परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने अधिकारियों से दो टूक कहा, बैठकों में नहीं धरातल पर करें सड़क सुरक्षा का कार्य
उन्होंने कहा कि सभी ब्लैक स्पाट को दुरुस्त करने के साथ ही संवेदनशील स्थलों पर क्रैश बैरियर लगाए जाने हैं। कहा कि ओवर स्पीड व नशे की हालत में वाहन चलाने वालों के खिलाफ कठोर प्रवर्तन की कार्रवाई की जाए।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Wed, 08 Jun 2022 02:13 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि सड़क सुरक्षा के कार्य बैठकों के जरिये पूरे नहीं किए जा सकते। इसके लिए अधिकारियों को धरातल पर उतर कर काम करना होगा। उत्तरकाशी में जहां सड़क दुर्घटना हुई है, वहां क्रैश बैरियर नहीं थे। उन्होंने कहा कि सभी ब्लैक स्पाट को दुरुस्त करने के साथ ही संवेदनशील स्थलों पर क्रैश बैरियर लगाए जाने हैं।
ओवर स्पीड व नशे की हालत में वाहन चलाने वालों के खिलाफ कठोर प्रवर्तन की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान वाहनों की जांच करने वाले दल चालक की दशा की भी जांच करें। यह जरूर देखा जाए कि चालक अस्वस्थ अथवा थका तो नहीं है। उन्होंने चालकों को समय-समय पर प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए।
मंगलवार को कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने परिवहन मुख्यालय में परिवहन विभाग और निगम की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। दुर्घटना के जो कारण पूर्व में इंगित किए गए हैं, उनको दुरुस्त करने की दिशा में काम किया जाए।
विभागीय राजस्व की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में भिन्न-भिन्न नाम से करों की वसूली की जा रही है। इससे वाहन स्वामियों में भ्रम की स्थिति रहती है। इसके लिए कर के ढांचे को तर्कसंगत बनाते हुए उसका सरलीकरण करें।
यात्रा चेकपोस्ट पर कनेक्टिविटी हो सुनिश्चित
परिवहन मंत्री ने चारधाम यात्रा के लिए बनाई गई चेकपोस्ट पर मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि कुछ चेकपोस्ट में नेटवर्क कनेक्टिविटी न होने के कारण वाहनों के दस्तावेज की आनलाइन जांच नहीं हो पा रही है। इससे वाहन स्वामियों को अनावश्यक विलंब हो रहा है। इसके लिए चेकपोस्ट ऐसे स्थान पर स्थापित की जाएं, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी हो। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकतर कार्य आनलाइन हो रहे हैं। यह ध्यान भी रखा जाए कि इसका लाभ कम पढ़े लिखे चालक-परिचालकों को भी मिले। इसके लिए इनका सरलीकरण किया जाए।
स्थानीय युवाओं को दिया जाए फस्र्ट रिस्पांडर का प्रशिक्षणपरिवहन मंत्री ने कहा कि यह देखने में आया है कि सड़क दुर्घटनाओं में स्थानीय निवासी ही सबसे पहले राहत एवं बचाव कार्य करते हैं। परिवहन, पुलिस व प्रशासन के अधिकारी बाद में पहुंचते हैं। ऐसे में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे घायलों की तत्काल मदद कर सकें।बकाया वसूली के लिए बने कार्ययोजना
परिवहन मंत्री ने कहा कि कई बार यह देखने में आया है कि बकाया वसूली के लिए लंबे समय तक वसूली पत्र निर्गत नहीं किए जाते। इससे बकाया बढ़ता रहता है। जब विभाग वाहन स्वामी को नोटिस देता है तो वह बकाया जमा करने में सक्षम नहीं होता। ऐसे में हर वर्ष वाहन स्वामियों को नोटिस जारी कर वसूली की कार्यवाही की जाए।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड : शहरों में डेंगू फैला तो नपेंगे नगर निकायों के अधिकारी, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने समीक्षा बैठक के दौरान दी हिदायत
निगम के चालकों के लिए बनें विश्राम स्थलमंत्री ने परिवहन निगम की समीक्षा करते हुए कहा कि निगम में चालकों की संख्या पूरी की जाए। कम चालक होने के कारण बचे हुए चालक ही लगातार बस संचालन कर रहे हैं। इससे वे थक जाते हैं। इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि हर बस अड्डे में चालकों व परिचालकों के लिए विश्राम कक्ष बनाए जाएं। उन्होंने परिवहन निगम की संपत्तियों को अतिक्रमण से बचाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को समय से वेतन का भुगतान करने के लिए निगम की आय बढ़ाई जाए। इसके लिए बस अड्डों पर व्यावसायिक गतिविधियों को विकसित करने की कार्ययोजना भी बनाई जाए।
बैठक में सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त रणबीर सिंह चौहान, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम रोहित मीणा, संयुक्त आयुक्त एसके सिंह, उप आयुक्त संधाशु गर्ग, सहायक परिवहन आयुक्त अनीता चमोला व महाप्रबंधक परिवहन निगम दीपक जैन समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: इस बार भी लड़खड़ा न जाएं हजारों करोड़ की उम्मीदें, बजट आकार व खर्च में दूरी 20 हजार से बढ़कर हुई 24 हजार करोड़
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