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रहें सावधान, मेहनत की कमाई लूट रहे हैं बेईमान, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून में बदमाशों ने एफआरआइ में नौकरी के नाम पर एक व्‍यक्ति से दो लाख रुपये ठगे लिए। दूसरे मामले में ठगे चिकित्सक के खाते से 90 हजार रुपये उड़ा लिए।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 26 Jul 2020 09:59 AM (IST)
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रहें सावधान, मेहनत की कमाई लूट रहे हैं बेईमान, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। आए दिन ठगी के नए मामले सामने आ रहे हैं। देहरादून में बदमाशों ने एफआरआइ में नौकरी के नाम पर एक व्‍यक्ति से दो लाख रुपये ठगे लिए। दूसरे मामले में ठगे चिकित्सक के खाते से 90 हजार रुपये उड़ा लिए। वहीं तीसरे मामले में किटी के नाम पर संचालिका ने लाखों रुपये हड़प लिए और चौथे मामले में पार्सल में गिफ्ट भेजने का झांसा देकर युवती को गुमराह कर खाते में रकम डलवाई।

एफआरआइ में नौकरी के नाम पर दो लाख ठगे

प्रेमनगर थाना पुलिस ने वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में क्लर्क की नौकरी दिलाने का झांसा देकर दो लाख रुपये की ठगी के आरोप में एक को गिरफ्तार किया है, जबकि ठगी में शामिल महिला की तलाश की जा रही है। प्रेमनगर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह रौतेला के अनुसार, प्रेमनगर के रहने वाले लोकेश कुमार ने बताया कि उसकी मुलाकात 2018 अंजू यादव निवासी मोहनपुर से हुई थी।

लोकेश की क्षेत्र में परचून की दुकान है, अंजू यादव अकसर सामान लेने के लिए आती थी। अंजू यादव ने लोकेश को बताया कि उसकी एफआरआइ के अधिकारियों से जान-पहचान है। इसलिए वह एफआरआइ में उसकी क्लर्क पद पर नौकरी लगवा देगी। अंजू यादव ने लोकेश की मुलाकात शेर सिंह तोमर नामक व्यक्ति से कराई। आरोप है कि शेर सिंह ने नौकरी लगवाने के एवज में पांच लाख रुपये की मांग की।

दोनों के बीच एग्रीमेंट भी हुआ और लोकेश ने मई 2018 को शेर सिंह को पहली किश्त के रूप में दो लाख रुपये दे दिए। जब नौकरी नहीं मिली तो लोकेश ने शेर सिंह और अंजू यादव से संपर्क किया। आरोप है कि शेर सिंह टालता रहा और बाद में धमकाने लगा। ठगी का एहसास होने पर लोकेश ने तहरीर दी। पुलिस ने शेर सिंह तोमर और अंजू यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। शनिवार को शेर सिंह को गोरखपुर चौक से गिरफ्तार कर लिया गया।

एफआरआइ में नौकरी करता था आरोपित शेर सिंह

एसओ धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि आरोपित शेर सिंह तोमर एफआरआइ में ड्राइवर था। 2019 में उसने वीआरएस ले लिया। इसके बाद उसने धोखाधड़ी शुरू कर दी। शेर सिंह ने 2019 में ही कुछ व्यक्तियों से नौकरी लगाने के नाम पर पैसे ले लिए। इस मामले में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें वह जेल जा चुका है।

चिकित्सक के खाते से उड़ाए 90 हजार

एक चिकित्सक को ऑनलाइन बेड मंगवाना भारी पड़ गया। बेड तो नहीं मिला, शातिर ने चिकित्सक के खाते से 90 हजार रुपये उड़ा दिए। साइबर सेल की जांच के बाद पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर प्रदीप बिष्ट के अनुसार, चिकित्सक अशोक लाल ने शिकायत दर्ज करवाई कि उन्‍होंने 10 मार्च को एक बेड ऑनलाइन बुक कराया था। लॉकडाउन के कारण कंपनी ने चिकित्सक को नौ मई को संदेश भेजा कि सामान की डिलीवरी नहीं की जा सकती। चिकित्सक ने ऑर्डर कैंसिल करने की वजह जानने के लिए साइट पर दिए हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया। एक व्यक्ति ने खुद को विक्रम राठौर बताया और कहा कि शिकायत दर्ज कर ली गई है। 

शातिर ने यूपीआइ के माध्यम से बताए गए मोबाइल नंबर पर 10 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा। चिकित्सक ने 10 रुपये भेज दिए। इसके बाद 12 मई को चिकित्सक के खाते से 90100 रुपये उड़ गए। इंस्पेक्टर ने बताया कि चिकित्सक के 40 हजार रुपये वापस भी दिलवा दिए गए हैं। बाकी जांच जारी है।

किटी के नाम पर संचालिका ने हड़प लिए लाखों रुपये

किटी कमेटी के नाम पर संचालिका ने कई महिलाओं को लाखों की चपत लगा दी। अब तक तीन लोग सामने आए हैं, जिनसे करीब नौ लाख रुपये की ठगी हुई है। पुलिस ने आरोपित किटी संचालिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। पीड़ितों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

शहर कोतवाल शिशुपाल नेगी के अनुसार, नेशनल रोड निवासी सुमन ने बताया कि 2007 में उनका संपर्क सुषमा जैन से हुआ। सुषमा ने सुमन से किटी में पैसा जमा करने को कहा। सुषमा पर विश्वास कर उन्होंने हरे कृष्णा किटी व दशमेश बुटीक एवं गिफ्ट शॉप किटी में 2018 से पैसे जमा करने शुरू किए। सुषमा ने उन्हें दो सदस्यता कार्ड भी दिए। सुमन ने अपने और बच्चों के नाम से किटी में पांच लाख 76 हजार रुपये जमा कराए।

किटी का समय पूरा होने पर सुमन जनवरी 2020 में पैसे लेने पहुंचीं तो आरोपित सुषमा उन्हें टाल दिया। ऐसा कई बार हुआ। मार्च में सुमन को पता चला कि सुषमा जैन ने जिनसे भी किटी के नाम पर पैसे लिए हैं, वह उन्हें नहीं लौटा रही है। कोतवाल ने बताया कि सुषमा जैन और उसके पति मनोज जैन ने नेशनल रोड के रहने वाले सुधीर वर्मा के डेढ़ लाख और डोभालवाला की प्रेमलता के एक लाख 74 हजार रुपये भी हड़प लिए हैं। सुमन की शिकायत पर सुषमा व उसके पति मनोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पार्सल में गिफ्ट भेजने का झांसा देकर खाते में डलवाई रकम

मैट्रीमोनियल साइट से मोबाइल नंबर लेकर आरोपित ने दून की युवती से पहचान बढ़ाई और उसे पार्सल भेजने के नाम पर करीब डेढ़ लाख रुपये की चपत लगा दी। युवती की शिकायत पर पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने स्कॉटलैंड निवासी डोनाल्ड जोसेफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इंस्पेक्टर प्रदीप बिष्ट के अनुसार, चंद्रबनी, मोहनीवाला निवासी युवती ने बताया कि उसे मैट्रीमोनियल साइट के जरिये शादी का प्रस्ताव मिला। यह प्रस्ताव स्कॉटलैंड निवासी डोनाल्ड जोसेफ ने भेजा था। दोनों के बीच वाट्सएप के जरिये बातचीत शुरू हुई। कुछ दिन बाद जोसेफ ने युवती से कहा कि वह एक पार्सल भेज रहा है। छह जुलाई को जोसेफ ने पार्सल भेजा। आठ जुलाई को युवती के पास एक फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को कस्टम विभाग से बताया व कस्टम क्लीयरेंस शुल्क के रूप में 29,850 रुपये जमा करने को कहा। इस पर युवती ने फोन करने वाले के बताए खाते में रकम डाल दी। नौ जुलाई को फिर से फोन आया।

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बताया गया कि डोनाल्ड जोसेफ द्वारा भेजे गए पार्सल में एक आइफोन, यूके की मुद्रा, चेक आदि हैं, इसलिए एक लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। युवती ने कस्टम शुल्क और जुर्माना राशि का भुगतान करने के बाद जब पार्सल पहुंचाने के लिए कहा तो जवाब मिला कि दो लाख 50 हजार रुपये और जमा करने होंगे। जब युवती ने पार्सल वापस भेजने की प्रक्रिया पूछी तो जवाब मिला कि पार्सल में यूके की मुद्रा हैं, यह मनी लॉडिंग का मामला है। स्कॉटलैंड यूके में पार्सल वापस शिपिंग के लिए तीन लाख 30 हजार 600 रुपये जमा करने होंगे। इस पर युवती को ठगी का एहसास हुआ और उसने पटेलनगर कोतवाली में तहरीर दी।

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