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ट्रैवल कंपनी पर 20 हजार का जुर्माना, सदस्यता को लिए रुपये लौटाने के भी आदेश Dehradun News

एक ट्रैवल कंपनी पर वायदे के मुताबिक सुविधा न देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 21 Nov 2019 05:14 PM (IST)
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ट्रैवल कंपनी पर 20 हजार का जुर्माना, सदस्यता को लिए रुपये लौटाने के भी आदेश Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। वायदे के अनुसार सुविधा न देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने ट्रैवल कंपनी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इसके अलावा सदस्यता को लिए गए 66, 400 रुपये भी 30 दिन के भीतर लौटाने का आदेश दिया है। 

आशीर्वाद एनक्लेव निवासी डॉ. सरिता चौरसिया ने गुरुग्राम स्थित जुकासो रिसॉर्ट्स के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। वादी के अनुसार विपक्षी ने उन्हें बताया कि यदि वह उनकी सदस्यता लें तो उन्हें बिल्कुल नगण्य खर्च पर देशभर में विभिन्न उच्च स्तरीय होटल की सुविधा मिलेगी। एक तय तिथि पर सदस्यता लेने पर अतिरिक्त लाभ और उपहार भी दिया जाएगा, जिस पर विश्वास करते हुए उन्होंने 25 वर्ष के लिए व्हाइट सीजन मेंबरशिप ली। उपहार स्वरूप उन्हें दो रात और तीन दिन के लिए मुफ्त रहने को एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया। कुछ दिन बाद उन्होंने होटल की बुकिंग चाही तो विपक्षी ने यह कहकर मना कर दिया कि अभी 25 फीसदी धनराशि जमा नहीं हुई है। 

इसके बाद उन्होंने विपक्षी के प्रतिनिधि से संपर्क किया और शिमला या कसौली में बुकिंग को कहा। उसने बुकिंग का आश्वासन दिया पर उसके बाद कोई जवाब ही नहीं आया। इस पर उन्होंने एक अन्य प्रतिनिधि से संपर्क किया। जिसने कहा कि उनकी इच्छानुसार होटल तभी बुक होगा, जब वह ईएमआइ नकद जमा करें। यह मांग भी उन्होंने स्वीकार कर ली। विपक्षी की ओर से दो रात और तीन दिन के लिए नाड्डी, धर्मशाला में बुकिंग की गई। पर वहां पहुंचकर उन्होंने पाया कि होटल और रिसॉर्ट चार कमरों का एक मकान है। जहां पंखा, टीवी आदि तक की सुविधा नहीं थी। 

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वहां विपक्षी द्वारा उन्हें दिए आश्वासन के विपरीत सुविधाएं थीं। उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज की पर कई फोन और ई-मेल के बाद भी इसका निस्तारण नहीं किया गया। विपक्षी को नोटिस तामील होने के बाद भी उनकी तरफ से कोई उपभोक्ता फोरम में उपस्थित नहीं हुआ। ऐसे में सुनवाई एक पक्षीय चली। 

फोरम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल और सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने विपक्षी को आदेशित किया कि वह वादी को सदस्या के 66,400 रुपये वापस करे। इसके अलावा 15 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और पांच हजार रुपये वाद व्यय भी देना होगा। 

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