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असली और नकली वैक्सीन के बीच अंतर बताने को निजी अस्पतालों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग अब निजी अस्पतालों को असली और नकली वैक्सीन का अंतर समझाने के लिए प्रशिक्षण देगा। बता दें कि देश के कई राज्‍यों में नकली वैक्‍सीन के मामले सामने आए हैं। इसके बाद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग सतर्क हो गया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 06 Sep 2021 09:24 AM (IST)
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कुछ राज्यों में नकली वैक्सीन के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हुआ है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। देश के कुछ राज्यों में नकली वैक्सीन के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हुआ है। विभाग केंद्र से मिली गाइडलाइन के अनुसार अब निजी अस्पतालों को असली और नकली वैक्सीन का अंतर समझाने के लिए प्रशिक्षण देगा। इसकी शुरुआत इसी सप्ताह कर दी जाएगी।

देश में कुछ राज्यों में नकली वैक्सीन के मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। इसके साथ ही ही सभी राज्यों का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए एक पत्र भी लिखा गया है। इस पत्र में राज्यों को असली और नकली वैक्सीन के बीच अंतर बताने के लिए विभिन्न बिंदुओं का उल्लेख किया गया है। इसमें वैक्सीन का नाम, प्रकार, छपाई आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। सभी राज्यों को इस संबंध में अपने यहां चिकित्सालयों को प्रशिक्षित करने को कहा गया है। प्रदेश में अभी कोरोना की रोकथाम के लिए तीन वैक्सीन आ रही हैं।

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इनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक शामिल है। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में केंद्र सरकार के माध्यम से कोविशील्ड और को वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं, निजी अस्पताल स्वयं के खर्च पर सीधे खुले बाजार से वैक्सीन खरीद रहे हैं। खुले बाजार में ही नकली वैक्सीन की बात सामने आ रही है। प्रदेश में अभी इस प्रकार का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन केंद्र के दिशा-निर्देशानुसार अब यहां निजी अस्पतालों को इस बारे में जानकारी देने की तैयारी की जा रही है।

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राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने कहा कि केंद्र से मिली गाइडलाइन के अनुसार इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर निजी अस्पतालों को असली-नकली का अंतर बताने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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