गणतंत्र दिवस पर चली गोली से दो घायल, जमीन से न टकराती तो... अब समाप्त कर दी गई बरसों पुरानी ये परंपरा
Uttarakhand News शुगर मिल में गोली चलने की घटना के बाद वर्षों पुरानी चली आ रही हर्ष फायरिंग की परंपरा को अब समाप्त किया जाएगा। इसको लेकर अधिशासी निदेशक ने संकेत दिए है। गनीमत यह रही की गोली चलने से पूर्व बंदूक का मुंह जिस और था उस और सीधी गोली नहीं चली। अन्यथा एक बड़ी घटना घट सकती थी।
संवाद सहयोगी, डोईवाला। डोईवाला शुगर मिल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद मिल के सुरक्षाकर्मी की ओर से अचानक गोली चल गई। जिससे कि शुगर मिल के अधिशासी निदेशक (इडी) व वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह घायल हो गए। जिनका उपचार देहरादून के एक निजी अस्पताल में किया गया। इसके बाद वह पुनः शाम को शुगर मिल में लौटकर अपने कार्य निपटाने लगे।
घटना में मिल के उप रसायनज्ञ राजवीर सिंह भी मामूली रूप घायल हुए है। वहीं घटना के बाद इडी की कुशलक्षेम पूछने के लिए भी शुभचिंतकों का तांता शुगर मिल में लगा रहा। वहीं घायल होने के बाद भी संविधान की परंपरा को निभाते हुए ध्वजारोहण करने व सभी कार्य समय से पूर्ण करने को लेकर लोगों ने देशभक्ति के प्रति उनके जज्बे को भी सराहा।
सुरक्षाकर्मी को कर दिया गया निलंबित
वही मिल प्रबंधन ने लापरवाही बरतने के मामले में उक्त सुरक्षाकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। जबकि देर शाम गोली चलने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद एसएसपी अजय सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
इसके बाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक होशियार सिंह पंखोली ने बताया कि मिल के उक्त सुरक्षाकर्मी सुभाष वर्मा के विरुद्ध आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डोईवाला शुगर मिल में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रातः 9:30 बजे ध्वजारोहण किया जाना था।
उससे पूर्व लगभग 9.25 पर जब अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ध्वजारोहण प्रारंभ करने ही वाले थे कि उससे पूर्व ही उनके सामने कुछ दूरी पर खड़े हर्ष फायरिंग करने वाले सुरक्षाकर्मी ने 312 बोर बंदूक की गोली चला दी। बंदूक से गोली निकलते ही जमीन से टकराती हुई उसके छर्रे आसपास फैल गए। जिसमें एक छर्रा अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह के पेट में नाभि के दाएं और लगा।
तो वही एक छर्रा मिल के उप रसायनज्ञ राजवीर सिंह के आंख के पास से चेहरे को छूकर निकल गया। वही घटना में गोली का छर्रा पेट में लगने के बावजूद भी अधिशासी निदेशक ने किसी को इसका आभास नहीं होने दिया और दर्द सहते हुए भी समय से ध्वजारोहण किया। जिसके बाद राष्ट्रगान होने के पश्चात उन्होंने मिल कर्मियों को संविधान की शपथ भी दिलाई।
इस दौरान अधिक तेज दर्द होने व खून रिसाव के चलते उन्होंने तत्काल अस्पताल का रुख किया और देहरादून के एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराया। इसके बाद वह शाम को फिर शुगर मिल में अपने कार्य करने लगे । वही इडी को गोली लगने की बात फैलने से मिल में हड़कंप मच गया। बातचीत में अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि फायरिंग होने में प्रथम दृष्टया सुरक्षा कर्मी सुभाष वर्मा की लापरवाही सामने आई है।
इसके लिए उसे निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाकर इस मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि घटना की कुछ वीडियो फुटेज भी सामने आई है जिसका संज्ञान लेते हुए जांच की जाएगी। यदि जांच में कुछ संदिग्ध पाया जाता है तो पुलिस की भी मदद ली जाएगी।
गोली जमीन से ना टकराती तो घट सकती थी बड़ी घटना
सुरक्षा कर्मी के हाथ से जब गोली चली तो बंदूक में झटका लगने से बंदूक का मुंह जमीन की ओर हो गया। जिस पर गोली जमीन से टकराकर उसके छर्रे आसपास हवा में बिखर गए। गनीमत यह रही की गोली चलने से पूर्व बंदूक का मुंह जिस और था उस और सीधी गोली नहीं चली। अन्यथा एक बड़ी घटना घट सकती थी।
अधिशासी निदेशक के साथ ही उनके आसपास स्कूली बच्चे व मिल के कई कर्मचारी भी मौजूद थे। परंतु गोली चलने के बाद छर्रे आसपास फैल गए जो की अधिशासी निदेशक व चीफ इंजीनियर के ही लगे। किसी स्कूली बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
घटना के बाद बदलेगी परंपरा, होंगे बदलाव
शुगर मिल में गोली चलने की घटना के बाद वर्षों पुरानी चली आ रही हर्ष फायरिंग की परंपरा को अब समाप्त किया जाएगा। इसको लेकर अधिशासी निदेशक ने संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों को इसका कोई विशेष प्रशिक्षण भी नहीं होता है। साथ ही इस तरह की कोई परंपरा का लाभ नहीं है। इससे कोई भी घटना घट सकती है। इस घटना का संज्ञान लेकर फायरिंग की परंपरा को बंद किया जाएगा। - महेंद्र चौहान