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नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में दो को बीस-बीस साल कैद की सजा Dehradun News

छात्रा से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत छात्र समेत दो को बीस-बीस साल कैद की सजा सुनाई है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 18 Dec 2019 07:04 PM (IST)
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नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में दो को बीस-बीस साल कैद की सजा Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत छात्र समेत दो को बीस-बीस साल कैद की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान पीड़िता पूर्व में दिए अपने मजिस्ट्रेटी बयान से मुकर गई थी, लेकिन अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान में पाया कि घटना सही है और छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ। लिहाजा अदालत ने बुधवार को दोनों को सजा का एलान कर दिया। 

शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि घटना प्रेमनगर थाना क्षेत्र में 29 सितंबर 2018 को हुई। एक संस्थान में स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा को उसके साथ पढ़ने वाली छात्रा ने घुमाने के बहाने बुलाया। उसने बताया कि वह अपने दोस्त प्रभात के साथ घूमने जा रही है। सहेली के कहने पर पीड़िता भी साथ चलने को तैयार हो गई। इस पर प्रभात ने अपने दोस्त दिनेश को फोन कर बल्लूपुर चौक आने के लिए कहा। दिनेश के बल्लूपुर चौक पहुंचने पर एक छात्रा दिनेश तो दूसरी प्रभात की स्कूटी पर बैठ गई। यहां से दोनों सुद्धोवाला स्थित एक कमरे में गए। 

प्रभात ने यहां छात्रा को जबरन शराब पिलाई। उस पर नशा छाने लगा। इसके बाद छात्रा की दोस्त और प्रभात दूसरे कमरे में चले गए। इस दौरान दिनेश ने छात्रा को कमरे में अकेले पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता अपने हॉस्टल पहुंची और वहां से परिजनों को इस घटना की जानकारी दी। इस पर परिजन थाने पहुंचे और दिनेश निवासी सुद्धोवाला और प्रभात निवासी इंजीनियर एनक्लेव वसंत विहार के खिलाफ दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया। प्रभात और दिनेश को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया। 

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पुलिस ने मामले में 14 दिसंबर 2018 को दोनों आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए गए। जबकि बचाव पक्ष से एक गवाह पेश हुआ। मेडिकल साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने दिनेश को दुष्कर्म और प्रभात को साजिश रचने के आरोप में दोषी करार देते हुए सजा सुना दी। अदालत ने दोनों पर तीस-तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। 

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सवालों जवाब न दे सकी पीड़िता

अदालत में जब पीड़िता की गवाही हुई तो उसने कहा कि उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया गया बयान पुलिस के दबाव में दिया है। अदालत ने पूछा कि कैसा दबाव था तो वह कोई जवाब नहीं दे सकी। वहीं बयान में घटना की तिथि और मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हो जाने के बाद अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया। 

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