दो प्रोफेसरों ने इजाद की सेंसर युक्त सेनिटाइजर मशीन, पढ़िए पूरी खबर
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज के दो प्रोफेसरों ने सेंसर पर आधारित एक ऑटोमेटिक हैंड सेनिटाइजर मशीन का प्रारूप तैयार किया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 17 May 2020 10:49 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए आज हर कोई अपने स्तर से प्रयास करने में जुटा है। कोई शारीरिक दूरी के नियमों को पालन करने के लिए जागरूकता फैला रहा है तो कोई मास्क व सेनिटाइजर तैयार करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में अब यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज (यूपीइएस) के प्रो.(डॉ.) रवि तोमर व डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज, टनकपुर के निदेशक डॉ. अमित अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने सेंसर पर आधारित एक ऑटोमेटिक हैंड सेनिटाइजर मशीन का प्रारूप तैयार किया है।
प्रो. अग्रवाल ने बताया कि इस मशीन के नीचे हाथ रखते ही सेंसर एक्टिवेट हो जाता है और अंदर भरे हुए सेनिटाइजर का स्प्रे हाथों पर करती है। जिससे कोई भी व्यक्ति इस मशीन को बिना छुए अपने हाथों को सेनिटाइज कर सकता है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस मशीन को किसी स्कूल, विद्यालय, कार्यालय, दुकान घर के मुख्य द्वार पर स्थापित किया जा सकता है।
350 रुपये तक होगी कीमत
यूपीईएस के प्रोफेसर व इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज के निदेशक इस उपकरण को मशीन का वास्तविक रूप देकर आमजन के लिए बाजार में उपलब्ध करवाएंगे। यह उपकरण हर दुकान व छोटे प्रतिष्ठानों के बाहर लगाया जा सकता है। इसकी कीमत लगभग 250 से 3500 रुपये के बीच रखी जाएगी। यह भी पढ़ें: आइआइटी रुड़की ने विकसित किया स्टेरिलाइजेशन सिस्टम, ये सामान किये जाएंगे सेनिटाइज
शिक्षा संस्थानों के लिए उपयोगीयूपीईएस के प्रो. रवि तोमर ने कहा कि इस उपकरण को बनने के पीछे उनका उद्देश्य आने वाले समय में कोरोना संक्रमण को उच्च शिक्षा संस्थान में रोकने से लेकर है। यदि कोई उच्च शिक्षा संस्थान कक्षाओं के बाहर सेनिटाइजर की बोतल रखते हैं, तो सौ छात्रों वाली कक्षा के प्रत्येक छात्र अपने हाथों को सेनिटाइज करने के लिए उतनी ही बार बोतल को छूना होता है। जिससे संक्रमण की संभावना बन सकती है।
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