जागरण संवाददाता, देहरादून: Triple Murder in Dehradun: शिमला बाईपास स्थित
बड़ोवाला में कूड़े के ढेर में पड़े मिले महिला और दो बालिकाओं के शव मामले का पर्दाफाश हो गया है। तीनों की हत्या की गई थी। महिला तलाकशुदा थी और अपनी दो बेटियों के साथ नहटौर बिजनौर से देहरादून आई थी।
शादी का दबाव बनाने के कारण महिला के प्रेमी ने तीनों की गला दबाकर हत्या की और शव कूड़े के ढेर में फेंक दिए थे। आरोपित देहरादून में एक गद्दा फैक्ट्री का कर्मचारी है। उसने हत्या भी फैक्ट्री परिसर में की थी और तीनों शवों को कूड़े के ढेर में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
हिरासत में लेकर पूछताछ की
गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता में एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपित हसीन निवासी फरीदपुर, नहटौर, जिला-बिजनौर (उत्तर प्रदेश) को संदेह के आधार पर बुधवार देर रात हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पूरा घटनाक्रम बयां कर दिया। एसएसपी ने बताया कि नहटौर निवासी रेशमा तलाकशुदा थी। उसके दो साल से आरोपित हसीन के साथ प्रेम-सबंध थे।
तलाक के बाद रेशमा के साथ उसकी 15 वर्षीय बेटी रह रही थी। आठ महीने पहले रेशमा ने एक और बेटी को जन्म दिया। रेशमा का दावा था कि हसीन से प्रेम संबंध के कारण यह बेटी हुई है। रेशमा लगातार हसीन पर शादी का दबाव बना रही थी। साथ ही वह बेटी के पालन-पोषण का खर्चा भी हसीन से मांग रही थी।हसीन भी तलाकशुदा है। वह करीब तीन साल से देहरादून के शिमला बाईपास स्थित टिंबर ली फैक्ट्री में काम कर रहा था। हसीन यहां ब्रह्मपुरी में किराये के कमरे में रहता है। रेशमा से मिलने बिजनौर जाता था।
बेटी होने के बाद उसने रेशमा से मिलना कम कर दिया। जिससे रेशमा व उसके बीच फोन पर विवाद होने लगा। रेशमा उसे फोन कर शादी का दबाव बनाती थी। मैसेज कर पुलिस से शिकायत की धमकी दे रही थी। जिससे तंग आकर उसने रेशमा व उसकी दोनों बेटियों की हत्या का षड्यंत्र रचा।
हसीन बाइक से तीनों को फैक्ट्री में ले गया
एसएसपी ने बताया कि 23 जून की शाम रेशमा बेटी आयत (15 वर्ष) व आयशा (आठ माह) के साथ बिजनौर से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस से देहरादून आइएसबीटी पहुंची। उसने हसीन को फोन कर दून पहुंचने की सूचना दी। हसीन बाइक से आइएसबीटी पहुंचा और रेश्मा व दोनों बेटियों को बैठाकर फैक्ट्री में ले गया।
शाम होने के कारण सभी कर्मचारी चले गए थे और हसीन फैक्ट्री में अकेला था। उसने रेशमा को रात को वहीं रुकने को कहा और जब सब सो गए तो उसने रेशमा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों बेटियों को भी गला व मुंह दबाकर मार डाला।तीनों शवों को फैक्ट्री के पीछे नाले में
कूड़े के ढेर में छिपा दिया। पुलिस ने आरोपित हसीन के विरुद्ध हत्या व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
ऐसे सुलझी गुत्थी
1. बस के टिकट से मिली लाइन
बुधवार को जब पुलिस ने घटनास्थल के आसपास तलाशी अभियान चलाया तो ब्लूडार्ट कंपनी का एक नीले रंग का बैग मिला। जिसमें महिला व बच्चों के कपड़े व अन्य सामान था। इस बैग के अंदर बैंगनी रंग का एक छोटा पर्स भी था। इसमें नहटौर, बिजनौर से देहरादून की बस का टिकट मिला। टिकट एक बालिग और एक नाबालिग का था। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के टिकट के आधार पर पुलिस ने पहले बस का पता लगाया और फिर चालक-परिचालक से पूछताछ की तो पता चला कि जो शव मिले हैं, उनका हुलिया उन यात्रियों से मिलता है, जो उस दिन बस से बिजनौर से दून आए थे। इसके बाद पुलिस नहटौर पहुंची और जांच की कड़ी आपस में जुड़ती चली गईं।
2. ब्लूडार्ट कंपनी के बैग से भी मिली मदद
जब पुलिस ने घटनास्थल के समीप में स्थित टिंबर ली फैक्ट्री में जांच की तो वहां ब्लूडार्ट कंपनी के वैसे ही नीले रंग के बैग बरामद हुए जो घटनास्थल पर मिले थे। पुलिस ने फैक्ट्री में कार्यरत कर्मियों की जानकारी जुटाई। इसी दौरान एक कर्मचारी हसीन के नहटौर से होने का पता चला। जब पुलिस ने संदेह के आधार पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरी घटना का पटाक्षेप हो गया।
फोम के गद्दों में पैक किए थे शव
एसएसपी ने बताया कि हत्या के बाद आरोपित हसीन ने रेशमा के शव को फैक्ट्री में रखे फोम के गद्दे में पैक कर कूड़े के ढेर में दबा दिया, जबकि दोनों बेटियों के शव बिना पैक किए कूड़े में फेंक दिए। इसी कारण दोनों बेटियों के शव पहले दिन मिल गए थे, जबकि रेशमा का शव अगले दिन मिला।हत्याकांड का शीघ्र राजफाश करने पर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की घोषणा की है। वहीं, पुलिस महानिरीक्षक (गढ़वाल परिक्षेत्र) करण सिंह नग्नयाल ने 25 हजार रुपये नकद पुरस्कार की घोषणा की।
पहले दिन पुलिस की लापरवाही आई थी सामने
मंगलवार 25 जून की शाम जब बड़ोवाला क्षेत्र में पेट्रोल पंप से आगे सूखे नाले से बदबू आने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां दो शव कूड़े के ढेर में मिले। इनमें एक महिला, जबकि दूसरा नवजात का था।पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने इस दौरान न तो आसपास कोई तलाशी अभियान चलाया, न ही डाग स्क्वाड और फोरेंसिक टीम को बुलाकर जांच कराई। यही वजह रही कि तीसरा शव उस दिन नहीं मिला, जबकि तीसरा शव भी घटनास्थल के पास ही कूड़े में पड़ा हुआ था।
करीब 18 घंटे बाद बुधवार दोपहर जब तीसरा शव मिला तो पुलिस हरकत में आई व त्वरित गति से जांच को आगे बढ़ाई। सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, रुड़की आदि स्थानों पर महिला व बच्चों की गुमुशुदगी का पता लगाया गया।