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दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की स्थापना का पुरजोर विरोध जारी, अब सड़कों पर उतरे परिवहन कारोबारी; धामी सरकार का पुतला फूंका

दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने को लेकर विरोध लगातार जारी है। मंगलवार को उत्तराखंड परिवहन समेत कई परिवहन कंपनियों के सदस्यों ने बस टर्मिनल परिसर में धामी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके अलावा सरकार के इस फैसले पर एतराज जताते हुए प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। सरकार के खिलाफ रोष जताकर इस फैसलों को वापस लेने की मांग की।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 16 Jul 2024 03:33 PM (IST)
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दिल्ली में केदारनाथ प्रतिकृति के विरोध में परिवहन कारोबारियों ने प्रदेश सरकार का फूंका पुतला
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति की स्थापना का परिवहन व्यावसायियों ने विरोध किया है। उन्होंने इस निर्णय को सनातन विरोधी बताते हुए प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर रोष जताया है। साथ ही इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की।

प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

मंगलवार को उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय व संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष नवीन चंद रमोला के नेतृत्व कई परिवहन कंपनियों के सदस्यों ने बस टर्मिनल परिसर में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

केदारनाथ धाम में सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध

सुधीर राय ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति की स्थापना की जा रही है। इससे केदारनाथ मंदिर में आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालु आहत महसूस कर रहे हैं। कहा कि केदारनाथ धाम में हक-हकूकधारी व पंडे सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध कर रहे हैं।

प्रतिकृति स्थापना से प्रदेश के पर्यटन पर पड़ेगा बुरा असर

नवीन चंद रमोला ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के नाम पर दुरुपयोग करना उचित नहीं है। केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति की स्थापना करना केदारनाथ धाम के महत्व को चुनौती देने जैसा है। कहा कि इससे प्रदेश में पर्यटन  व तीर्थाटन पर बुरा असर पड़ेगा। इससे प्रदेशवासियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने प्रदेश सरकार से दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति की स्थापना को रोकने की मांग की।

प्रदर्शन करने वालों में ये लोग शामिल 

प्रदर्शन करने वालों में टीजीएमओ के उपाध्यक्ष यशपाल राणा, पूर्व अध्यक्ष बलबीर रौतेला, यातायात के संचालक दाताराम रतूड़ी, हरीश नौटियाल, पूर्व रोटेशन अध्यक्ष चंदन पंवार, हेमंत डंग, मदन कोठारी, धनेश कंडियाल व कई अन्य शामिल रहे।

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