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विधायक हॉस्टल पर गरजे उक्रांद कार्यकर्ता, विधायकों के नाम पत्र भी भेजा

उक्रांद की महानगर इकाई से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्थन में रेसकोर्स स्थित विधायक हॉस्टल के बाहर प्रदर्शन किया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 22 Jan 2020 11:37 AM (IST)
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विधायक हॉस्टल पर गरजे उक्रांद कार्यकर्ता, विधायकों के नाम पत्र भी भेजा
देहरादून, जेएनएन।  उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) की महानगर इकाई से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्थन में रेसकोर्स स्थित विधायक हॉस्टल के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने विधायकों के नाम पत्र भी भेजा। कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के न्यूनतम मानदेय को बढ़ाकर 18 हजार रुपये कराने के लिए विधायक भी सरकार पर दबाव बनाएं।

महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने कहा कि न्यूनतम मानदेय बढ़ाने समेत दस सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिछले कई दिन से आंदोलन/बेमियादी अनशन कर रही हैं। कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास बीएलओ, जनगणना, पशु गणना, आर्थिक गणना, राशनकार्ड सत्यापन, बच्चों व गर्भवती महिलाओं का पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि कई महत्वपूर्ण कार्य हैं। लेकिन उन्हें बहुत कम मानदेय दिया जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का न्यूनतम मानदेय बढ़ाकर 18 हजार रुपये किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभागीय पदोन्नति का लाभ देने, दीपावली बोनस व विभागीय बैठकों में प्रतिभाग करने के लिए यात्र भत्ता दिए जाने की मांग भी उन्होंने की है। प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई, डीके पाल, राजेंद्र बिष्ट, आशीष नौटियाल, समीर गौड़, अशोक नेगी, उत्तम रावत शामिल रहे।

अनशनकारी अंजू को जबरन अस्पताल पहुंचाया

मानदेय वृद्धि को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मंगलवार को पुलिस से फिर नोकझोंक हो गई। पुलिस ने अनशनकारी अंजू चंद को जबरन अस्पताल में भर्ती करा दिया।

दोपहर करीब एक बजे परेड ग्राउंड स्थित धरनास्थल पर पुलिस वाहन लेकर पहुंची। पुलिस बल ने अनशन पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धर्मपुर निवासी अंजू चंद का स्वास्थ्य खराब होने के चलते जबरन अस्पताल पहुंचाया। इस पर कई कार्यकर्ता पुलिस से उलझ पड़ीं। इसके बाद थत्यूड़ ब्लॉक से राजबाला और पौड़ी से विजया देवी बेमियादी अनशन पर बैठीं। 

वहीं, मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने आरोप लगाया कि महिला सम्मान और सुरक्षा को तरजीह देने वाली प्रदेश सरकार आज महिलाओं की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संवैधानिक अधिकारों के तहत शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही हैैं। लेकिन, सरकार के इशारों पर अनशन पर बैठी महिला कार्यकर्ताओं को जबरन उठाया जा रहा है। उनके साथ धक्का-मुक्की की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह अपना आंदोलन और मजबूती से आगे बढ़ाएंगे। प्रदर्शनकारियों में प्रदेश उपाध्यक्ष विमला कोहली, संगठन मंत्री मीनाक्षी रावत, महामंत्री सुमति थपलियाल, प्रतिभा शर्मा, विजय लक्ष्मी नौटियाल, मीना रावत, बीना जोशी, आशा थपलियाल, विमला गैरोला, बसंती रावत, राजश्री सुमित्रा, अबला चौहान, पिंकी, ममता रतूड़ी आदि शामिल रहीं। 

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रूलक ने दिया समर्थन 

रूलक लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेंट केंद्र ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को समर्थन दिया है। संगठन ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रतिमाह किए जाने की मांग जायज है, क्योंकि भारतीय संविधान भी समान काम के लिए समान वेतन की बात कहता है।

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