बेटिकट यात्रा का मामला, चेकिंग में लापरवाही पर दो रोडवेज निरीक्षक सस्पैंड
दिल्ली से रुद्रपुर जा रही रोडवेज बस में 18 सवारी बेटिकट पकड़े जाने के मामले में चेकिंग में लापरवाही के आरोपी दो यातायात निरीक्षक को रोडवेज मुख्यालय ने निलंबित कर दिया है।
By BhanuEdited By: Updated: Sat, 22 Jun 2019 01:48 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दिल्ली से रुद्रपुर जा रही रोडवेज बस में 18 सवारी बेटिकट पकड़े जाने के मामले में चेकिंग में लापरवाही के आरोपी दो यातायात निरीक्षक को रोडवेज मुख्यालय ने निलंबित कर दिया है। दोनों उस रूट पर लगातार प्रवर्तन डयूटी कर रहे थे, जहां से यह बस गुजर रही थी।
इसके साथ ही मुख्यालय ने रुद्रपुर एजीएम महेंद्र सिंह के विरुद्ध भी जांच बैठा दी है। साथ ही पिछले दो महीने का चेकिंग व एजीएम की समीक्षा का पूरा ब्योरा तलब किया है। बस चालक के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। मामले में आरोपित बस परिचालक को गुरूवार को ही बर्खास्त कर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। बता दें कि रुद्रपुर डिपो की एक साधारण बस (यूके07पीए-1488) बुधवार देर रात एक बजे दिल्ली से रुद्रपुर के लिए चली थी और बस में 32 सवारी थी। बस पर विशेष श्रेणी का परिचालक बिजेंद्र सिंह तैनात था। इस बस में लगातार बेटिकट सवारी के बारे में शिकायत मिल रही थी।
बताया गया कि इस मार्ग पर हल्द्वानी मंडल की काठगोदाम डिपो की फ्लाइंग मौजूद रहती थी मगर वह बस को चेक नहीं करती थी। बस लगातार बेरोकटोक संचालित हो रही थी। मुख्यालय ने बुधवार रात रुड़की डिपो की फ्लाइंग को बस चेक करने भेजा और टीआई ओमपाल सिंह ने इस बस को गाजियाबाद के डासना में चेक किया।
बस में 18 सवारी बेटिकट मिली। परिचालक ने यात्रियों से किराया तो लिया हुआ था लेकिन टिकट नहीं दिए थे। परिचालक से फर्जी टिकट भी मिले। आरोप है कि परिचालक टीम से ई-टिकट मशीन छीनकर कैश बैग समेत भाग गया। इस पर परिचालक पर डासना थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया व उसे बर्खास्त कर दिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित परिचालक बिजेंद्र सिंह रुद्रपुर डिपो के एक अफसर का काफी करीबी था। बिजेंद्र एक ही रूट पर डयूटी करता था।
मामले में रिपोर्ट के आधार पर महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव ने काठगोदाम डिपो के यातायात निरीक्षकों ब्रह्मानंद और जगमोहन को निलंबित कर दिया। चालक गोविंदनाथ स्वामी के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। डिपो की कमाई चल रही 90 फीसद, परिचालक की महज 48
पीक सीजन में जून में रुद्रपुर डिपो की कमाई का औसत 90 फीसद चल रहा था, वहीं आरोपित परिचालक बिजेंद्र सिंह की कमाई का औसत महज 48 से 51 फीसद था। हालांकि, बस हमेशा फुल रहती थी, मगर आधी बस बेटिकट होने की वजह से कमाई रोडवेज के खाते में नहीं जा रही थी। एआरएम पर क्यों मेहरबानी
भ्रष्टाचार व बेटिकट के मामलों पर पूर्व में ही रोडवेज ने सख्त नियम बनाए थे। इनमें दस बेटिकट से ऊपर बस पकड़े जाने पर संबंधित डिपो के एजीएम पर सीधे कार्रवाई का प्रावधान रखा गया था, लेकिन रोडवेज प्रबंधन अपने ही नियम का पालन नहीं कर रहा है। हर बार चालक-परिचालक की तो गर्दन नाप दी जाती है, लेकिन डिपो एजीएम के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती। इस बार भी रुद्रपुर डिपो एजीएम को इस नियम से बाहर रखा गया। पवर्तन टीम पूरी तरह जिम्मेदार
रोडवेज की महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव के अनुसार, यह बेहद शर्मनाक है कि रूट पर होने के बावजूद प्रवर्तन टीम के सामने से बेटिकट बस गुजर जा रही। प्रवर्तन टीम इस मामले में पूरी तरह जिम्मेदार है और मिलीभगत के आसार भी हैं। लिहाजा, काठगोदाम डिपो के दोनों टीआई को निलंबित कर दिया गया है। एजीएम को हर प्रवर्तन टीम व बसों पर जा रहे चालक और परिचालक की समीक्षा करनी होती है। इसका रेकार्ड मांगा गया है। एजीएम के विरुद्ध जांच चल रही है। उसके बाद विभागीय कदम उठाए जाएंगे।
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