जाते हैं। ये ताजिए शहीदों के प्रतीक होते हैं। शिया एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के सचिव हसन जैदी ने बताया कि महीने के शुरुआती 10 दिनों तक यह कार्यक्रम चलता है। 10वें दिन इमामबाड़ा से मातमी जुलूस निकाला जाता है।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर