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सचिव की पत्नी से विवाद पर महिला चिकित्सक का स्थानांतरण, चिकित्सक ने दिया इस्तीफा, अस्‍पताल से शासन तक हड़कंप

शिकायतकर्ता डा. निधि उनियाल दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैैं। डा. निधि के अनुसार वह गुरुवार को अस्पताल में ओपीडी में मरीज देख रही थीं। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डा. पंकज पांडेय की पत्नी को देखने के लिए उनके घर जाने को कहा।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2022 08:17 AM (IST)
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दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की वरिष्ठ महिला चिकित्सक का स्थानांतरण अल्मोड़ा कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्वास्थ्य सचिव की पत्नी से हुए विवाद के बाद दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की वरिष्ठ महिला चिकित्सक का स्थानांतरण अल्मोड़ा कर दिया गया। इस पर चिकित्सक ने स्थानांतरण को गलत ठहराते हुए इस्तीफा दे दिया। इसकी प्रति उन्होंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और दून व अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य को भी भेजी है। इस प्रकरण से दून अस्पताल से लेकर शासन तक हड़कंप मचा हुआ है।

शिकायतकर्ता डा. निधि उनियाल दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैैं। डा. निधि के अनुसार वह गुरुवार को अस्पताल में ओपीडी में मरीज देख रही थीं। इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डा. पंकज पांडेय की पत्नी को देखने के लिए उनके घर जाने को कहा। मरीजों की भीड़ को देखते हुए उन्होंने इसमें असमर्थता जताई, लेकिन अधिकारियों ने इसे जरूरी बताया। डा. निधि मेडिकल स्टाफ के साथ स्वास्थ्य सचिव के घर पहुंचीं। उन्हें सचिव की पत्नी का ब्लड प्रेशर जांचना था, लेकिन ब्लड प्रेशर जांचने की मशीन बाहर कार में छूट गई थी।

मशीन लेने के लिए उन्होंने स्टाफ को भेजा। आरोप है कि इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गई और मोबाइल पर बात करते हुए उनके बारे में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया। इस पर दोनों के बीच काफी बहस हुई। डा. निधि स्टाफ के साथ अस्पताल लौट आईं। डा. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने को कहा। उन्होंने ऐसा करने से इन्कार कर दिया।

उनका कहना था कि जब कोई गलती ही नहीं की तो माफी क्यों मांगें। इसके बाद वह कालेज में क्लास लेने चली आईं। बताया गया कि इसी बीच अस्पताल के कुछ अधिकारी सचिव के घर पर भी गए, लेकिन उनकी पत्नी ने मिलने से इन्कार कर दिया।  इसके बाद दोपहर करीब तीन बजे स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश आया, जिसमें डा. निधि को सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा से संबंद्ध करने को कहा गया।

इस पर आपत्ति जताते हुए डा. निधि ने स्वास्थ्य सचिव को अपना इस्तीफा भेज दिया। उनका कहना है कि वह एक प्रशिक्षित चिकित्सक हैैं और देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कालेज में काम कर चुकी हैैं। अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर जाकर उसे देखना उनका कार्य नहीं है। इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं।

डा. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद खाली हैं। इस कारण चिकित्सक का तबादला किया गया है। यह एक रूटीन प्रक्रिया है।

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रीढ़ मजबूत रखिए और मना करना शुरू कीजिए: पीएमएचएस

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की महिला चिकित्सक से अभद्रता का मामला शाम होते-होते तूल पकड़ गया। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, कुछ अन्य लोग भी सामने आने लगे हैैं जो इसी तरह की प्रताडऩा और अभद्रता का शिकार हुए हैैं। बशर्ते, वह अब भी खुलकर अपनी बात कहने से बच रहे हैैं।

प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा का कहना है कि यह बेहद गलत परंपरा है। चिकित्सक का नेताओं और अधिकारियों के घर एक गुलाम की तरह जाना कतई सही नहीं ठहराया जा सकता। कुछ चिकित्सक स्वयं ऐसा करना चाहते हैं। यह सोचकर कि अच्छे संबंध बन जाएंगे। असल में यह गुलामी और चाटुकारिता की पराकाष्ठा है। यह परंपरा तत्काल बंद होनी चाहिए। प्रदेशभर के चिकित्सक साथ दें तो इस प्रथा को समाप्त करने के लिए हर स्तर पर आवाज उठाई जाएगी।

उन्होंने चिकित्सकों से अपील की है कि इस गुलामी के खिलाफ आवाज उठाएं और डा. निधि का समर्थन करें। अपने मन की बात खुलकर कहें। अस्पताल और ड्यूटी छोड़ कर कुछ बड़े व्यक्तियों को घर जाकर देखने का पुरजोर विरोध होना चाहिए। अधिकारियों से भी अनुरोध है कि अपनी रीढ़ मजबूत रखिए और मना करना शुरू कीजिए।

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