शासन को नोटिस का जवाब देने के बजाय USDMA के दो अधिकारियों ने दिए त्यागपत्र, बैठक में भी नहीं हुए शामिल
उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के दो अधिकारियों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। दोनों को पूर्ववर्ती डिजास्टर मैनेजमेंट एंड मिटिगेशन सेंटर के दौरान हुई अनियमितता के मामले में शासन ने नोटिस भेजा था। इसका जवाब देने के स्थान पर इन्होंने अपने त्यागपत्र शासन को भेज दिए। सोमवार को वे विभागीय बैठक में भी शामिल नहीं हुए ।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत गठित यूएसडीएमए (उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी) के दो अधिकारियों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। इनमें ईडी (एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर) डा पीयूष रौतेला व एसईओसी (स्टेट इमरजेंसी आपरेटिंग सेंटर) के प्रभारी राहुल जुगरान शामिल हैं। दोनों को पूर्ववर्ती डीएमएमएसी (डिजास्टर मैनेजमेंट एंड मिटिगेशन सेंटर) के दौरान हुई अनियमितता के मामले में शासन ने नोटिस भेजा था।
इसका जवाब देने के स्थान पर इन्होंने अपने त्यागपत्र शासन को भेज दिए। सोमवार को वे विभागीय बैठक में भी शामिल नहीं हुए। पूर्ववर्ती डीएमएमसी में कुछ कार्मिकों के वेतन का गलत निर्धारण कर दिया गया था। यह भी शिकायत थी कि ग्रेच्युटी का पैसा भी अपने बैंक खातों में मंगा लिया गया, जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद मिलना था। कार्मिकों के जीवन बीमा में भी अनियमितता की बात सामने आई थी।बाद मेंं यूएसडीएमए का गठन होने के बाद डीएमएमसी का उसमें विलय कर दिया गया था, लेकिन पूर्ववर्ती डीएमएमसी में अनियमितता का मामला तूल पकड़ता रहा। शासन के कड़े रुख के बाद कुछ कार्मिक कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने शासन को प्रकरण निस्तारित करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में शासन ने कुछ समय पहले छह कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए। साथ ही सुनवाई की तिथियां तय कीं।
दो कार्मिकों ने नोटिस का नहीं दिया जवाब
सूत्रों के अनुसार चार कार्मिक सुनवाई में उपस्थित हुए और स्पष्ट किया कि शासन जो भी वेतन का निर्धारण करेगा, उन्हें स्वीकार है। दो कार्मिकों ईडी डा पीयूष रौतला और एसईओसी प्रभारी राहुल जुगरान ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। नोटिस में उनसे पूर्ववर्ती डीएमएमसी में हुई अनियमितता के दृष्टिगत विभिन्न बिंदुओं पर पूछा गया था।सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार डा रौतेला व जुगरान से पूर्व में हुई गड़बड़ी को लेकर जवाब मांगा गया था। जवाब देने के स्थान पर दोनों ने त्यागपत्र दे दिया। डा सिन्हा के अनुसार इस प्रकरण के संबंध में पूरा ब्योरा वित्त एवं कार्मिक विभाग को भेजा जाएगा।
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