धोखाधड़ी के दो मामलों में लाखों हड़पने वाले दो आरोपित गिरफ्तार
धोखाधड़ी के दो मामलों में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। एक मामला बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी का है, जबकि दूसरा मामला बैंक लोन कम कराने का झांसा देकर लाखों की ठगी का है।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 26 Sep 2018 03:51 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: धोखाधड़ी के दो अलग-अलग मामलों में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। एक मामला बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी का है, जबकि दूसरा मामला बैंक लोन कम कराने का झांसा देकर लाखों की ठगी का है।
एसओ वसंत विहार हेमंत खंडूरी ने बताया कि 22 अप्रैल 2017 को कैलाश कुमार साहनी निवासी फेस टू वसंत विहार ने इस संबंध में थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया था कि कुछ लोगों ने उनके मोबाइल पर फोन कर बीमा पॉलिसी मैच्योर होने और पॉलिसी पर अधिक पैसे दिलाने का लालच दिया। वह आरोपितों के झांसे में आ गए और अलग-अलग तिथियों में उनके बताए खातों में 12 लाख रुपये जमा करा दिए।
पुलिस ने टीम गठित कर आरोपितों की तलाश शुरू की। पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर जिन खातों में पैसा जमा किया गया, उनकी जानकारी प्राप्त की। जिसके बाद धोखाधड़ी में तीन लोगों जितेंद्र सूरी निवासी विश्वास पार्क, उत्तम नगर दिल्ली, अमित सिंह निवासी गुरप्रीत नगर, दिल्ली, जुबैर खान निवासी खरक सतवरी, थाना फतेहपुर, दिल्ली का नाम सामने आया।
इन आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई बार दबिश दी, लेकिन आरोपित अपनी लोकेशन बदलते रहे। पुलिस ने उत्तमनगर में दबिश देकर जितेंद्र सूरी को दबोचा लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह अलग-अलग नंबरों से लोगों को उनकी पॉलिसी मैच्योर होने के नाम पर अधिक पैसा दिलाने का लालच देते थे। एसओ ने बताया कि अन्य दो आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
17 लाख रुपये हड़पने के मामले में एक ओर दबोचा
बैंक लोन कम करने के नाम पर एक कंपनी मालिक से 17 लाख 30 हजार हड़पने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपित को शिवालिक नगर, हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। आरोपित के एक साथी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपित ने खुद को वित्त मंत्रालय में सचिव स्तर का अधिकारी बताया था। एसओ राजपुर अरविंद कुमार ने बताया कि सात अप्रैल 2017 को संजीव सिंह ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था कि उनके ससुर कृष्णकांत की कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर नाम से कंपनी है। कंपनी ने काफी लोन लिया हुआ था। जिसका केस डीबीटी लखनऊ में लंबित था।
बताया कि इसी दौरान उन्हें दो लोगों का फोन आया। उन्होंने खुद को वित्त मंत्रालय के सचिव स्तर का अधिकारी एवं बैंक का डीजीएम बताकर झांसा दिया कि वह उनका बैंक लोन कम करवा देंगे। शिकायतकर्ता के मुताबिक, वह उनके झांसे में आ गए और इसके एवज में आरोपितों को 17 लाख 30 हजार रुपये दे दिए। रुपये देने के बाद भी जब काम नहीं हुआ तो उन्होंने आरोपितों से पैसे वापस मांगे। आरोपितों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए पैसे वापस करने से साफ मना कर दिया।
तहरीर के बाद पुलिस ने 11 अगस्त को एक आरोपित भगवान शर्मा जिसने खुद को बैंक का डीजीएम स्तर का अधिकारी बताया था, को गिरफ्तार कर लिया। जबकि खुद को वित्त मंत्रालय में सचिव स्तर का अधिकारी बताने वाला चंद्रपाल नंदा पुत्र स्व. बाबू लाल नंदा निवासी ग्राम आनेकी हेतमपुर, हरिद्वार फरार चल रहा था। उसे मुखबिर की सूचना पर शिवालिक नगर, हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया।यह भी पढ़ें: फौजी की पत्नी के खाते से उड़ाए 84 हजार, ठगी में चार गिरफ्तार
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