प्रशिक्षु आइएफएस अधिकारी ने धैर्य से जीती कोरोना से जंग, साझा किए अनुभव
आइएफएस प्रशिक्षु अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अब स्वस्थ हो चुके हैं। उनके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई तो उन्हें लगा कि जैसे दुनिया जीत ली हो।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 28 Mar 2020 08:19 AM (IST)
देहरादून, सुमन सेमवाल। हम जिस आइएफएस प्रशिक्षु अधिकारी की कहानी आपको बता रहे हैं। वह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अब स्वस्थ हो चुके हैं। सात दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद जब उनके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई तो उन्हें लगा कि जैसे दुनिया जीत ली हो।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) के प्रशिक्षु अधिकारी स्वरूप दीक्षित अकादमी के उस 25 सदस्यीय दल में शामिल थे, जो स्पेन व फिनलैंड के भ्रमण पर गया था। 11 मार्च की शाम जब वह दून पहुंचे तो तभी से उनकी दुनिया बदल चुकी थी। उन्हें अन्य साथियों के साथ अकादमी के हॉस्टल के अलग-अलग कमरों में क्वारंटाइन कर दिया गया था। इस अवधि में उनके लिए एक-एक दिन काटना भारी हो रहा था। फिर 19 मार्च को उनकी ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आई तो एक अन्य साथी के साथ वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एक प्रशिक्षु अधिकारी में पहले ही कोरोना संक्रमण पाया जा चुका था। खुद के भी संक्रमित होने की खबर सुनकर प्रशिक्षु अधिकारी के पैरों तले की जमीन खिसक गई थी। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की टीम दूसरे साथी के साथ उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराने ले गई। अस्पताल में आपाधापी देख वह और भी डर गए। नासिक में रह रहे उनके परिजनों के फोन भी घनघनाने लगे। वह उसी समय आने पर उतारू थे, लेकिन पाबंदी थी।
नासिक (महाराष्ट्र) के रहने वाले प्रशिक्षु अधिकारी स्वरूप दीक्षित कोरोना वायरस के संक्रमण की पीड़ा कम और मानसिक आघात अधिक महसूस कर रहे थे। फिर सोचा कि ज्यादा से ज्यादा क्या हो जाएगा, शायद मन पर काबू पाकर कुछ लाभ मिल जाए। उन्होंने अस्पताल में ही उपचार के बीच योग व प्राणायाम किया। इससे उनकी चिंता दूर होने लगी और स्वास्थ्य में भी सुधार आने लगा। तीसरे व चौथे दिन से मानसिक शांति मिलने लगी। एक सप्ताह के भीतर अगली ब्लड रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य में सुधार के अनुरूप कोरोना का संक्रमण गायब था। अब अंतिम रिपोर्ट भी नेगेटिव आने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली और कहा कि मैंने कोरोना की जंग जीत ली।
न्यूयार्क में रह रहे भाई बता रहे हालातप्रशिक्षु अधिकारी के भाई परिवार समेत न्यूयार्क में रह रहे हैं। वहां वह सुरक्षित हैं, मगर मौजूदा हालात से बेहद चिंतित भी। अधिकारी के भाई ने फोन पर वहां का हाल सुनाया। उन्होंने बताया कि न्यूयार्क के लोगों ने एहतियात बरतने में बहुत देर कर दी। भारत ने इससे सीख ली और जल्द लॉकडाउन का कदम उठा लिया।यह भी पढ़ें: जज्बे को सलाम, कोरोना के खिलाफ जंग में डटे ये योद्धा
कोरोना से डरें नहीं बचाव करेंप्रशिक्षु आइएफएस अधिकारी स्वरूप दीक्षित इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रधानमंत्री ने संपूर्ण लॉकडाउन का एलान कर दिया। हालांकि, वह इस बात से चिंतित हैं कि लॉकडाउन के बीच मिल रही छूट में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का उचित पालन नहीं कर रहे। उनका कहना है कि कोरोना को सिर्फ घर में बैठकर हराया जा सकता है।यह भी पढ़ें: Uttarakhand Lockdown Day 3: असहायों के लिए पुलिस कर्मी बने फरिश्ते, जरूरतमंदों को पहुंचाया राशन; मरीजों को अस्पताल
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